रीयल लाइफ वीर-ज़ारा: हिंदुस्तान का एक वीर पाकिस्तान की जेल में है

हामिद अंसारी पाकिस्तान

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प्यार, इश्क, मोहब्बत और ना जाने क्या-क्या कहते हैं इसे, लोग कहते हैं की इसका जूनून जिसके सर पे सवार हो जाए वो पागलपन की हद भी पार कर जाता है, खासकर हमारे देश की प्रेम-कहानियों में पागलपन साफ़ झलकता है। आपने भी अख़बारों में, इन्टरनेट पर या फिर किसी की जुबानी ऐसे लाखों किस्से सुने होंगे जिसमे लड़का या लड़की किसी के प्यार में पड़कर कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसे सुनकर समूची दुनिया हैरान रह जाती है कि भाई ये क्या कर डाला इनलोगों ने। हम लोग आधुनिक युग की ओर बढ़ रहे हैं, नयी टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं और रोजाना नए-नए अविष्कार भी हो रहे हैं, आम बोलचाल की भाषा में कहूँ तो ज़माना बदल रहा है, माहौल बदल रहा है। अब इस बदलते माहौल का असर आजकल की प्रेम कहानियों पे भीं पड़ा है, कभी मोहल्लों के घरों की बालकनी से होने वाला प्यार अब सिमट कर फेसबुक ट्विटर पे आ गया है। किसी ज़माने  में इशारों से होने वाला प्यार अब फेसबुक की फ्रेंड रिक्वेस्ट पे सिमट गया है और इस सोशल मीडिया के आगमन से अब और भी अनोखी और कभी-कभार दिल देहला देनी वाली प्रेम कहनियां हमे सुनने को मिल रही है।

ऐसी ही एक कहानी है हामिद अंसारी की, सिनेमा के शौकीनों ने शाहरुख़ खान की फिल्म ‘वीर-ज़ारा ’ जरुर ही देखी होगी। इस फिल्म में भारतीय वायु सेना के एक फौजी को पाकिस्तान की एक लड़की से प्यार हो जाता है और ये प्यार पागलपन की उस हद को पार कर जाता है की वो लड़का फ़ौज की नौकरी से त्यागपत्र देकर अपनी माशूका की शादी रुकवाने पाकिस्तान चला जाता है मगर वहां उसे धोखे से गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जाता है, फिल्म उस युवक की संवेदनाओं पर आधरित थी और इसने भारतीय सिनेमाघरों में धूम मचा दी थी। फिल्म वाकई अच्छी थी मगर काल्पनिक थी और इसका  वास्तविक जीवन से कोई लेना-देना नहीं था लेकिन फिल्मकारों ने भी फिल्म बनाते वक्त ये नहीं सोचा होगा की ये कहानी अपने ही देश में कुछ ट्विस्ट के साथ हकीकत में घटित हो जाएगी। जी हाँ, आपने सही अंदाज़ा लगाया है की हामिद अंसारी की कहानी वीर-ज़ारा  से मिलती है। मुंबई का एक लड़का जो आज पाकिस्तानी जेल में कैद है, क्यूँ और कैसे ये सभी सवालों के जवाब मैं दूंगा और शायद आपको भी प्यार और पागलपन के बीच का अंतर समझने में आसानी हो।

मुबई का बाशिंदा हामिद पेशे से सॉफ्टवेर एक्सपर्ट था और 5 नवम्बर 2012 को यह कहकर घर छोड़ दिया था की उसे अफगानिस्तान में नौकरी मिल गयी है और वो वहीं जा रहा है, 10 नवम्बर को अपने घरवालों को उसने फ़ोन पे बताया की वो जल्द ही वापिस लौट आएगा क्योंकि अफगानिस्तान वो जिस कार्य के लिए गया था वो नहीं हो पाया। उसके बाद जब 15 नवम्बर तक उससे संपर्क स्थापित नहीं हो पाया तो घरवालों ने परेशान होकर वेर्सोवा ठाणे में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी, एफआईआर दर्ज करवाने के बाद ही इस कहानी की परतें खुलनी शुरू हुईं, हामिद की माँ फौजिया अंसारी ने जब उसके फेसबुक अकाउंट और ईमेल खतों की जाँच की तब यह ज्ञात हुआ की असल में हामिद अंसारी अफगानिस्तान के रस्ते पाकिस्तान चला गया था। फेसबुक खाते की विस्तृत जाँच से ये मालूम पड़ा की हामिद के कुछ पाकिस्तानी नागरिकों से अच्छे संपर्क थे और उसका प्रेम-प्रसंग एक कोहत की रहने वाली एक पाकिस्तानी लड़की सबा से चल रहा था, लड़की की शादी होने वाली थी और हामिद को उसके पाकिस्तानी दोस्तों ने बताया था की अफगानिस्तान होते हुए पाकिस्तान आने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, बस इतनी जानकारी पाकर वो पाकिस्तान के लिए निकल गया था। पुलिस जाँच में ये पक्का हो गया की वे ईमेल पाकिस्तान से भेजे गए थे मगर हामिद के एक भी पाकिस्तानी दोस्त से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। हामिद अंसारी के घरवालों ने उसे ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगी, घरवालों की मदद करने की कोशिश एक पाकिस्तानी पत्रकार जीनत शेह्जादी ने जरुर की मगर इस जाँच पड़ताल के मध्य में ही वो भी लापता हो गयी, लोगों का इस तरह से गायब हो जाना मामले को काफी संदेह्हास्पद बना रहा था।

नाउम्मीदी पाले बैठे हामिद अंसारी के माता-पिता को एक उम्मीद की किरण तब दिखाई दी जब तीन साल के बाद जनवरी 2016 को उन्हें यह पता चला की नेहल हामिद अंसारी पाकिस्तान की एक जेल में कैद है और इस खबर की पुष्टि लाहौर हाई कोर्ट के उनके वकील ने भी कर दी, हामिद का कोर्ट मार्शेल किया गया था परन्तु ये पता नहीं लग पाया की आखिर उसपे क्या इल्जाम लगाये गए थे। तीन साल से अपने बेटे को पागलों की तरह खोज रही फौजिया के लिए बस इतना जनना ही काफी था की उसका बेटा कम से कम जिन्दा तो है। घरवाले थक-हार के बैठ चुके हैं मगर उन्हें आजतक पाकिस्तान का वीजा नहीं मिल पाया और शायद निकट भविष्य में मिलने की उम्मीद भी नहीं नज़र आ रही है।

27 वर्षीय हामिद अंसारी की कहानी को मैं बस पागलपन का नाम दे सकता हूँ, एक देश जिसके साथ आपके देश की सालों पुरानी दुश्मनी है, उस देश में आप अवैध तरीके से घुसने की कोशिश करते हो तो बस दो ही बातें हो सकती है, या तो आप पागल हो या फिर जासूस।

प्रेम में पागलपन इन्सान को किस मुसीबत में डाल सकता है ये कहानी उसकी सबसे बड़ी मिसाल है। खैर, इसपे ज्यादा चर्चा ना करते हुए मैं दुआ करूँगा की हामिद सकुशल वापिस आ जाए।   

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