‘कम्मिंग सून’…आपके नजदीकी सिनेमा घरों में आ रहे हैं तेजप्रताप यादव

तेजप्रताप यादव बॉलीवुड

PC: The Economic Times

यदि आप सपना देख सकते हो तो उसे पूरा भी कर सकते हैं। जैसा की कहावत है, अपने सपनों को साकार करने के लिए कभी देर नहीं हुई है। ऐसा ही कुछ आजकल बिहार की राजनीति से परे लालू प्रसाद के बेटे तेजप्रताप यादव के साथ हुआ है जो अब अभिनेता बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए तैयार हो गये हैं। ‘जो आप बनना चाहते हैं उसके लिए अभी भी देर नहीं हुई है, शायद जब जॉर्ज एलियट ये पंक्ति लिख रहे थे तब वो तेजप्रताप यादव के बारे में ही सोच रहे थे।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के फिल्म की दुनिया में कदम रखने की खबर से तो यही लगता है कि वो राजनीति से नाता तोड़कर बॉलीवुड से जुड़ गए हैं। वो अगले टॉम क्रूज बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक एक मूवी पोस्टर शेयर किया है जिसमें वो स्टार हैं और इस पोस्टर में लिखा है ‘comming soon’. वो फिल्म रुद्रा से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं। तेज प्रताप को उनकी नई शुरुआत के लिए ऑल द ‘बेरी बेस्ट’।

तेजप्रताप को बिहार में जंगल राज जैसे सामाजिक मुद्दों और चारा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी फिल्में बनानी चाहिए जिसमें वो भ्रष्टाचार नेता की मुख्य भूमिका में हो जिसने बिहार को बर्बाद कर दिया और उनके दोनों बेटे इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी मूवी सफलता के नए आयाम लिखेगी। इस तरह की फिल्में करने के बाद उनका स्टारडम अमिताभ बच्चन, जॉर्ज क्लूनी, टॉम क्रूज और लियोनार्डो डिकैप्रियो से भी ज्यादा हो जायेगा।

इससे पहले उन्होंने एल्बर्ट आइंस्टीन के उद्धरण के साथ अपनी एक फोटो भी ट्वीट की थी जिसमें वो घास पर लेटे हुए थे। वैसे घास और लालू परिवार का बहुत पुराना रिश्ता रहा है, वैसे भी घास पर लेटना और प्राकृत का आनंद उठाना राजनीति की चाय नहीं है, और ये एक राजनेता की बजाय एक सेलिब्रिटी के साथ ज्यादा बेहतर से जुड़ा है। और अब ऐसा हो भी रहा है तेज प्रताप एक अभिनेता बनने जा रहे हैं, ‘बेरी सून’(बहुत जल्द)।

तेजप्रताप यादव ने जीवन में कई उतर-चढ़ाव देखें हैं। वो गरीबी की वजह से 12वीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व उनके पिता ने अपने आप को गरीबों का नेता घोषित कर दिया था। वह इतने गरीब थे कि उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये का चारा घोटाला करना पड़ा था और उन्होंने इस तरह से अन्य समाजवादी गरीब नेताओं के लिए एक आदर्श स्थापित किया कि कैसे सौ करोड़ की सीमित आय के साथ जिंदगी जी जाती है। स्कूल छोड़ने के बाद वो कुछ वर्षों तक एक संघर्ष भरा जीवन जी रहे थे और फिर मुख्यधारा में लौट आये और ऑटोमोबाइल डीलरशिप शुरू कर दी। 2015 में वो राजनीति से जुड़े गये। तेज प्रताप यादव को बिहार विधानसभा में महुआ से विधायक चुना गया और इसके बाद वो बिहार में अल्पकालिक गठबंधन सरकार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बने। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में इतना जबरदस्त काम किया कि उनके पिता अन्य राज्यों में इलाज कर रहे हैं। और अब वो बॉलीवुड में अपनी शुरुआत करने जा रहे है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप कैमरे के सामने आये हैं इससे पहले उन्होंने भोजपुरी फिल्म ‘अपहरण उद्योग’ में बिहार के मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई थी। वैसे एक बार फिर से, अपहरण और लालू परिवार का गहरा रिश्ता रहा है।

एक आम आदमी इस तरह के रंगीन जिंदगी, हर रोज नए कार्यक्रमों से भरे हुए और रोमांचक जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है। उनका जीवन स्टीफन हकिंग्स से भी ज्यादा प्रेरणादायक है। फिर भी हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि वो लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं। लालू प्रसाद यादव भी बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं और उनके बेटे भी उनकी तरह ही हैं। उनके दूसरे बेटे तेजस्वी यादव भी तेजप्रताप की तरह बहु-प्रतिभाशाली हैं। तेजस्वी यादव आईपीएल टीम, दिल्ली डेयरडेविल्स के सदस्य थे। लेकिन अपने गृह राज्य के लिए उनके प्यार ने उन्हें क्रिकेट छोड़ने और राजनीति में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया। हमें उम्मीद है कि तेजप्रताप की राह में इस तरह की कोई बाधा न आये और वो बॉलीवुड के अभिनेता बने जिसकी बॉलीवुड को जरूरत है लेकिन उन्हें बॉलीवुड की नहीं।

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