महत्वाकांक्षी उड़ान योजना के तहत सिक्किम को मिला अपना पहला एयरपोर्ट

सिक्किम एयरपोर्ट

भारतीय एविएशन सेक्टर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी की बदौलत अब पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम को अपना पहला एयरपोर्ट मिल गया है जो देश का 100 वां कार्यात्मक एयरपोर्ट बनने वाला है। इस एयरपोर्ट को बनाने में 350 करोड़ रुपये लगे हैं। सिक्किम का पाक्योंग एयरपोर्ट 4,700 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है और ये सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 30 किमी की दूरी पर है। नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि, एयरपोर्ट जून में शुरू किया जायेगा। अभी तक सिक्किम ही भारत का एकमात्र राज्य था जहां एयरपोर्ट नहीं था। हालांकि, विमान सेवा के इस पहाड़ी राज्य में पहुंचने से अब देश ने सभी राज्यों के लिए वायु कनेक्टिविटी हासिल कर ली है। ये एयरपोर्ट नागर विमानन मंत्रालय के नागरिक विमानन विकास योजना के तहत शुरू किया जायेगा। इससे पहले ही स्पाइसजेट कंपनी को पाक्योंग-कोलकाता विमान सेवा के लिए अनुमति दी जा चुकी है।

एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने के बाद सिक्किम में टूरिज्म संभावनाएं बढ़ जाएगी। वर्तमान समय में राज्य के लिए यात्रा करने वाले पर्यटकों को बागडोगरा में उतरना पड़ता है, इसके बाद उन्हें यहां से गंगटोक पहुंचने के लिए चार घंटे से अधिक समय की यात्रा करनी पड़ती है। भारत के लिए ये राज्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये राज्य 1962 में चीन के साथ कटु सीमा युद्ध का साक्षी है। ये चीन के साथ एक संवेदनशील सीमा साझा करता है, इसी राज्य में डोकलाम क्षेत्र आता है और डोकलाम सीमा को ट्राई-जंक्शन भी कहते हैं जहां भारत, चीन और भूटान कि सीमाएं मिलती हैं। ऐसी परिस्थितियों में  भारत के पास अपनी संप्रभुता का दावा करने के लिए क्षेत्र में तेजी से बुनियादी ढांचा विकास करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। ये भी स्पष्ट है कि जो लोग सीमा से सटे क्षेत्रों में रहते हैं उनमें  आत्मविश्वास जगाने के लिए खुफिया सूचनाओं के संग्रह की क्षमता को बनाए रखना आवश्यक है। ऐसी परिस्थितियों में इस एयरपोर्ट का महत्व आर्थिक महत्व से कहीं ज्यादा है। राज्य में आधारभूत संरचना का विकास देश के साथ इसकी कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और इसीलिए ये सिर्फ आर्थिक प्रोत्साहन नहीं बल्कि रणनीतिक दबाव भी है।

देश की महत्वाकांक्षी “उड़े देश का आम नागरिक” (उड़ान) नामक “क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना” के तहत ये बड़ी उपलब्धि है। इस योजना का उद्देश्य आम जनता को हवाई यात्रा की सेवा प्रदान करना है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि हवाई यात्रा कुछ चुनिंदा और समृद्ध महानगरीय क्षेत्रों तक ही सीमित न रहे। मोदी सरकार द्वारा घोषित ये महत्वाकांक्षी योजना सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा है।

इस योजना से सरकार को अच्छे नतीजे मिल रहे हैं क्योंकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत इस सूची में कुल पच्चीस एयरपोर्ट पहले ही जोड़े जा चुके हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा है कि जून माह तक भारत के एविएशन मैप पर जो एयरपोर्ट जोड़े जाएंगे वो जमशेदपुर, कूच बिहार, दुर्गापुर, कुल्लू और पंतनगर हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 13 एयरपोर्ट को अपग्रेड किया जा रहा है। इसके अलावा इस योजना के तहत 23 हवाई अड्डे और हेलीपैड आने वाले समय में हेलीकॉप्टर संचालन को संभालेंगे।

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