उम्मीद थी की ममता दीदी के राज में पश्चिम बंगाल का अच्छे दिन आयेंगे, पर जो हुआ वो चौंकाने वाला था

पश्चिम बंगाल ममता

पश्चिम बंगाल किसी जमाने में देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था और इसकी राजधानी पूरे देश के लिए आर्थिक राजधानी थी | जब देश के बाकी हिस्सों में रेल की भी सुविधा नही थी, यहां पर मेट्रो की सुविधा उपलब्ध थी और इसी बात से आप अंदाजा लगा सके है की यह प्रदेश पुरातन काल मतलब अँगरेजों के जमाने में कितना विकसित हुआ करता था |

देश को आजाद कराने के आंदोलन में भी यहाँ के लोगो की भूमिका को कोई नकार नहीं सकता है | हमारे देश के राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के रचयिता रबिन्द्र नाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चट्टोपााय का जन्म भी पश्चिम बंगाल में ही हुआ था | बंगाल की धरती ने देश को हर क्षेत्र में नाम करने वाले होनहार दिए है , लेकिन आज के बंगाल की हालत देख कर यह सब कभी कभी झूठ सा ही लगता है |

देश को आजादी मिली और पूरा देश इस बात की खुशी मना रहा था| किसी को क्या पता था कि देश तो आजाद हो गया लेकिन देश का एक संपन्न और विकसित प्रदेश अलग ही प्रकार की बीमारी का शिकार होेने वाला है | आजादी के बाद पश्चिम बंगाल में वामपंथीओं ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया और अपनी घटिया नीतिओ से पूरे बंगाल को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी | एक टाइम की व्यापारिक नगरी कलकत्ता से और पूरे बंगाल से व्यापारिओं ने पलायन करना शुरू कर दिया | इसके बाद ममता बैनर्जी का उदय हुआ| एक समय में बंगाल कांग्रेस की प्रमुख नेता रही ममता बनर्जी ने अपनी खुद की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का गठन किया और अपनी तेज तरार छवि से प्रदेश की जनता का विश्वास जीता | वामपंथियों से परेशान बंगाल की जनता ने 2011 में ममता को पूर्ण बहुमत से अपना मुख्यमंत्री बनाया| बंगाल सहित पूरे देश को उम्मीद थी की दीदी के राज में बंगाल का अच्छे से विकास होगा और दीदी देश की राजनीतिं अहम् भूमिका निभाएँगी|

2011 में चुनाव जीतने के बाद से ही ममता दीदी के तेवर बदलने लगे | दूसरो को बात बात पर तानााह बोलने वाली दीदी खुद के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन सकती | कठिन सवाल पूे जाने पर दीदी कई बार कार्यरम को अधूरा छोड़ कर जाते हुए भी दिखी हैं|

ममता दीदी के राज में तुष्टिकरण की राजनीि की पराकाष्ठा होते हुए सभी लोग देख रहे है | किस तरह से किसी धर्म विशेष के लोगों के दबाव में लोग दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा भी नहीं कर पा रहे हैं | बात बात पर आजादी की दुहाई देने वाला मीडिया भी दीदी के खौफ से या फिर किसी एजेंडे के तहत इन सभी खबरों को छिपा कर ही रखता है | दीदी के राज में बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिओ की हिम्मत भी सातवे आसमान पर है | एक वर्ग विशेष की ख़ुशी के लिए दीदी कुछ भी करने को तैयार रहती हैं|

ममता दीदी के राज में पश्चिम बंगाल आतंकवाद का पनाहगार बना हुआ है |आए दिन घरो में बन रहे बमों में विस्फोट की खबरे आती रहती है | बड़े पैमाने पर सुरक्षा एजेंसिओ के द्वारा विष्फोटक बनाने के कारखाने पकडे जाना इस बात की पुष्टि करता है की ममता दीदी के राज में बंगाल में शांति विरोधी गतिविधियाँ करना कितना आसान है |

भ्रष्टाचार की अगर बात करे तो ममता दीदी किसी से पीछे नहीं है |शारदा चिट फण्ड घोटाले में दीदी की पार्टी के बहुत से विधायक सीबीआई की जांच के घेरे में है | ये बात अलग है की दीदी इसको केंद्र की बदले की राजनीति बताकर बचना चाह रही है, लेकिन इस बार बहुत ही मुश्किल मामला लग रहा है | अभी ताजा आरोपो की बात करे तो सामने आया है की दीदी के चुनाव का खर्चा बिना किसी लिखा पढ़ी के हुआ है , मतलब किसी ने हेलीकॉप्टर दे दिया बिना पैसे लिए और दीदी ने उसके लिए कोई हिसाब किताब भी चुनाव आयोग को नहीं दिया |

आजकल ममता दीदी अपने प्रदेश के सारे काम छोड़कर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में केजरीवाल को टक्कर दे रही हैं| नोटेबंदी हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर सेना के द्वारा पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ा एक्शन हो , ममता दीदी को हर काम से समस्या है | ममता दीदी मोदी के खिलाफ एक महागठबंधन बनाने के जी जान से लगी हुई है |इसके लिए कभी सोनिया से मिल रही है तो कभी नितीश कुमार से| देश की हर छोटी बड़ी पार्टी जो भी बीजेपी के खिलाफ है वो ममता दीदी को अपनी दोस्त लगती है | और तो और, मोदी से दुश्मनी निभाने के चक्कर में अपने परम शत्रु वामपंथीओ से ममता गले लगने को तैयार हैं|

मोदी विरोध में ममता की आँखे इस कदर बंद है की उन्हें जनता का मूड भी समझ नहीं आ रहा है | काफी हद तक देश की जनता जाति, धर्म और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठ चुकी है |अगर अभी भी इनकी आँखे नहीं खुली तो सब कुछ कब ख़तम हो जाएगा पता भी नहीं चलेगा |

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