कर्नाटक फ्लोर टेस्ट: वो परिदृश्य जो हो सकते हैं संभव

फ्लोर टेस्ट कर्नाटक

आज कर्नाटक विधानसभा में निर्णय दिवस है। कर्नाटक के राजनीतिक खेल का आज फ्लोर टेस्ट के साथ अंत हो जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हम लोकतंत्र को बचाने और भारत के संविधान की रक्षा के लिए न्यायपालिका को बधाई देते हैं।”

न्यायमूर्ति एके सीकरी, एसए बोबडे और अशोक भूषण की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने भी सीक्रेट बैलट की मांग को ख़ारिज कर दिया। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बीएस येदियुरप्पा फिलहाल कोई भी बड़ा निर्णय नहीं ले सकते हैं। जब तक कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर लेते तब तक कोर्ट ने येदियुरप्पा को किसी भी एंग्लो-भारतीय विधायक को नामांकित करने से मना कर दिया है। बीजेपी ने दावा करते हुए कहा है कि आज बहुमत साबित होगा। हालांकि, सच ये है कि बीजेपी के पास बहुमत की पूरी संख्या नहीं है। बीजेपी के पास 104 विधायकों की संख्या है जोकि अभी भी बहुमत के जादुई आंकड़े से आठ कम है। तो अब सवाल ये है कि बीजेपी अपने बहुमत को कैसे साबित करेगी?

ऐसा लगता है कि अमित शाह कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने के लिए पहले से ही योजना बना रहे हैं। रिपब्लिक टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, आठ कांग्रेस-जेडीएस विधायक नई दिल्ली में हैं जोकि बीजेपी के संपर्क में हैं। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद में आधिकारिक कांग्रेस के साथ सिर्फ उसके 65 विधायक ही हैं। अपने विधायकों को बीजेपी में शामिल होने से बचाने के लिए, कांग्रेस और जेडीएस दोनों ने अपने विधायकों को कर्नाटक और हैदराबाद के रिसॉर्ट्स में रखा है। विधायकों के मोबाइल फोन भी बंद करवा दिए गये हैं और उनपर 24×7 सीसीटीवी के जरिये नजर रखी जा रही है।

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इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए ईगलटन रिसॉर्ट को कई विधायक छोड़ चुके हैं। कांग्रेस के एक अन्य विधायक आनंद सिंह भी नई दिल्ली में हैं और उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। ऐसा कहा जा रहा है कि वो एक स्पेशल फ्लाइट से शनिवार को बेंगलुरु वापस जाएंगे। शायद आज इस ‘रिसॉर्ट राजनीति’ का आखिरी दिन है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार अमित शाह बीजेपी के लिए बहुमत साबित कर सत्ता बनाये रखने में सक्षम होंगे या नहीं। जेडीएस और कांग्रेस चुनाव के बाद जो भी सीटें हासिल कर पाएं थे वो अपने दलबदलू विधायकों के रुख के कारण बची हुई उम्मीद भी खोने की कगार पर हैं। फ्लोर टेस्ट अभी होने में वक्त है लेकिन फ्लोर टेस्ट के दौरान कई ऐसे परिदृश्य देखने को मिल सकते हैं जो कांग्रेस-जेडीएस को बड़ा झटका दे सकते हैं।

पहले परिदृश्य में, यदि कांग्रेस विद्रोहियों के साथ बीजेपी भी दो निर्दलीय उम्मीदवारों को हासिल करने में कामयाब हो जाती है तब बीजेपी सदन में फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने में सक्षम होगी।

दूसरे परिदृश्य में यदि कांग्रेस के 6 असंतोष विधायकों को बीजेपी अपने 104 विधायकों के साथ जोड़ने में कामयाब होजाती है तब भी बहुमत के लिए 112 के आंकड़े से कम होगा।

यदि इन दोनों ही संभावित परिदृश्यों में से कोई भी संभव नहीं हो पाता तब ये फ्लोर टेस्ट टाई ह जायेगा तब विधान सौध के स्पीकर कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए फिर से मतदान करवा सकते हैं। बीजेपी के लिए सबसे बुरा दृश्य तब हो जायेगा जब कांग्रेस और जेडीएस के असंतोष विधायकों में से कोई भी बीजेपी को समर्थन नहीं देगा। ऐसे में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन अगर सत्ता में आया तो येदियुरप्पा सत्ता से बेदखल हो सकते हैं। ऐसे में ये बीजेपी के साथ-साथ कर्नाटक के लोगों के जनादेश के भी खिलाफ होगा जिन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया था।

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