प्रधानमंत्री मोदी को भूल जाइए, क्योंकि मैदान में कूद चुके है बीजीपी के स्टार प्रचारक

मणिशंकर अय्यर जिन्ना

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पीएम मोदी या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव से पहले कितना प्रभाव डालते हैं, 2014 के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अक्सर ही विवादित टिप्पणियों से कांग्रेस के लिए ही मुश्किलें खड़ी कर देते हैं। ऐसे में बीजेपी की जीत  का पूरा श्रेय पीएम मोदी और अमित शाह को देना पूरी तरह से न्यायिक नहीं होगा। बीजेपी की जीत के पीछे कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का हाथ भी कह सकते हैं जिनके विवादित बयानों ने कांग्रेस को हराने और बीजेपी को एक उच्च स्तर पर ले जाने के लिए एक उपकरण की तरह काम किया है।

कांग्रेस में बीजेपी के लिए उपकरण की तरह काम करने वाले नेताओं में से एक मणिशंकर अय्यर हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि कांग्रेस की बुरी तरह हुई हार में मणिशंकर अय्यर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब लगता है कि वो फिर से वही दोहरा रहे हैं। इस बार उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है जिसका असर कांग्रेस के कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तैयारी पर भी पड़ सकता है। यहां तक ​​कि एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर को लेकर पूरे देश में आक्रोश है, ऐसे माहौल में मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान में जाकर मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में विवाद जारी है और ऐसे में मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम में जिन्ना की तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कहा, हिंदुत्व दबंगों ने कायद-ए-आजम जिन्ना की तस्वीर को हटवा दिया है। वो यही नहीं रुके। रिपब्लिक टीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जिन्ना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा था और वो भारत के साथ अपने संबंधों की सराहना करते थे। हालांकि, कोई ये समझ नहीं पा रहा कि जिन्ना ने कैसे भारत के साथ अपने जुड़ावों की सराहना में हजारों भारतीय हिंदुओं और सिखों की हत्या की और महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था। ये प्रतिक्रिया कांग्रेस की हार के लिए काफी है। लोग ऐसी पार्टी को अपना समर्थन नहीं देंगे जो एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए सामूहिक हत्या और नरसंहार का समर्थन करती हो। ऐसा पहली बार नहीं है जब अय्यर ने पाकिस्तान के प्रति समर्थन और भारत विरोधी विचारधारा की भावना रखने वाली कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा सामने रखा हो। 2015 में कांग्रेस की मदद के लिए और मोदी सरकार को हराने के लिए उन्होंने पाकिस्तान से मदद की भीख मांगी थी, जिससे पाकिस्तान के लिए कांग्रेस का अवैध स्नेह पूरी तरह से सामने आ गया था।

लगभग दो दशक से मणिशंकर अय्यर कांग्रेस को बार बार मुश्किलों में डालने का काम कर रहे हैं। वैसे वो ऐसा एक बार नहीं बल्कि बार बार करते हैं और सभी का जिक्र इस एक आर्टिकल में करना संभव नहीं है। अय्यर की शुरूआती गलतियों में से एक है तत्कालीन प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता वाजपेयी को ‘नालायक’ कहना। इस बयान पर विवाद बढ़ने पर अपने बचाव में उन्होंने कहा था कि वो हिन्दी के शब्दों का मतलब नहीं समझते हैं। 20 वर्षों बाद भी अय्यर आज भी हिंदी को नहीं समझ पाता लेकिन जिस चीज के लिए उन्हें अच्छी तरह से जाना जाता है वो ये है कि इसके बावजूद वो फिर भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनका अर्थ उन्हें समझ नहीं आता और अपने हालिया बयान में उन्होंने पीएम मोदी को नीच कहा था। कांग्रेस और मणिशंकर अय्यर न सिर्फ पीएम मोदी के कड़े वार का सामना करना पड़ा बल्कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता पर इस तरह की निंदा करने वाली टिप्पणियों की वजह से उन्हें जनता के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा नतीजा जनता ने अपने मताधिकार से अपना उचित नेता चुना और कांग्रेस को हार का मुंह दिखाया। हालांकि,  तब मणिशंकर अय्यर ने 2014 के आम चुनाओं से पहले पीएम मोदी को ‘चायवाला’ कहा था। आखिरकार कांग्रेस को आम चुनावों बुरी हार का सामना करना पड़ा था और इस दौरान देश में सबसे पुरानी पार्टी के मान में भी कमी आई थी यहां तक कि कांग्रेस के कई उम्मीदवारों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी हार का मुंह देखना पड़ा था।

मणिशंकर अय्यर द्वारा शर्मनाक टिप्पणी से पहले ही कांग्रेस को अप्रत्याशित गुस्से का सामना करना पड़ा है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मामले पर कड़ा वार करते हुए कांग्रेस और पाकिस्तान के बीच जुड़ाव को लेकर सवाल उठाये हैं। गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस-पाकिस्तान की बैठक का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर कर्नाटक चुनाव में भी पाकिस्तान को शामिल करने का आरोप लगाया है। अय्यर अपने बयानों से अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करते आये हैं और यही वजह है कि बीजेपी को आम चुनावों में निर्णायक जीत मिली थी।

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