इन नेताओं के हाथों में है भाजपा का भविष्य

भाजपा

भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसे कभी कांग्रेस की तरह स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का राजनैतिक फायदा नही मिला। हालांकि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कई नेता जैसे की श्यामा प्रसाद मुखर्जी (तबके जनसंघ से जुड़े हुये) स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में काफी सक्रिय थे पर स्वतंत्रता दिलवाने का सेहरा हमेशा कांग्रेस के सर पे ही सजा। लेकिन जनसंघ से ले कर आज की भाजपा, एक पौधे से ले कर विशाल वटवृक्ष का सफर तय कर चुकी है। एक वक़्त पर संसद में सिर्फ दो सांसद संख्या वाली पार्टी को अटल बिहारी वाजपेयी जी और लालकृष्ण आडवाणी जी जैसे कट्टर देशभक्तो ने प्रवाह के विरुद्ध दिशा में तैरते हुये सत्ता के सिंहासन तक पहुँचाया, पर वो जीत अधूरी थी, क्योंकि वो सरकार मिलीजुली थी।

फिर आया मोदी युग जिसमे विपक्ष सूखे तिनके की भाँति हवा में कहीं गुम हो गया। मोदीजी और अमित शाह की जोड़ी ने लगभग सम्पूर्ण भारत को भाजपामय बना दिया, ये अटलजी और आडवाणीजी के प्रयत्नो की असल जीत थी।

हालांकि भाजपा की सबसे बड़ी कामयाबी हमेशा से यही रही है के उन्हें हमेशा से ही काफी तेजतर्रार और काम के प्रति समर्पण रखने वाले नेता मिले है, जिनमे सुषमा स्वराज जी, स्व. प्रमोद महाजन जी, स्व. गोपीनाथ मुंडे जी और न जाने कितने नेता शामिल है। लेकिन अब वक़्त भाजपा के तीसरी पंक्ति का है, भाजपा के युवा नेता।

शिवाजी अगर हिंदवी स्वराज्य बना पाये तो उसमे उनके साथियो का भी उतना ही योगदान था। यही बात मोदी सरकार पे भी लागू होती है। भाजपा की ये तीसरी पंक्ति भी उतनी ही तेजतर्रार है।

आप चाहे देवेन्द्र फड़नवीस को ले लीजिये जिन्होंने 2 सालो में ही अपने काम के बलबूते पर सम्पूर्ण महाराष्ट्र के स्थानीय चुनावों में भाजपा को नंबर एक का पक्ष बना दिया, उनके द्वारा शुरू किये गए उपक्रम “जलयुक्त शिवार योजना” की तो जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है, हाल ही में चुने गए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कुछ 15 दिनों में ही इतना काम कर लिया जितना शायद पहले की सरकार ने पुरे 5 वर्षो में नही किया होगा, असम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने के लिए जो कदम उठाये जा रहे है उन्हें प्रदेश में काफी सराहा जा रहा है, पूनम महाजन जो प्रमोद महाजन जी की सुपुत्री है उन्हें हाल ही में उनके काम को देख भाजयुमो का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

वैसे भाजपा की एक और बात जो सराहनीय है वो ये की इस पार्टी में वंशवाद की राजनीती नहीं होती, क्योंकि अगर ऐसा होता तो पंकज सिंह जो की राजनाथ सिंहजी के बेटे है उन्हें उत्तर प्रदेश में कोई भी मंत्रिपद मिलता। अगर राजनाथ जी चाहते तो अपनी रुतबे का फायदा उठा के आसानी से अपने बेटे को मंत्री बनवा देते पर ऐसे भाजपा के संस्कार नही है। ऐसा नही है के भाजपा में मंत्रियो के बेटो या बेटियो को बड़े पद नही मिलते पर उन्हें शुरवात सामान्य कार्यकर्ता के रूप में ही करनी पड़ती है, जब वो इस काबिल हो जाये के कोई जिम्मेदारी सम्भाल सके तभी उन्हें कोई पद दिया जाता है। भाजपा की ये नई पीढ़ी इतनी सक्षम होने का ये भी एक कारण है। वरना बाकि पार्टीयो में सत्ता थाली में परोस के दे दी जाती है।

इसमें कोई सन्देह नही के ये और आने वाला दशक मोदी जी के नाम से पहचाना जायेगा पर भाजपा के आज के युवा नेताओ को देख एक बात सुनिश्चित हो जाती है के पार्टी का भविष्य भी उतना ही गौरवपूर्ण रहेगा।

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