TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)

    ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

    यौन उत्पीड़न

    मोहम्मद फैज ने इलाज के लिए भर्ती 23 वर्षीय युवती का अस्पताल में किया रेप, इलाज के दौरान हुई मौत

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    डीएमके

    मुरुगन सम्मेलन की सफलता से घबराई DMK!, फिर छेड़ा भाषा विवाद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)

    ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

    यौन उत्पीड़न

    मोहम्मद फैज ने इलाज के लिए भर्ती 23 वर्षीय युवती का अस्पताल में किया रेप, इलाज के दौरान हुई मौत

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    डीएमके

    मुरुगन सम्मेलन की सफलता से घबराई DMK!, फिर छेड़ा भाषा विवाद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    ‘पीएम मोदी का विरोध, हिंदुओं पर निशाना’: कौन हैं न्यूयॉर्क के मेयर बनने जा रहे ज़ोहरान ममदानी?

    सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले परमाणु साइट्स के पास नज़र आए थे ट्रक (Photo-Medium)

    बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    राजनाथ सिंह

    आतंकवाद पर नज़र बचा रहे थे पाक-चीन, SCO के संयुक्त बयान पर राजनाथ सिंह ने साइन से किया इनकार

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    A platform that combines gambling and sports betting for every player

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्रांति की अपनी एक अलग परिभाषा थी भगत सिंह की

Shubham Upadhyay द्वारा Shubham Upadhyay
23 March 2017
in इतिहास
इंक़लाब भगत सिंह
Share on FacebookShare on X

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आग़ाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंक़लाब लायेगा।
मैं रहूँ या न रहूँ पर यह वादा हैं तुमसे मेरा, कि मेरे बाद वतन पे मरने वालों का सैलाब आयेगा।।
– भगत सिंह

इंक़लाब ज़िंदाबाद। बिल्कुल यहीं नारा था जब 22 वर्ष के एक क्रांतिकारी नौजवान ने ब्रिटिश असेम्बली में बम फेंकने के बाद लगाया था। ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद- साम्राज्यवाद मुर्दाबाद’ के नारे के साथ बम फेंकने बाद भी वह कहीं भागा नहीं, अपनी जगह पर अडिग खड़ा रहा। वह चाहता तो भीड़ की अफरा-तफरी में भाग जाता, लेकिन वह भगौड़ा नहीं क्रन्तिकारी था, वह ‘सरदार भगत सिंह’ था। वह मात्र एक आवाज़ी बम था, जिससे किसी की भी जान की हानि नहीं हुई थी। वह बम मात्र एक आव्हान था, एक गुस्सा था, एक इंक़लाब था। आवाज़ वाले बम फेंकने की वजह बताते हुये उन्होंने कहा था –

संबंधितपोस्ट

‘मैं एक शर्त पर ज़िंदा रह सकता हूं…’: अपने आखिरी पत्र में भगत सिंह ने साथियों से क्या कहा?

मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले…भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की अमर गाथा

2 बार काला पानी की सज़ा भी नहीं तोड़ सकी जिस क्रांतिकारी का हौसला; कहानी HRA बनाने वाले शचींद्रनाथ सान्याल की

और लोड करें
“यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार करना होगा। जब हमने बम गिराया तो हमारा ध्येय किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये।”

इंक़लाब जिसका अर्थ होता हैं ‘क्रांति’ और इंक़लाब ज़िंदाबाद का अर्थ होता हैं ‘क्रांति की जय’। लेकिन भगत सिंह ने कहा था –
‘किसी को “क्रांति” या “इंक़लाब” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं, उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते है।” यह बात तब भी शाश्वत सत्य थी और आज भी यथार्थ हैं।’ जो क़ि भगत सिंह के कथन ” मैं यथार्थवादी हूँ” का भी परिचायक हैं।

भगत सिंह का जन्म लायलपुर, पंजाब प्रान्त (अब पाकिस्तान) में 28 सितम्बर 1907 में हुआ था। भगत सिंह के पिता ‘सरदार किशन सिंह’ एवं उनके दो चाचा ‘अजीतसिंह’ तथा ‘स्वर्णसिंह’ अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ होने के कारण जेल में बन्द थे। जिस दिन भगत सिंह पैदा हुए उनके पिता एवं चाचा को जेल से रिहा किया गया था। घर में देशभक्ति के माहौल ने उन्हें खासा प्रभावित किया था। लेकिन इसी बीच जलियांवाला बाग़ की पुरे देश को झकझोर कर देने वाली अंग्रेजों का क्रूर कृत्य जिसने भगत सिंह के अंदर इंक़लाब की भावना ला दी। इसी घटना के बाद से उन्होंने अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने का निश्चय किया था। लाल लाजपत राय द्वारा स्थापित लाहौर नेशनल कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उनका संपर्क सुखदेव तथा अन्य क्रांतिकारियों से हुआ। बाद में लाला साहब की हत्या का बदला सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत के सांडर्स को मार कर पूरा किया।

भगत सिंह के साथ सदैव 2 अन्य क्रांतिकारियों का भी नाम जुड़ता हैं। असेम्बली में बम फेंकने की वजह से चले केस के बीच में सांडर्स हत्या का केस भी शुरू हुआ था। जिसमें भगत सिंह के अलावा दो अन्य अभियुक्त भी थे, ‘सुखदेव’ थापर और शिवराम हरी ‘राजगुरु’।

सुखदेव गांधी जी से प्रभावित थे लेकिन बाद में अंग्रेजी शासन द्वारा भारतियों पर हो रहे क्रूरता पूर्वक रवैये के बाद भी उनके अत्यधिक अहिंसात्मक और क्रांतिकारियों के प्रति द्वेष की भावना के चलते उन्होंने गांधी जी की आलोचना करते हुये उन्हें एक पत्र लिखा था –

“आपने अपने समझौते के बाद अपना सविनय अवज्ञा आन्दोलन वापस ले लिया है और फलस्वरूप आपके सभी बंदियों को रिहा कर दिया गया है, पर क्रांतिकारी बंदियों का क्या हुआ ? 1915 से जेलों में बंद गदर पार्टी के दर्जनों क्रांतिकारी अब तक वहीं सड़ रहे हैं। बावजूद इस बात के कि वे अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। मार्शल लॉ के तहत बन्दी बनाए गए अनेक लोग अब तक जीवित दफनाए गए से पड़े हैं। बब्बर अकालियों का भी यही हाल है। देवगढ़, काकोरी, महुआ बाज़ार और लाहौर षड्यंत्र केस के बंदी भी अन्य बंदियों के साथ जेलों में बंद है। एक दर्जन से अधिक बन्दी सचमुच फांसी के फंदों के इन्तजार में हैं। इन सबके बारे में क्या हुआ ? भावुकता के आधार पर ऐसी अपीलें करना, जिनसे उनमें पस्त-हिम्मती फैले, नितांत अविवेकपूर्ण और क्रांति विरोधी काम है। यह तो क्रांतिकारियों को कुचलने में सीधे सरकार की सहायता करना होगा।”

सुखदेव यह पत्र अपने कारावास के काल में लिखा। गांधी जी ने इस पत्र को उनके बलिदान के एक मास बाद 23 अप्रैल, 1931 को ‘यंग इंडिया’ में छापा।

इंक़लाब ज़िंदाबाद के नारों के साथ इनकी क्रांति शुरू हुई थी जो क़ि एक साथ 23 मार्च 1931 को ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ गाते हुए आज़ादी के इन दीवानों को अंग्रेजी हुकुमत ने फाँसी का दंड देते हुये ‘शहीद’ कर दिया।

अपनी शहादत से पहले भगत सिंह ने अपने इंक़लाब के स्वर में कहा था – ‘आप व्यक्ति को मार सकते हैं, सोच को नहीं।’

Tags: इंक़लाबभगत सिंहराजगुरुसुखदेव
शेयर11ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

आखिर इन वामपंथियों ने यह कहाँ पढ़ लिया है की भगत सिंह वामपंथी थे?

अगली पोस्ट

लोहा गरम है, बस हथौड़ा मारने की देर है – पश्चिम बंगाल में भाजपा का जीत पक्की है

संबंधित पोस्ट

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति
इतिहास

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

25 June 2025

25 जून एक ऐसी तिथि है जिसे देश शायद ही कभी भूल पाये। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल...

आपातकाल की क्रूरता
इतिहास

आपातकाल की क्रूरता: कांग्रेस के दमनकारी शासन की पोल खोलेगा इंदिरा गांधी सेंटर

25 June 2025

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), जिसका नाम उस नेता के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 1975 में लोकतंत्र को कमजोर किया था, अब...

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (FILE PHOTO)
इतिहास

आपातकाल की त्रासदी: राजनाथ सिंह को मां के अंतिम संस्कार में नहीं होने दिया गया था शामिल

25 June 2025

25 जून 1975 को देशभर में लगाए गए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं और बीजेपी ने इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस'...

और लोड करें

टिप्पणियाँ 1

  1. subahu jain says:
    8 years पहले

    speechless, no words can define these young and profound freedom fighters, OSHO once said that “with the death of “BHAGAT SINGH” the youth and rebellion of this country died. and it was exceptionally true, we lost spirit of fierce youth and rebellion in this country.

    we were ruled and crushed by invaders and tyrants more than 1000 years and troubled by dead corpse after independence for last 70 years. we haven’t revolt against anything sick and ugly imposed on us in thousands of years, we just accepted everything thrown to us, it’s become our primary nature.

    All our love and devotion towards all the valuable and dynamic people of the past and present times, is restricted to celebrating their death anniversary, and it is very unfortunate and sick.

    When we will awake and living and changing the scene of our society and nation at large. They didn’t sacrificed their life to create the India of today. It’s our responsibility to uproot and destroy everything ugly and suffocating the vibrant and true spirit and potential of our great land. It’s our job solely to transform our nation from this phase to the greater one it really deserves and stand for.

    JAI HIND, JAI BHARAT

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

00:22:51

1975 emergency: India's 21 month dictatorship.

00:10:29

poverty crushed! Modi delivers india's biggest upliftment ever.

00:06:19

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33

India' s oil and ethanol market at risk? Rural industries dear US flood

00:04:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited