वही पुरानी गलती? कांग्रेस के नए रणनीतिकार जयराम रमेश ने दिया संकेत, पीएम मोदी पर केंद्रित होगा 2019 का अभियान

जयराम रमेश 2019

PC: Twitter

पीएम मोदी की लोकप्रियता और उनके करिश्माई नेतृत्व से कांग्रेस द्वारा अपने डर को स्वीकार किये जाने पर इसे किस रूप में लिया जान चाहिए? दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि पीएम मोदी 2019 के आम चुनावों के लिए सबसे बड़ी बाधा हैं

जयराम रमेश ने कर्नाटक चुनावों में हुए बदलावों के तहत कांग्रेस की तथाकथित जीत पर भी बात की। किसी के लिए ये समझना मुश्किल है कि वो सभी बदलाव सकारात्मक कैसे थे जब कांग्रेस कई सीटों पर हार गयी थी।

ऐसा लगता है कि कांग्रेस बीजेपी द्वारा 4 सालों में जो भी विकास कार्य किया गया है उससे जूझ रही है। न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश को 2019 की तैयारियों के लिए इस पुरानी पार्टी का मुख्य रणनीतिकार बनाया गया है जो फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है। इसीलिए कांग्रेस के शीर्ष नेता पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व और लोकप्रियता से चिंतित हैं। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के ‘युवा’ और मजबूत नेतृत्व का दावा करने वाली पार्टी अब अपने पितृ विरासत का उपयोग नहीं कर रही है।

जिस पार्टी का संभावित अभियान का प्रमुख खुद ही अपने प्रतिद्वंद्वी के व्यक्तित्व और नेतृत्व के भय से डरता हो उस पार्टी को अब भगवन ही बचा सकते हैं। वास्तव में ऐसा लगता है कि कांग्रेस एक बार फिर से 2014 की अपनी गलती को दोहरा रही है और अपना पूरा ध्यान पीएम मोदी पर केंद्रित कर दिया है। उस समय, जब पूरी कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी को निशाना बना रही थी और उनपर आरोप मढ़ रही थी तब वो लगातार अपनी कोशिशों से जनता से जुड़ रहे थे। मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड सब बयां करता है और कांग्रेस की नीतियां बुरी तरह से असफल हुई हैं। उसके बाद जो भी हुआ वो सभी जानते हैं। कांग्रेस जो कभी भारत में अपने राज का आनंद उठाती थी आज वो हताश राजनीतिक संगठन बनकर रह गयी है जो क्षेत्रीय पार्टियों के समर्थन की तलाश में रहती है। वास्तव में 2002 से ही कांग्रेस के लिए पीएम मोदी मुद्दा रहे हैं लेकिन जब भी उनके अभियान प्रचार का केंद्र ये करिश्माई नेता बने हैं तब तब उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। और अब कांग्रेस के लिए ‘सिर्फ’ यही मुद्दा मुख्य बन चुका है। ऐसे में यही लगता है कि 2019 के चुनाव प्रचार कांग्रेस के लिए नकारात्मक साबित होंगे। इसमें मुद्दों की कमी होगी और पीएम मोदी के खिलाफ आक्रामक अभियान का प्रचार होगा।

इससे ये सवाल भी उठता है कि कांग्रेस को अपनी ही विचारधारा और नेतृत्व पर संदेह है जिस वजह उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने के विकल्प को सबसे सही मानती है। कांग्रेस के पास खुद को साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है और पार्टी का खराब प्रशासन ट्रैक रिकॉर्ड उनकी कोई मदद नहीं कर सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस जहर फैलाने और घृणास्पद राजनीति में शामिल  हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ही इस तरह की प्रतिशोधपूर्ण राजनीति से आगे रहे हैं उन्होंने अपना दायरा इससे कहीं उच्चा रखा है। पीएम मोदी विरोधी कैबल पूरी ताकत से उनकी ओर बढ़ रहा है लेकिन फिर भी वो अक्सर सिर्फ ऐसे अनावश्यक  और अनुचित आलोचना के साथ तेजी से उभरे हैं।

कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने शीर्ष पद पर हिस्सेदारी का दावा किया था। यहां तक कि सिद्धारमैया ने उनकी उम्मीदवारी का खुलकर समर्थन भी किया था। अब ऐसा लगता है कि विपरीत नतीजों के बाद से कांग्रेस को गहरा झटका लगा है। उन्होंने फिर से नई रणनीति बनाई है और अब ऐसा लगता है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया जा सकता है। उनका कमजोर नेतृत्व और अनिच्छुक व्यक्तित्व इतने बड़े बोझ की जिम्मेदारी को नहीं उठा सकता है। जयराम रमेश ने इस बयान में एक अयोग्य, अक्षम और डरी हुई कांग्रेस का खुलासा किया है जो राजनीति के सबसे नकारात्मक ब्रांड का सहारा लेने के लिए मजबूर है। ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनावों को एक दिलचस्प अभियान बनाया जाना चाहिए जिसके नतीजे सभी को चौंका देंगे।

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