मौलवी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान गाने से किया इंकार, गिरफ्तार

मौलवी राष्ट्रगान

15 अगस्त को पूरा देश 72 वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाने में व्यस्त था। लाल किले सहित देश भर के स्कूलों, संस्थानों, इमारतों में राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए थे। देश की आजादी के लिए जिन्होंने बलिदान दिया उन्हें याद किया जा रहा था, पूरे देश में राष्ट्रगान गाये जा रहे थे और राष्ट्रध्वज फहराया गया था। हालांकि, देश में कुछ ऐसे लोग भी थे जो देश की आजादी के लिए दिए गये बलिदानों को महत्व नहीं देते। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक मौलवी राष्ट्रगान का अपमान करते हुए नजर आ रहा है। मदरसा में झंडारोहण के बाद मौलवी ने बच्चों को राष्ट्रगान नहीं गाने दिया। इस वीडियो में मौलवी ने मदरसे में झंडारोहण के बाद छात्रों को राष्ट्रगान नहीं गाने का फरमान दिया जब वहां मौजूद अध्यापक ने इसका विरोध किया तो भी मौलवी अपनी जिद्द पर अड़ा रहा और कहा “हमारे यहां ये सब नहीं होता।” जब झंडारोहण के बाद एक शख्स ने बच्चों को राष्ट्रगान गाने के लिए कहा तो मौलवी ने बच्चों को राष्ट्रगान नहीं गाने का फरमाना दिया। इस वीडियो में देखा जा सकता है कैसे बार-बार मौलवी इस्लाम और मुस्लिम होने की बात पर जोर दे रहा है। ऐसा लगता है कि मौलवी के अनुसार एक सच्चे मुस्लिम को राष्ट्रगान नहीं गाना चाहिए क्योंकि ये इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।

ये घटना उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के कोल्हुई थाना क्षेत्र के मदरसा अरबिया अहले गर्ल्स मलंगडिहवा बड़गो की है। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पुलिस मौलवी को गिरफ्तार कर चुकी है जिसका नाम मौलवी जुनैद अंसारी है। इस मामले में जुनैद समेत दो अन्य को गिरफ्तार किया गया है।

ये कोई पहली घटना नहीं है। अतीत में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां मदरसे में राष्ट्रगान गाने से इंकार किया गया है। पिछले वर्ष बरेली के सबसे बड़े बरेलवी मदरसे मंजर-ए-इस्लाम के छात्रों ने झंडारोहण के बाद राष्ट्रगान नहीं गाया था।

2016 में इलाहाबाद के एक स्कूल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान, वंदे मातरम और सरस्वती वंदना गाने पर बैन लगा दिया था क्योंकि उनके मुताबिक ये ‘गैर-इस्लामी’ है। स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद जिया-उल-हक ने कहा, “ राष्ट्रगान में एक पंक्ति है ‘भारत भाग्य विधाता’ जो इस्लाम के खिलाफ है, अल्लाह हमारे भाग्य विधाता हैं। हम कैसे कह सकते हैं कि भारत ने हमारा भाग्य बनाया है?” स्कूल के प्रबंधक ने ये भी कहा कि, “राष्ट्रीय गान में देश सबसे बड़ा है और यहां तक कि मजहब (धर्म) और खुदा से भी बड़ा है जो किसी भी सच्चे मुसलमान के लिए अस्वीकार्य है।“

2015 में मुंबई में एक मुस्लिम परिवार राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा नहीं हुआ था।

पहले उन्होंने कहा कि उन्हें ‘भारत माता की जय’ कहने में समस्या है फिर उन्होंने कहा कि उन्हें वंदे मातरम् गाने में समस्या है और अब वो कह रहे हैं कि उन्हें राष्ट्रगान से समस्या है और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर कल को उन्हें राष्ट्रध्वज से भी समस्या होगी। किसी ने सही कहा है कि भारत में असहिष्णुता बढ़ रही है। इस्लामी कट्टरपंथी मासूम बच्चों के दिमाग में जहर भर रहे हैं। ये कट्टरपंथी अब इन बच्चों को अपनी छोटी सोच से उन्हें भ्रमित कर रहे हैं। जिस उम्र में बच्चों को राष्ट्र और राष्ट्रगान के महत्व के बारे में बताना चाहिए उस उम्र में उन्हें अपमान की भाषा सिखाने व्यस्त हैं।

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