बॉलीवुड बदल चुका है और डायरेक्टर और ऐक्टर असल जिंदगी के किरदारों को फ़िल्मी परदे पर उतरा रहे हैं और इस तरह की फिल्मों को आम जनता का भी खूब प्यार मिल रहा है। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह की कहानी पर आधारित ‘भाग मिल्खा भाग’ और हाल ही में रिलीज़ हुई ‘गोल्ड’ जिसकी कहानी ओलंपिक में हॉकी में पहले स्वर्ण पदक पर आधारित थी। ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं, इन फिल्मों को दर्शकों का खूब प्यार मिला। अब इसी कड़ी में असल जिंदगी पर आधारित और एक फिल्म का नाम जुड़ गया है जिसमें मुख्य भूमिका शाहिद कपूर निभाएंगे। शाहिद कपूर बॉक्सिंग चैंपियन और एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता डिंको सिंह की बायोपिक में डिंको का किरदार निभाएंगे। इस फिल्म को डायरेक्टर राजा कृष्णा मेनन डायरेक्ट करेंगे और इस फिल्म की शूटिंग अगले साल यानि की 2019 में शुरू होगी। फिल्म में डिंको सिंह के जीवन में आये उतर-चढ़ाव को दिखाया जायेगा साथ ही उन्होंने कैसे सफलता की एक नयी कहानी लिखी और इतिहास रचा इसे भी दिखाया जायेगा।
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डिंको सिंह का जन्म 1 जनवरी 1979 को मणिपुर के एक दूरदराज स्थित गांव के एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। उनका पालन-पोषण इम्फाल के एक अनाथालय में हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र में ही अपनी काबिलियत से भारतीय खेल प्राधिकरण को चौंका दिया था। उनकी काबिलियत को देखते हुए ‘विशेष खेल क्षेत्र’ स्कीम के तहत डिंको सिंह को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा सहायता मिली और वो मात्र 11 वर्ष की उम्र में चर्चा में आ गये थे। छोटी उम्र में ही उन्होंने 1989 में अंबाला में राष्ट्रीय बॉक्सिंग का सब-जूनियर खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने 1997 में बैंकाक (थाईलैंड) में ‘किंग्ज कप’ जीता था तब उनकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी। इसके बाद साल 1998 में मात्र 19 वर्ष की उम्र में उन्होंने बैंकाक (थाईलैंड) में हुए एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। तब उन्होंने विश्व के नंबर तीन खिलाड़ी थाईलैंड के वांगप्रेट्स सोन्टाया को हराया था। उन्होंने दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व जारी रखा। सक्रीय बॉक्सिंग मैदान छोड़ने के बाद उन्होंने कोच की भूमिका निभाई और देश के युवाओं में बॉक्सिंग के जोश को पिरोने का काम किया। बॉक्सिंग के क्षेत्र में उनके द्वारा दिया गया योगदान प्रशंसनीय है।
डिंको सिंह को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन और समर्पण के लिए वर्ष 1998 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शाहिद कपूर आगामी फिल्म में डिंको सिंह की भूमिका निभाएंगे और इसके जरिये लोगों तक इस बेहतरीन खिलाड़ी के योगदान और उसके जीवन के कठिन परिश्रम की कहानी पहुँचाएंगे। शाहिद कपूर ने इस फिल्म को लेकर अपने एक बयान में कहा, “इस कहानी के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक ऐसे स्टार की कहानी बताती है जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं। अगर ‘दंगल’ जैसी फिल्म न बनती तो हमें फोगाट बहनों के बारे में पता नहीं चल पाता। डिंको को कैंसर हुआ था और उनकी 13 राउंड की कीमोथैरिपी भी हुई है। उन्होंने केवल 19 साल की उम्र में 1998 में बैंकॉक एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था।“
2017 में जब गौतम गंभीर को डिंको की बीमारी के बारे में पता चला था तब उन्होंने डिंको को इलाज के लिए उनकी आर्थिक सहायता भी की थी। इसके बाद जल्द ही उनके इलाज के लिए 13 डॉक्टरों की टीम सामने आई थी। एक वक्त तो ऐसा भी उनकी जिंदगी में आया था जब वो नक्सली बनने वाले थे। उनके जीवन की कहानी कई उतार-चढ़ाव से भरी है। शाहिद कपूर ने आगे कहा कि, “डिंको की कहानी काफी मजेदार और प्रेरित करने वाली है। ऐसे हीरोज की कहानी लोगों को बताने की जरूरत है।“
देश की जनता अब काफी शिक्षित हो चुकी है और इस तरह की फिल्मों को हिट बनाने के पीछे देश के युवाओं का बड़ा हाथ है जो अब मसाला फिल्मों से ज्यादा वास्तविक जीवन पर आधारित फिल्मों के लिए ज्यादा उत्सुक रहते हैं। इस तरह की फिल्मों से आम जनता को हमारे देश के उन हीरोज के बारे में पता चलता है जिन्होंने देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊँचा किया लेकिन आर्थिक स्थिति ने उन्हें गुमनामी के अँधेरे में धकेल दिया।