कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप, फिर हटाया एप और सदस्यता वेबसाइट

कांग्रेस एप

जब देश की दो बड़ी पार्टी के बीच मोबाइल एप के जरिये डाटा साझा करने के मुद्दे पर वाकयुद्ध चल रहा हो तब शायद हम सही मायने में कह सकते हैं की भारत अब डिजिटल इंडिया बन रहा है। अटॉर्नी जनरल ने अदालत में यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर(UIN) की सुरक्षा के बारे में बात की और कहा कि चुनाव जिन डाटा पर आधारित होता है उसके लिए संदिग्ध ब्रिटिश राजनीति का उपयोग किया जाता है।

बीजेपी प्रवक्ता और केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने हाल ही में कांग्रेस को कैंब्रिज एनालिटिका के साथ जुड़ाव को लेकर कांग्रेस को चेताया था। खबरों के मुताबिक लाखों फेसबुक यूजर्स के डेटा के साथ समझौता किया गया था। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने लाखों फेसबुक यूजर्स के डेटा का दुरपयोग किया था। रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा कि अगर सरकार डाटा लीक मामले को लेकर सवेंदनशील है तो मार्क को भारत बुला सकती है।

‘इलियट एल्डर्सन’ नाम के एक ट्वीटर हैंडल ने पहले दावा किया था कि नरेंद्र मोदी का एंड्रॉइड एप युजर्स  की निजी जानकारी को यूएस कंपनी कलेवर टैप के साथ साझा कर रही है।

राहुल गांधी देश को एमआरआई से जोड़ने का सपना देखते हैं लेकिन इस मामले की तह तक जाए बिना ही उन्होंने नरेंद्र मोदी के इस एप को लेकर निशाना साधा लेकिन ये वार उनके लिए ही भारी साबित हुआ। राहुल ने ट्वीट किया:

इसके बाद उन्हें बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उन्हीं के लय में जवाब दिया:

बीजेपी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा, पीएम मोदी का नमो एप यूजर्स को गेस्ट मोड एक्सेस करने की अनुमति देता है जिसका मतलब है कि यह एप यूजर्स की निजी जानकारी नहीं मांगता है। यह एप ऑप्शन के रूप में आपसे अनुमति मांगता है कि आप अपनी निजी जानकारी साझा करना चाहते हैं या नहीं।

जो कांग्रेस पहले ही ब्रिटिश कंसल्टेंसी कंपनी कैब्रिज एनालिटिका से राजनीतिक फायदे के लिए लाखों फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी साझा करने के मामले में फंसी हो वही, मौके का फायदा उठाकर लोगों को भटका रही है ताकि जनता नमो एप को अपने फ़ोन से हटा दे लेकिन यह दाव कांग्रेस के लिए उल्टा पड़ गया।

असली खेल तो तब शुरू हुआ जब इलियट एल्डरसन ने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस की पोल खोलनी शुरू की। यदि एल्डर्सन की बातों में सच्चाई है तो यह मामला काफी गंभीर है। फ्रेंच हैकर ने कांग्रेस द्वारा अधिकारिक एप पर क्या दावे किये हैं उनमे से कुछ ये रहे:

1) कांग्रेस एप HTTP के असुरक्षित प्रोटोकॉल के माध्यम से डेटा साझा करता है जिसका मतलब ये है कि आपके ब्राउजर और वेबसाइट के बीच संचार गोपनीय नहीं है।

2) कांग्रेस एप के माध्यम से डेटा को बड़ी आसानी से एनकोड किया जा सकता है और सरलता से डीकोड भी किया जा सकता है।

3) इस एप का सर्वर सिंगापूर में स्थित है जिसका मतलब यही है कि कांग्रेस को अपने ही देश पर भरोसा नहीं है।

अमित मालवीय ने अपने ट्वीट श्रृंखला में कहा कि कांग्रेस एप जनता की निजी जानकारी को किसी तीसरे से साझा करती है।

वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी एप का एक भारतीय कंपनी Wizrocket इंडिया से करार है साथ ही इस एप का सर्वर भारत में ही स्थित है।

जब डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी को ‘बुद्धू’ कहा था तब न्यूयॉर्क टाइम्स उन्हें “टेरीबल” कहा था और इसके पीछे उनके अपने कारण थे। हाल ही में राहुल गांधी का NCC को लेकर समान्य ज्ञान भी सबके सामने आया है। एनसीसी जो युवाओं को तराशता है और यही युवा आगे चलकर देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन राहुल गांधी को इस बारे में पता ही नहीं है। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि एनसीसी कैडेटों पर एप डाउनलोड करने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा मोदी एप पर लगाये गए झूठे आरोप कि मोदी एप यूजर्स की निजी जानकारी जैसे ऑडियो, वीडियो, इमेज, आपके निजी संपर्क को जीपीएस के जरिये किसी तीसरे को साझा कर रहा है यहां भी उनके कम ज्ञान को ही दर्शाता है .

इसके तुरंत बाद इस एप को @ एफएस 001131 द्वारा किये गए ट्वीट का जवाब ने देते हुए कहा:

सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि राहुल-रम्या की जोड़ी द्वारा रचे इस ड्रामे के बाद कांग्रेस ने अपने मोबाइल एप को गूगल प्ले स्टोर से डिलीट कर दिया साथ ही आईएनसी की सदस्यता भी वेबसाइट से हटा दी। वहीं दूसरी तरफ नमो एप की डाउनलोड प्रक्रिया में तेजी देखी गयी। अब इससे तो यह साफ़ है कि कांग्रेस अपने दामन में लगे दाग और कमियों को नजरंदाज कर बस बीजेपी पर निशाना साधने के बहाने ढूंढती है। न जाने कांग्रेस को कब समझ आएगा कि जनता भी अब डिजिटल हो रही है बेतुके दावों से जनता को धोखा देना अब पहले की तरह आसान नहीं है।

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