कठुआ मामला: कौन है विशाल जंगोत्रा और वो एक साथ दो जगह पर कैसे था?

कठुआ विशाल

जम्मू कश्मीर के एक पवित्र स्थल पर 8 वर्षीय मासूम के साथ दरिंदगी की घटना के सामने आने से पूरा देश दुखी है। लोगों में इस जघन्य अपराध के खिलाफ आक्रोश और नाराजगी भरी है। सोशल मीडिया के जरिये लोग इस अपराध के प्रति अपनी गंभीरता, निराशा को जाहिर कर रहे हैं।

ये घटना जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुई है जहां इस मामले का मुख्य आरोपी सांझी राम रहता है जिसपर आरोप है कि उसने आठ वर्षीय बच्ची को पहले लुभाया और फिर नशीली दवाएं देकर उसे एक मंदिर में ले गया, इसके बाद बच्ची के साथ कई बार कई लोगों ने रेप किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

ये घटना तीन महीने पहले की है। इस मामले में जम्मू कश्मीर के क्राइम ब्रांच द्वारा सोमवार को मुख्य चार्जशीट दायर की गयी थी जिसमें देश को झकझोर देने वाली इस दरिंदगी की पूरी दास्तां को बयां किया गया है।

हालांकि, देश में कठुआ मामले को लेकर आक्रोश भरा है और सभी इस मामले में तुरंत न्याय की मांग कर रहे हैं, अधिकारियों द्वारा दायर की गयी इस चार्जशीट में सब कुछ सही नहीं लगता। एसआईटी द्वारा चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि मुख्य आरोपी सांझी राम के पुत्र विशाल जंगोत्रा ( मामले में छटा दोषी) के परिजनों के मुताबिक वो 12 जनवरी को मेरठ में था। वहीं, चार्जशीट में पुलिस के मुताबिक विशाल 12 जनवरी को मेरठ के परीक्षा केंद्र में नहीं था, ये दावा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसआईटी ने किया है।

हालांकि, विशाल के परिजनों ने बार बार जोर देते हुए कहा कि जब ये घटना हुआ थी तब उनका बेटा मेरठ में था और अपने दावे के समर्थन में परिजनों ने उपस्थिति पत्र में विशाल के हस्ताक्षर का हवाला दिया। चार्जशीट के 5 वें पृष्ठ में ये उल्लेख किया गया है कि, कैसे सांझी राम के भांजे ने मेरठ में विशाल को फ़ोन किया और कहा कि अगर वो ‘अपनी हवस’ को पूरा करना चाहता है तो रसाना आ जाये। चार्जशीट के मुताबिक ये फ़ोन करीब शाम 5 बजे किया गया था।

6 वें पृष्ठ पर ये कहा गया है कि विशाल 12 जनवरी को 6 बजे रसाना पहुंच भी गया।

अब हम चार्जशीट पर गौर करें तो अगर विशाल मेरठ में था तो सांझी राम के भांजे से बातचीत के बाद वो अपना सामान पैक किया होगा, चूंकि उसकी परीक्षा चल रही थी तो जाहिर है अगले दिन परीक्षा में प्रॉक्सी का इंतज़ाम भी किया होगा. इसके बाद विशाल ने किसी वाहन की व्यवस्था की होगी और फिर मेरठ से रसाना के लिए निकल गया होगा। नेशनल हाईवे से विशाल ने 11 घंटे की यात्रा को 9 घंटे में पूरा किया होगा। कुल मिलाकर देखें तो चार्जशीट में जिस समय का उल्लेख किया गया है वो बहुत ही कम है और उतने कम समय में विशाल का मेरठ से रसाना पहुंचना संभव नहीं है, और अगर है भी तो इतनी जल्दी मेरठ से रसाना पहुंचना थोड़ा तो ज़रूर खटकता है। इसके अलावा पुलिस ने अपनी चार्जशीट में न किसी वाहन का और न ही किसी यात्रा के सबूत का जिक्र किया है, ऐसे में पुलिस के दावों को हजम करना मुश्किल हो जाता है।

वहीं, दूसरी तरफ विशाल के परिजन इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं और अनिश्चितकालीन तक धरने पर बैठ गये हैं। विशाल के परिजनों का आरोप है कि कठुआ पुलिस ने विशाल को प्रताड़ित किया ताकि वो दबाव में आकर जुर्म को कबूल ले।

इस सवेंदनशील मामले में इस तरह की अनियमितताओं का होना चिंता का विषय है। न्याय तभी होगा जब इस मामले की एक बार फिर से शुरुआत से जांच होगी। घटनास्थल से लेकर गवाहों और सबूतों की एक बार फिर से निष्पक्ष जांच ही इस मामले को सुलझा सकती है और तब जाकर आठ वर्षीय मासूम के परिजनों को इंसाफ मिलेगा।

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