आम आदमी पार्टी का ऐलान, 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी से मिलाएगी हाथ

आम आदमी पार्टी कांग्रेस

जागरण के इस रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पूर्व पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने लुधियाना में खन्ना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ हाथ मिला सकती है। उन्होंने आगे कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और दूसरी पार्टियों एकजुट होना पड़ेगा। यह बयान आम आदमी पार्टी के प्रमुख सदस्य द्वारा दिया गया है जो पार्टी का असली रंग दिखाती है।

वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के दौरान आम आदमी पार्टी बनी थी। अन्ना हजारे की अगुवाई में आईएसी को तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के अन्यायपूर्ण और घोटालों की राजनीति की सुनवाई करने और जन लोकपाल बिल को पारित करने के इरादे से शुरू किया गया था। अरविन्द केजरीवाल अपनी नयी प्रसिद्धी के घोड़े पर सवार होकर 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरे थे। दिल्ली में शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जब हंग असेंबली के बाद बीजेपी ने दिल्ली में सरकार बनाने से मना कर दिया था, तब केजरीवाल थे जिन्होंने जनता के सामने सरकार बनाने की बात कही थी और उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के खिलाफ अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। 49 दिनों की केजरीवाल सरकार जल्द ही गिर गयी, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद हुए चुनाव में उन्हें पूर्ण बहुमत मिला। इसी के साथ कांग्रेस के खिलाफ कथित घोटालेदारों पर मुकदमा चलाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के उनके वादों की सच्चाई भी दिखने लगी। आरोप लगाने के सिलसिले तो खत्म हुए ही साथ ही उनका जिक्र भी बंद हो गया।

आम आदमी पार्टी का कांग्रेस के प्रति नर्म दृष्टिकोण 2014 के लोकसभा चुनाव में भी नजर आया, तब केजरीवाल ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल किया था।

उसी समय उन्होंने लगभग कांग्रेस और राहुल गांधी पर चुपी साध ली थी। वाराणसी के चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होने के कदम ने उन्हें पूरी तरह से उजागर कर दिया। पार्टी के अध्यक्ष द्वारा इस तरह के रवैये ने यह इशारा कर दिया कि आने वाले वर्षों में आम आदमी पार्टी कैसे काम करने वाली है। यह यही तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर आगामी चुनाव में उनके बीजेपी के खिलाफ हमले तेज होते गए। जबकि कांग्रेस हमेशा ही अकेले खड़ी दिखी, कई लोगों का ये तक मानना है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के विरुद्ध कुछ क्षेत्रों में हमेशा ही कमजोर प्रत्याशी को खड़ा किया गया। जैसे जैसे 2019 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं और देश के कई राज्यों के चुनावों में बीजेपी जीत दर्ज कर रही है वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी का असली चेहरा जनता के सामने आ रहा है।

संजय सिंह का यह बयान आम आदमी पार्टी की स्वीकृति है कि वह कांग्रेस की सहायक है। भले ही वह पहले हैं जिन्होंने ने जनता के सामने यह बात स्वीकारी हो लेकिन इसने आम आदमी पार्टी की वर्षों से चली आ रही कोशिशों और विचारधारा को सामने रख दिया है। बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के बयान और आरोपों की परत अब खुलने लगी है।

अब जब सच्चाई सामने आ गयी है, तो अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता का आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी के खिलाफ कैसा रुख होगा। क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को ही जनता हार का मुंह दिखाएगी या फिर जनता आम आदमी पार्टी का असली चेहरा देख पाने में असमर्थ रहेगी।

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