सीएम योगी ने शिवसेना की आलोचना करते हुए बालासाहेब के सिद्धांतों की अवहेलना का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रसिद्ध नेताओं में से एक सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिवसेना पर जबर्दस्त तरीके से हमला बोला। शिव सेना एनडीए गठबंधन का भाग है। हालांकि, शिवसेना पर प्रधानमंत्री और बीजेपी पर अपमानजनक हमला करने का आरोप है।

शिवसेना पर तीखे हमले में सीएम योगी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी पर बीजेपी की पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाया है। उन्होंने शिवसेना पर पालघर के लोकसभा उपचुनाव में पूर्व सांसद दिवंगत चिंतामन वांगा के बेटे श्रीनिवास वांगा को खड़ा करके बीजेपी के आंतरिक मामलों में टांग अड़ाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र गावित की जीत दिवंगत बाल ठाकरे के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जिस तरह से इस पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर बीजेपी की पीठ में खंजर घोंपा है उससे मैं कह सकता हूं कि दिवंगत बाल ठाकरे की आत्मा को गहरा दुःख पहुंचा होगा। शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में जो कुछ भी कर रही है उससे बाबासाहेब की आत्मा को गहरा दुःख हुआ होगा। सीएम योगी ने मुंबई के पूर्वी विरार के पालघर में आयोजित एक रैली में शिवसेना पर हमला बोला। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि भारत केवल मोदी के नेतृत्व में ही प्रगति कर सकता है।

उन्होंने इस दौरान शिव सेना के संस्थापक के सिद्धांतों की अवहेलना का भी आरोप लगाया। एक और हमले में पार्टी को पानी-पानी कर दिया, उन्होंने कहा कि शिवसेना शिवाजी महाराज के सिद्धांतों का पालन करने का दावा करती है लेकिन असल में पार्टी अफजल खान की तरह कार्य करती है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कार्य छत्रपति शिवाजी महाराज के सिद्धांतों के विपरीत है। उनकी इस कड़ी चेतावनी ने शिव सेना को अंदर तक हिलाकर रख दिया होगा,  सीएम योगी ने ये स्पष्ट कर दिया कि बीजेपी पार्टी को उसके विश्वासघाती कृत्यों को जारी रखने की अनुमति नहीं देगी। सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि शिवाजी महाराज और बाबासाहेब हमेशा देश विरोधी तत्वों के खिलाफ खड़े रहे हैं और अब उनकी पार्टी खुलेआम इस तरह के तत्वों का समर्थन कर रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कैसे बालासाहेब ठाकरे सरल व इमानदार नेता थे जो कभी पीछे से वार करने में विश्वास नहीं रखते थे। वो सामने से लड़ाई लड़ने और देश को मजबूत बनाने में दृढ़ विश्वास रखते थे। बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों की स्पष्ट अवहेलना करते हुए शिव सेना ने लोकसभा उपचुनाव में पूर्व सांसद दिवंगत चिंतामन वनगा के बेटे बीजेपी के खिलाफ खड़ा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बीजेपी का आंतरिक मामला था लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए दिवंगत सांसद के परिवार को भी नहीं छोड़ा।

जिस तरह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के उपर हमला बोला है उससे उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वो शिवसेना है जिसे बीजेपी की जरूरत है न की बीजेपी। ये शिवसेना को चेतावनी है कि अभी भी समय है वो जाग जाए और अवसर रहते इस तरह के कृत्यों से बाज आ आये। बीजेपी के साथ अनावश्यक रूप से खिलाफ जाने की बजाय शिवसेना को एक बार अपने मूल सिद्धांतों पर गौर करना चाहिए। शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे सेना को समझाने के लिए एक राजनीतिक उपकरण हैं। शिवसेना के नेताओं को अपने सम्मानित नेताओं के सिद्धांतों पर अम्ल करना चाहिए क्योंकि पार्टी वर्तमान समय में जो भी कर रही है उससे दिवंगत नेताओं की आत्मा को दुःख होगा।

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