अमित शाह ने दलित समर्थक होने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी की खोली पोल

अमित शाह दलित

दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया और कुछ विपक्षी दलों के समर्थन के कारण बड़े पैमाने पर दंगे और हिंसा हुई थी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बीजेपी के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी / एसटी अधिनियम में जो कुछ बदलाव किये गए हैं उसमें बीजेपी का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने अपने भाषण में एससी के फैसले से जुड़े तथ्यों और आंकड़ों को शामिल किया और बताया कि कैसे विपक्षी दलों ने अपने एजेंडा के अनुरूप वर्णन को बदला था। संसद में अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री विनम्र और शांत थे, जबकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दलित विरोध के मुद्दे पर मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आक्रामक हमला किया।

कांग्रेस पार्टी द्वारा बीजेपी पर लगाए गए झूठे दावों पर अमित शाह ने सख्त रुख में जवाब दिया। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने इससे पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर दलित विरोधी होने के झूठे आरोप लगाये थे।

ट्वीट्स की श्रृंखला में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी दलित समुदाय और श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार डॉक्टर भीमराव रामजी अम्बेडकर के सपनो को पूरा करने के लिए समर्पित है।

अपने अगले ट्वीट में अमित शाह ने साफ़ किया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र रूप से फैसला किया है इसमें बीजेपी ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया है और इसके बाद पार्टी ने तुरंत आवश्यक कार्रवाई की थी। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि सरकार पूरे भारत में दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं एससी समुदायों से संबंधित सांसदों से मिले थे और उन्हें दलित समुदाय के सदस्यों के कल्याण का आश्वासन दिया। अपने अगली ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि उनपर लगाये जा रहे आरोप और कुछ नहीं बल्कि बीजेपी की छवि खराब करने के लिए कुछ समूहों द्वारा उनके प्रचार प्रसार का हिस्सा है। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव सीजन की शुरुआत से पहले कैसे एक ही लोग आरक्षण संबंधित फेक न्यूज़ बनाते थे।

इसके बाद ट्वीट में कुछ ऐसे तथ्य और आंकड़े पेश किये गए जिसने कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक अधिकारों के चैंपियन होने के दावों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम को 2015 में संशोधन कर मजबूत बनाया गया था। देशभर में निर्दोष लोगों के पीड़ितों के लिए विपक्षी दल को दोषी ठहराते हुए उन्हें दलित समुदाय की तरफ से माफ़ी मांगने की मांग भी की। अमित शाह ने कांग्रेस पर हमले को बरकारर रखते हुए कहा कि डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को कांग्रेस ने खुद दरकिनार कर दिया था, उन्होंने कांग्रेस की कहानियों की पुनर्गणना करते हुए कहा कि केंद्र में अपनी छवि को छोड़ पार्टी ने अपने शासनकाल में संविधान के निर्माता को पराजित करने की साजिश रची थी। उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में दावा किया कि कैसे कांग्रेस पार्टी अपने शासनकाल में दलित समुदाय और डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न न देकर उनका सम्मान करने में नाकाम रही है।

अमित शाह के हमलों ने कांग्रेस पार्टी के चेहरे को बेनकाब कर दिया। भारत के इतिहास में सबसे लंबी सत्तारूढ़ पार्टी की कथा और इरादे के बीच अंतर खुलकर सामने आ गये हैं, और इस बात का श्रेय श्री अमित शाह जी को जाता है जिन्होंने अपने ट्वीट्स के जरिये सच को उजागर किया। कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दल बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष के इस शानदार कदम के खिलाफ निराधार साबित हुए। दलित मुद्दों पर अमित शाह के इस तथ्य आधारित हमलों के बाद कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया होगी ये देखना दिलचस्प होगा।

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