जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ की 182 बटालियन, 183 बटालियन, 44 राष्ट्रीय राइफल और एसओजी की टीम ने सोमवार को पुलवामा जिले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के समीर अहमद भट उर्फ ‘समीर टाइगर’ और उसके साथी आतंकवादी को मार गिराया। आतंकवाद के खिलाफ चली लड़ाई में मिली कामयाबी से जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बलों का मनोबल और बढ़ गया है। अब शांति-प्रिय लोगों की नसों में भी शांति की लहर दौड़ी रही हैं। पिन-पॉइंट इंटेलिजेंस ऑपरेशनमें सुरक्षा बलों ने समीर टाइगर को मार गिराया। समीर अहमद भट्ट को 24 मार्च , 2016 में पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिनों बाद ही उसे रिहा कर दिया गया था। रिहाई के तुरंत बाद करीब दो महीने के अंतराल के भीतर ही समीर हिजबुल मुजाहिदीन में बतौर आतंकी शामिल हो गया। बुरहान के बाद वह हिज्ब का पोस्टर बॉय बन गया था इसके बाद वो पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से भी जुड़ा था।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने समीर को ए++ श्रेणी का आतंकी घोषित किया था। युवाओं को लुभाने और दूसरों को डराने के लिए उसने अपने आसपास स्टारडम का माहौल बनाया। समीर साल 2017 में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और अपने आतंकवादी मालिकों का पसंदीदा चेहरा बन गया। कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने के लिए पिछले कुछ महीनों से उसकी एम-4 बंदूक लिए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी। समीर पहले ही अपनी घाटी के कई युवाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने में सफल हो चुका था और यही वजह है कि उसकी मौत को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। 44 राष्ट्रीय राइफल को समीर की लोकेशन की जानकारी मिली थी जिसके बाद सोमवार को कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लगभग 10:00 बजे हिज्बुल के शीर्ष कमांडर समीर टाइगर ने खुद को घिरता देख सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की। कई घंटे तक चली इस मुठभेड़ में आतंकी समीर टाइगर को सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया। वहीं, स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई में बाधा डालने की कोशिश की साथ ही उनकी मदद से समीर का एक साथी मौके से फरार होने में कामयाब हो गया। मुठभेड़ के बाद समीर और उसके मारे गये साथी के शवों को स्थानीय लोग गायब करें उससे पहले सुरक्षा बलों ने बरामद कर लिया।
समीर आतंकवाद का वो चेहरा था जो हाल ही में घाटी में तेजी से उभरा था। आतंकवादियों ने युवाओं को लुभाने और उन्हें अपने समूह में शामिल करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कैसे करना है सीख लिया है। उनके पोस्टर बॉय की मौत के बाद उनके प्रोपेगंडा नेटवर्क के साथ साथ आतंकवादियों की बड़ी योजना भी बाधित हो गयी है। सबसे नामी आतंकवादियों में से एक और सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा खतरा अब मारा जा चुका है ऐसे में सुरक्षा बल और आम जनता अब चैन की सांस ले पाएंगे। इसी के साथ सुरक्षा बलों द्वारा मारे गये आतंकियों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है। आतंकवाद के खिलाफ इस जीत के बाद पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर स्थित आतंकवादी समूहों का मनोबल टूट जाएगा और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में घाटी में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगेगा। आतंकवादी और उनके सहानुभूतिकार समीर की मौत पर दुखी होंगे, वो आदमी जो अपने ही देश के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था और देश को क्षति पहुँचाने की मंशा रखता था। इस बीच भारत और उसके नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी आंतरिक और पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने तैयारी और मजबूत कर ली है।