भारत ने थाईलैंड की अदालत में पाकिस्तान को किया अपमानित

मुन्ना झिंगड़ा थाई अदालत

क्रिकेट के मैदान के बाद अब अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया है। थाइलैंड की अदालत में पाकिस्तान को जबरदस्त मुंह की खानी पड़ी जब थाइलैंड की अदालत ने अंडरव‌र्ल्ड डॉन छोटा शकील के करीबी मुजक्किर मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगड़ा को भारत का नागरिक मानते हुए उसे जल्द ही भारत भेजने का आदेश दिया।

थाई कोर्ट ने माना कि मुन्ना झिंगड़ा भारत का नागरिक है और पाकिस्तान की दलीलों को खारिज कर दिया। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के बेहद करीबी मुन्ना झिंगड़ा सितंबर 2000 से थाईलैंड की जेल में बंद है। इस मामले पर अप्रैल 2017 से ट्रायल चल रहा था और भारत और पाकिस्तान दोनों ही उसकी नागरिकता को लेकर दावे कर रहे थे ऐसे में उसका प्रत्यर्पण दोनों देशो के बीच विवाद का विषय बन गया था। भारत मुन्ना झिंगड़ा को देश वापस लाने की कोशिश कर रहा था लेकिन पाकिस्तान भारत के खिलाफ था।

अप्रैल 2018 में, थाई अदालत ने पाकिस्तान को अपने 41 गवाह पेश करने के लिए कहा था जिसके द्वारा पाकिस्तान ये साबित करने की कोशिश कर रहा था कि मुन्ना झिंगड़ा मूल रूप से पाकिस्तान का है। इस दौरान पाकिस्तानी गवाहों ने पाकिस्तान में मुन्ना झिंगड़ा की रह रही दूसरी पत्नी और बच्चों के बारे में भी बताया।

पाकिस्तान रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की नामी जांच एजेंसी आईएसआई ने मुन्ना की नागरिकता को पाकिस्तानी साबित करने के लिए फर्जी पासपोर्ट तक बनाया था।

दाऊद इब्राहिम के गिरोह को बचाने के लिए पाकिस्तान ने झूठे साक्ष्य भी पेश किये थे। हालांकि, थाई अदालत ने पाकिस्तान को ‘मनगढ़ंत’ साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए फटकार भी लगाई। ये किसी से छुपा नहीं है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा दाऊद गैंग को समर्थन और संरक्षण दोनों ही प्राप्त है। झिंगड़ा दाऊद इब्राहिम गिरोह के शीर्ष लोगों में से एक है और पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के साथ भी उसके लिंक हैं।

मुन्ना झिंगड़ा को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए भारत ने कोर्ट में ठोस सबूत दिए थे। भारतीय अधिकारियों ने सीबीआई और विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज जमा किए थे। इसके अलावा, फिंगरप्रिंट, जन्म और उसकी बेटी का मृत्यु प्रमाणपत्र भी पेश किया था और डीएनए सैंपल, निवास प्रमाणपत्र और कॉलेज दस्तावेज भी पेश किया। इन सभी साक्ष्यों के आधार पर भारत ने ये साबित कर दिया कि वो एक भारतीय नागरिक है। इसके परिणामस्वरूप, अब थाई अदालत ने झिंगड़ा को भारत वापस भेजने का आदेश दे दिया है।

गैंगस्टर मुन्ना झिंगड़ा दाऊद इब्राहिम के गिरोह में शामिल होने के लिए 1999 में दुबई और फिर कराची गया था। बाद में वो छोटा शकील का करीबी सहयोगी बन गया। छोटा शकील के आदेश पर झिंगड़ा 2000 में दाऊद इब्राहिम के दुश्मन अंडरव‌र्ल्ड डॉन छोटा राजन की हत्या करने के लिए थाईलैंड गया था। हत्या के प्रयास के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद थाईलैंड में उसे 14 वर्षों के लिए हत्या की कोशिश के आरोप में जेल में बंद कर दिया था।

झिंगड़ा के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारी थाई अदालत गये थे क्योंकि झिंगड़ा वांछित अपराधियों की लिस्ट में शामिल नामों में से एक है। भारत में उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार भारत की जीत हुई और पाकिस्तान की अपमानजनक हार। अब झिंगड़ा को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा। इसके जरिये भारत ने पाकिस्तान को एक बड़ा संदेश भी दिया है कि आज भारत झिंगड़ा को लेकर जा रहा है, इसके बाद दाऊद इब्राहिम का नंबर है।

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