अवैध बूचड़खानों के बंद होने से यूपी में नहीं हुई मोब लिंचिंग की घटनाएं: योगी

लिंचिंग योगी

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पिछले कुछ दिनों में कई नेताओं ने देश में मोब लिंचिंग की घटनाओं के पीछे की वजह बीफ खाने को बताया। हालांकि, मुख्यधारा की मीडिया ने इन नेताओं की टिप्पणियों को कोई तुल नहीं दी लेकिन मोब लिंचिंग का एक और पहलु है जो अब सामने आया है जिसे मीडिया ने पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। पिछले तीन वर्षों में अकेले राजस्थान में गौ तस्करी के 1,113 मामले दर्ज हुए हैं और 2,198 तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। अवैध तस्करों ने कई बार निर्दोष लोगों और पुलिसकर्मियों को मार डाला जिन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। एक बार फिर से अकेले राजस्थान में तस्करों और पुलिसकर्मियों के बीच 33 फायरिंग के मामले सामने आये हैं। फायरिंग की घटनाओं में सात पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि सिर्फ एक तस्कर मारा गया और तीन घायल हुए थेतस्कर इतने निर्भीक हो गए हैं कि उन्होंने मानेसर के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शिविर में घुसकर कई राउंड फायरिंग की।

हाल ही में, ब्रिटिश निवासी सोनिया शर्मा और उनके दोस्त आर्ची बरनवाल जब गौ तस्करों से गौ को बचाने की कोशिश कर रही थीं तब गौ तस्करों ने उन्हें गोली मार दी थी।

जून 2016: दो अज्ञात मवेशी तस्करों ने अहमदाबाद गांव के निर्देश सिंह नामक एक 16 वर्षीय छोटी लड़की की तब गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वो तस्करों को अपने मवेशियों को खलियान से चुराने से रोक रही थी।

जून 2016: दिनेश कुमार नामक एक 35 वर्षीय दलित व्यक्ति को मवेशी तस्करों ने ट्रक के नीचे कूचल कर मार डाला था जब वो अपनी गायों को चोरी होने से बचाने की कोशिश कर रहा था। ये घटना फिरोज़ाबाद जिले में हुई थी।

इस तरह की एक दो नहीं बल्कि अनगिनत घटनाएं हैं। हालांकि, मुख्यधारा की मीडिया ने जानबूझकर इस तरह की घटनाओं को अनदेखा किया क्योंकि ये उनके एजेंडा को सूट नहीं करता है।

अब लिंचिंग की वजह से हुई मौतों पर आते हैं, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में अब कुछ ऐसा किया है जो मीडिया और अन्य आत्म-घोषित बौद्धिकों को चुप करा देगा जो हमेशा ही लिंचिंग के मुद्दे को उठाते हैं। इस तथ्य को जानते हुए कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है और यहीं से सबसे ज्यादा मामले सामने आने चाहिए लेकिन योगी सरकार के आने के बाद से हमने यहां ऐसा कोई बड़ा मामला नहीं देखा है। आखिरी मामला अखिलेश यादव की सरकार के अधीन अखलाक लिंचिंग मामला था। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने कहा, अगर हमने यूपी में अवैध बूचड़खानों को बंद नहीं किया होता तो यहां से मोब लिंचिंग के सबसे ज्यादा मामले सामने आये होते। हम खुश हैं कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई।” उन्होंने आगे कहा, हर राज्य को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। हालांकि, लोगों को एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मॉब लिंचिंग की सबसे दुखद घटना 1984 में दिल्ली की सड़कों पर हुई थी।”

अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। मोब लिंचिंग और गौ तस्करी के मामलों की जड़ों पर वार करना चाहिए जिससे इस तरह के मामलों पर रोक लग सके।

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