केजरीवाल पहले तो कपिल मिश्रा को हलके में ले रहे थे, लेकिन उनके पास कपिल के इस पैंतरे का कोई जवाब नहीं है

केजरीवाल कपिल मिश्रा

ऐसा नहीं है की कपिल मिश्रा पहले व्यक्ति है जिसने पार्टी से बगावत की है, न ही वो पहले है जिन्होंने केजरीवाल के तानाशाह होने पर ऊँगली उठाई है और न ही वो पहले है जिन्हें केजरीवाल के भ्रष्ट्राचार मालूम है | इसके पहले भी शाजिया इल्मी, बिन्नी ,प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव ऐसे तमाम नेता रहे है जिन्होंने केजरीवाल के तानाशाही रवैय्ये और भ्रष्ट्राचार पर सवाल उठाये है, लेकिन इतने मुखर तरीके से कोई उन्हें घेर नहीं पाया | उन्होंने अबतक सारे हमलों को हवा हवाई बातें जैसे मोदी की डिग्री, मोदी के कपडे, अरुण जेटली, ईवीएम जैसो मुद्दों से दबा दिया था | अगर अरविन्द को घेरा जा सकता है तो सिर्फ और सिर्फ अरविन्द केजरीवाल बनकर | क्योंकि जो आरोप अबतक बीजेपी लगा रही थी, थोड़े बहुत प्रूफ भी थे लेकिन केजरीवाल का बाल भी बांका नहीं कर पाई थी | वही काम आज केजरीवाल के शिष्य कपिल मिश्रा ने बखूबी तरीके से, पुरे नौटंकी और मसाले के साथ, उन्ही के अंदाज में, मीडिया फुटेज लेकर कर दिखाया और बदस्तूर जारी है |

वही अंदाज, वही बयानबाजी, वही नौटंकी करके खुलासे करने का तरीका, आरोप लगाने की अदा, ये सबकुछ अरविन्द अरविन्द 3 साल पहले लाये थे राजनीती में, इसके पहले भी आरोप लगाते थे नेता लेकिन एक सभ्य तरीका होता था, नैतिक शिष्टाचार होता था | केजरीवाल नए तरीके की माने निचले तरीके की राजनीती करने आये है | कपिल मिश्रा केजरीवाल को हर पल समर्थन करनेवालों में से थे, करीबी थे तो जानते भी सबसे ज्यादा होगे उनके बारे में | बहुत कुछ सीखे है केजरीवाल से और उनकी अदाओं से प्रेरित भी हुए है जो की साफ़ झलकता है उनके अंदाज में | धरने में बैठना, आधा-अधूरा खुलासा करना, आरोप लगा देना मीडिया के सामने आकार चिल्ला-चिल्ला कर बयान देना, केजरीवाल के ही शिष्य लगते है | लेकिन अगर अरविन्द का खुद का शिष्य, गुरु पर इतने गंभीर आरोप लगा रहा है मतलब दाल में काला जरुर है | कुछ तो है वरना ऐसे ही धुंआ नहीं उठा है | दोनों में फर्क बस इतना है केजरीवाल बिना सबूतों के आरोप लगाते थे और कपिल सबूतों के साथ आरोप लगा रहे और सारा कच्चा चिठ्ठा खोल कर रख दिए देश के सामने इसलिए कपिल पर भरोसा किया जा सकता है |

शायद ही अरविन्द ने कभी सोच होगा की उनके पार्टी का ही कोई बंदा उनके राजनितिक विनाश का कारण बनेगा उसमे भी कपिल मिश्रा के बारे में तो कभी नहीं सोचा होगा | बड़े मियां तो बड़े मियां रह गए छोटे मियां सुभान अल्लाह हो गये | माने कपिल केजरीवाल से दो कदम आगे निकल गए | गुरु के हर छोटे-बड़े घोटालों की खबर रखी है, उसके सबूत भी रखे है | सिर्फ बोल ही नहीं रहे केजरीवाल की तरह, बल्कि सबूतों के साथ केजरीवाल और पार्टी की धज्जियाँ भी उड़ा रहे है | एक समय कपिल पर जनता भरोसा नही कर पा रही थी लेकिन जिस तरीके से प्रेस कांफ्रेंस लेकर उन्होंने सारे सबूत मीडिया के सामने रखें भरोसा किया जा सकता है | इसी के साथ संगीन आरोपों की परत खुलने लगी है | आनेवाले समय में कपिल इससे बड़े भी खुलासे कर सकते है | फिलहाल इसपर केजरीवाल को जवाब देते नहीं बन रहा है वो सिर्फ ‘सच्चाई सामने आयेगी’ का रट लगाये बैठे है, न मीडिया के सामने आरहे है न जवाब दे रहे है | जिससे उनपर शक और गहरा होता जा रहा है |

कपिल ने सिंघम स्टाइल में प्रेस कांफ्रेंस की और अपने गुरु से इस्तीफे तक की मांग कर दी और इस्तीफा न देने पर कॉलर पकड़कर कुर्सी से घसीटते हुए जेल तक लेकर जाने का दावा कर डाला |

यही नहीं कपिल मिश्रा तो यह तक बता रहे है की इसके जवाब में केजरीवाल अपना कौनसा दांव खेल सकते है मतलब कपिल केजरीवाल की रग-रग से वाकिफ है |

और उन्हें पता है अरविन्द क्या क्या कर सकते है |मिश्रा ने रविवार को कई गंभीर आरोप लगाने के बाद सोमवार को ट्वीट कर बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके बचाव में क्या करेंगे.? उन्होंने ट्वीट किया है, ‘पहले वह चुप्पी साधेंगे, फिर ध्यान भटकाने के लिए तमाशे करेंगे, फिर झूठी फोटो वीडियो वायरल करेंगे, सच से बच कर दुबकेंगे, फिर वे जेल जाएंगे.’ |

और आम आदमी पार्टी ने हमेशा की तरह कपिल मिश्रा को बीजेपी का एजेंट बताते हुए उनके इशारे पर कम करने का आरोप मढ़ दिया | इसके अलावा फिलहाल अरविन्द और उनकी पार्टी के पास कुछ नहीं है कहने के लिए |
कपिल मिश्रा ने लगाये थे गंभीर आरोप और उसके बाद विदेश यात्रा के डिटेल्स साँझा करने पर वे अड़ गए और अनशन करने लगे | अनशन के बीच में उन्होंने और एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपों के सबूत मीडिया के समक्ष पेश किये जिसके बाद से केजरीवाल जी ने मौन व्रत धारण कर लिया है | कुछ इस प्रकार गंभीर आरोप कपिल ने केजरीवाल पर लगाये है …

कपिल ने कहा मुख्यमंत्री के घर पर अरविन्द को मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपए लेते देखा था | उन्होंने कहा कि आप के वरिष्ठ नेताओं – दुर्गेश पाठक, आशीष खेतान, सत्येंद्र जैन और राघव चड्ढा – की विदेश यात्राओं का खर्च इसी काले धन से निकाला जाता रहा है | कपिल मिश्रा ने 400 करोड़ रुपए के पानी टैंकर घोटाले में अरविंद केजरीवाल के शामिल होने का आरोप लगाया है | इसके अलावा कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया है कि शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार के वक्त हुए घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जान-बूझ कर देरी कर रहे हैं | इससे पहले, मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया है कि 2013 से ही आप विदेश यात्राओं के जरिए अपना काला धन सफेद करने में लगी हुई |

आम आदमी पार्टी ने रिश्वतखोरी के आरोपों से मुँह मोड़ने के लिए ईवीएम की गड़बड़ी का रास्ता अपनाकर अपरिपक्व समझ का परिचय दिया है | साफ़ है कि पार्टी बचकर भागना चाहती है | देश के बड़े उद्योगपतियों, राजनेताओं और भ्रष्टाचारियों को चुनौती देने वाली पार्टी की यह राजनीति समझ से बाहर है | कपिल अरविन्द की सारी चालें जानते है आखिर इतने सालों का साथ हैं उनका और केजरीवाल का और उन्हें पता है केजरीवाल मुद्दों से भटकाने के लिए पत्नी को सामने लाने से भी नहीं चुकेगे इसीलिए कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है “बिन पानी की मछली की तरह तड़प रहे हैं केजरीवाल। कभी विधायक, कभी पत्नी को आगे कर मुझसे सारे detail चाहते है। उनका खेल पुराना है।“

ये आरोप व्यक्तिगत हैं, राजनीतिक नहीं | यह ख़बर अरविन्द के बारे में है, जो पिछले कुछ वर्षों में इसी प्रकार के आरोप दूसरों पर लगाते रहे हैं और ख़ुद को शुद्ध-पवित्र साबित करते रहे हैं | आरोप लगने के इतने दिन बाद तक वे ख़ामोश हैं | कपिल मिश्रा ने जब आरोपों को और ज़्यादा धार दी और क़ानूनी कार्रवाई शुरू की तो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘जीत सत्य की होगी’ |

कपिल मिश्रा अरविन्द और आम आदमी पार्टी के गले की हड्डी बन गए है, न उगलते बन रही है न निगलते | क्योंकि केजरीवाल के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है | जबतक आरोप लग रहे थे तबतक तो केजरीवाल इस मुद्दे को ईवीएम के साथ घुमा रहे थे लेकिन जैसे ही सबूत बाहर आने लगे केजरीवाल ने चुप्पी साध ली है | उधर चुनाव आयोग ने भी ईवीएम मामले में केजरीवाल और पार्टी को चुनौती देकर केजरीवाल के लिए दोनों तरफ से मुश्किल खड़ी कर रखी है | ऐसे मौके पर केजरीवाल के पास मिश्रा को बीजेपी का एजेंट बोलने के अलावा और कोई मुद्दा बचा नहीं है | इस चक्रव्यूह से निकलना केजरीवाल के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी |

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