उन्नाव रेप मामले में राजनैतिक लाभ के लिए पीएम को लक्षित कर क्विंट ने की एक ओछी हरकत

क्विंट उन्नाव

पूरे देश में कठुआ और उन्नाव में हुए क्रूर बलात्कार से शोक का माहौल है। इन दोनों ही घटनाओं ने देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और समाज में ऐसे अपराधियों के प्रति लगाम कसने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। जब उन्नाव और कठुआ में हुए अमानवीन अपराधों से देश में भूकंप का माहौल था तब वोट बैंकिंग में जुटे राजनेताओं और पत्रकारों का एक वर्ग इस मुद्दे का भी इस्तेमाल करने की कोशिश में था।

इसी तरह की पत्रकारिता का एक और उदाहरण, द क्विंट, एक एजेंडे पर चलने वाली समाचार वेबसाइट ने उन्नाव और कठुआ रेप केस का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। जिस समय पर एक समाचारपत्र को परिपक्व तरीके से काम करना चाहिए था तब इस समाचार वेबसाइट ने पीएम मोदी और बीजेपी को लक्षित करने की एक ओछी हरकत की। क्विंट ने शुक्रवार की सुबह अपने एक लेख में लिखा, “यहां बताया गया है कि पीएम मोदी ने आखिर उन्नाव और कठुआ रेप मामले में क्या कहा।” इस लेख में एक फुटनोट था जिसमें ये दावा किया गया कि पीएम मोदी जैसे ही इन रेप मामलों में कुछ कहेंगे तब हम अपडेट कर देंगे, इसके अलावा इसमें कुछ नहीं था। (ये लेख बाद में अपडेट हो गया जब पीएम मोदी ने नई दिल्ली में अम्बेडकर मेमोरियल के उद्घाटन पर कहा, ‘दोषियों’ को बक्शा नहीं जायेगा।)

हालांकि, दिल को दहला देने वाले इस रेप मामले से राजनैतिक लाभ की चाह रखने वाली इस मीडिया वेबसाइट ने पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बारे में पूरा जाने बिना ही लेख को प्रकाशित किया, जबकि इस मामले में उनके हस्तक्षेप के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गयी। इस वेबसाइट पर कल शाम पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बारे में भी प्रकाशित किया गया।

तथ्य ये है कि उन्नाव रेप मामले पर पीएमओ ने पहले ही संज्ञान लिया था, जिसके बाद ही इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।

इसके बाद ये खबर सामने आयी कि रेप मामले के मुख्य आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। इससे साफ़ जाहिर होता है कि क्विंट के लेख में जो प्रकाशित किया गया था उसके विपरीत पीएम मोदी ने मामले पर गंभीरता दिखाई, उनके द्वारा उठाये गये इस कदम ने ही क्विंट को जवाब दे दिया कि जब भी जरूरत पड़ती है वो अपने अधिकारों का प्रयोग सही दिशा में करते हैं। ये मामला कल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया था और सीबीआई ने तत्काल कार्रवाई की, जिससे स्पष्ट है कि पीएम ने वही कदम उठाया जो इस मामले की मांग थी। कहते है न कि काम बोलता है बातें नहीं वो इस मामले में बिल्कुल फिट बैठती है। जब कोई कार्य करने की शक्ति रखता है, और उस शक्ति को उचित तरीके से उपयोग करता है, तो इस मामले में बोलने की क्या जरुरत है? हालांकि, कल जो हुआ क्विंट उसे समझने में असफल रहा तभी तो क्विंट ने उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सुबह एक और व्यंग्यात्मक भरा लेख प्रकाशित किया।

इस समय न सिर्फ क्विंट बल्कि सभी राजनीतिक दलों और मीडिया को समझना चाहिए कि अभी अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ एकसाथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। ठीक है जिस राजनीतिक मामलों में आप शामिल होना चाहते हैं उससे जरुर जुड़िये लेकिन इस मामले में ऐसा न करें। ये समय उन्नाव और कठुआ में हुए दुखद अपराध का लाभ उठाने का नहीं बल्कि ये समय है साथ मिलकर मानवीय कार्य करने का।

Exit mobile version