पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अमेरिकी एयरपोर्ट पर हुई तलाशी

पाकिस्तान प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के लिए एक और शर्मिंदा कर देने वाले वाकये में देश के प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाकान अब्बासी को एक आम व्यक्ति की तरह अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा से गुजरना पड़ा। ये घटना पिछले सप्ताह की है जोकि एक वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आई है। यह खबर पाकिस्तानी मीडिया में प्रमुखता से दिखाई जा रही है।

दरअसल, पिछले दिनों शाहिद खाकान अब्बासी अमेरिका में निजी दौरे पर थे जहां एयरपोर्ट पर उन्हें आम जनता की तरह लाइन में लगना पड़ा साथ ही इस दौरान उन्हें कड़ी जांच से भी गुजरना पड़ा। इस जांच में प्रधानमंत्री अब्बासी की तलाशी भी ली गयी साथ ही उनके कपडे भी उतरवाए गए। जांच के बाद वो काउंटर पर रखे अपने कोट और बैग को उठाकर चले गए। ये मामला पाकिस्तान के लिए शर्मनाक तो है ही साथ ही इस जांच ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की धूमिल होती छवि को भी दर्शाया है ।

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रिपब्लिक टीवी के आदित्य राज कॉल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान प्रधानमंत्रीको अपने जूते, बेल्ट और कपडे भी उतारने के लिए भी कहा गया। साथ ही उन्हें जांच के प्रोटोकॉल से भी गुजरना पड़ा।

इस तरह का बर्ताव अनसुना सा है। वैसे किसी देश के प्रमुख के साथ इस तरह के कड़े प्रोटोकॉल और सख्त नियमों को कोई देश तभी लागु करता है जब उससे उसकी दुश्मनी हो या फिर भरोसे की कमी हो। यह घटना ने मध्यकालीन समय की याद दिलाता है जब एक राज्य में दुसरे राज्य के राजा जाते थे तब उन्हें इसी तरह की कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता था। उनकी पूरी तलाशी ली जाती थी कि कहीं वो अपने साथ कोई हथियार तो नहीं लाये। शायद पाकिस्तान के नागरिकों की पहचान भी अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी बन चुकी है कि वहां के प्रधानमंत्री पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। हाल ही में, पाकिस्तान की राष्ट्रीय एयरलाइंस पीआईए के कर्मचारी वैश्विक ड्रग-ट्रैफिकिंग ऑपरेशन में लिप्त पाए गए थे।

पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि प्रधानमंत्री अपने निजी दौरे पर थे। जैसा की वह अपनी सादगी के लिए जाने जातें हैं उन्होंने सभी यात्रियों के लिए लागू प्रोटोकॉल को फॉलो किया। ऐसा कहकर पाकिस्तानी मीडिया इस घटना को नया मोड़ देने की कोशिश कर रही है। कोई भी निजी दौरा किसी भी बड़े अधिकारी पद को धारण करने वाले व्यक्ति खासकर जब वो देश का राष्ट्रप्रमुख हो उसे इस तरह की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता। गौर करने वाली बात ये भी है कि अमेरिका में अपने दौरे के दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस से भी मुलाकात की थी ऐसे में यह उनका निजी दौरा शक के घेरे में आता है। हालांकि, समझने वाली बात ये भी है कि कोई भी देश दुसरे देश के प्रधानमंत्री को एयरपोर्ट पर इस तरह की जांच प्रक्रिया से गुजरने की इज़ाजत नहीं देता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ हुई इस घटना ने देश की कम होती छवि को दिखाया है। वहीं पाकिस्तानी मीडिया का इस घटना को लेकर सच को तोड़-मरोड़ कर पेश करना उनकी मूर्खतापूर्ण प्रयास को जाहिर करता है!

ट्रंप प्रशासन दशकों में पहला ऐसा प्रशासन है जिसने पाकिस्तान के साथ दोहरा खेल खेला और उसे उसकी दुष्टता के लिए सबक सिखाया। ये घटना तब सामने आई है जब अमेरिका आतंकवाद पर शिकंजा कसने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो जनवरी महीने में अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बढाने के लिए उसे दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता राशि पर रोक लगा दी थी लेकिन इसके नतीजे असंतुष्ट ही साबित हुए। अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह के कई दाव खेले। इसी श्रृंखला में अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकवादी क्षेत्रों के शिविरों पर हमला भी किया था।

ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई से तो यही लगता है कि वह पाकिस्तान से एक दुसरे नॉर्थ कोरिया को को जन्म देने की कोशिश में हैं। जिस तरह से अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ व्यवहार किया गया वह पाकिस्तान के अपमान और शर्मिंदगी का एक उदाहरण है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संपति का इस्तेमाल करने की अनुमति को भी अस्वीकार कर दिया गया है क्योंकि वह इसका प्रयोग आतंक को पनाह देने और पोषण करने के लिए करता था। इस तरह लगता है कि अब पाकिस्तान को अमेरिका ने अपने रवैये से उसकी असली जगह दिखा दी है।

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