गुजरात के वडोदरा का एक व्यापारी और स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के मालिक नितिन संदेसरा 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर फरार हो गया है वहीं, CBI और ET उसकी तलाश में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार नितिन संदेसरा, भाई चेतन संदेसरा, भाभी दीप्तिबेन संदेसरा और परिवार के अन्य सदस्य नाइजीरिया में जाकर छिपे हैं। दरअसल, भारत का नाइजीरिया के साथ प्रत्यर्पण की कोई संधि नहीं है ऐसे में उन्हें अफ्रीकी देश से वापस लाना कठिन होगा।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, “कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक नितिन संदेसरा को अगस्त के दूसरे सप्ताह में दुबई में गिरफ्तार किया गया था लेकिन ये जानकारी गलत थी। वो और उसका परिवार इससे पहले ही नाइजीरिया भाग गया था।“
नितिन संदेसरा के फरार हो जान के बाद अब कांग्रेस ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया और केंद्र सरकार पर उसे भगाने के आरोप मढ़ने लगी। कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस रिलीज़ में दावा किया था कि मोदी सरकार के तहत 23 लोग भाग गए हैं। हालांकि, इस सूची में सिर्फ 19 नाम का ही उल्लेख था और उन्होंने बाकि नाम जानबुझकर छुपाया था।
नितिन और चेतन संदेसरा सबसे पहले साल 2011 में जांच एजेंसियों के नजर में आये थे। आयकर विभाग ने तब इनके कई ठिकानों पर छापे भी मारे थे। छापेमारी के दौरान दस्तावेज, हार्ड डिस्क और कंप्यूटर हार्डवेयर जब्त किए थे। जांच में मिले सबूतों में कथित तौर पर राजनेताओं और उनके रिश्तेदारों, कर अधिकारियों और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित कई हाई प्रोफाइल वाले लोगों के साथ लेन-देन का खुलासा हुआ था।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले की जांच में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का नाम भी सामने आ चुका है। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली कोर्ट को बताया था कि जांच में मिले सबूतों से सामने आय है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के सहयोगी और सांसद अहमद पटेल के पटेल के आधिकारिक निवास – ’23 मदर टेरेसा क्रिसेंट’ पर 25 लाख रुपये की रिश्वत भेजी गयी थी।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार स्टरलिंग बायोटेक के ख़िलाफ़ काले धन की जांच से जुड़े मामले में गिरफ्तार रंजीत मलिक ने राकेश चंद्रा नाम के शख्स के जरिये 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट पर 25 लाख रुपये कथित रूप से भेजे थे। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में ये भी बताया था कि छापेमारी में जब्त सामग्री, टेलीफोन की बातचीत और बैंक अकाउंट के ब्यौरे में नकदी सहित कई वित्तीय लेनदेन का जिक्र है जिसका स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप से संबंध है।
Delhi's Patiala House Court has sent a person named Ranjit Malik to one-day custody on allegations that he sent Rs 25 lakh Congress leader Ahmed Patel's residence in Delhi in connection with a bank loan fraud of over Rs 5,000 cr.
— ANI (@ANI) August 2, 2018
स्टर्लिंग ग्रुप की एक कंपनी के निदेशक सुनील यादव ने पिछले साल दिसंबर में ईडी को लिखित बयान दिया था। अपने लिखित बयान में यादव ने कहा था, “चेतन संदेसर अक्सर ही अपने साथ बड़ी रकम लेकर अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दीकी को पहुंचाया करते थे।“
TIMES NOW has accessed a sensational deposition by an employee of the controversial Sandesara Group that owned the now defunct Sterling Biotech, one of the top loan defaulters of the NPA list. Here are more details accessed by our Senior Editor @NikunjGargN #5000CrUPALoanScam pic.twitter.com/BHyrj2x9vy
— TIMES NOW (@TimesNow) December 28, 2017
स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के मालिक नितिन संदेसरा के साथ कांग्रेस नेता का जुड़ाव जब सामने आया तो कांग्रेस को सांप सूंघ गया। इस मामले में अब कांग्रेस पार्टी ने चुप्पी साध ली है। जहां कांग्रेस इस मामले के जरिये मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में थी वहीं अब मामले की जांच में उसी के नेता का नाम सामने आ रहा है। हो सकता है कांग्रेस ने अपने नेता को बचाने के लिए नितिन संदेसर को भारत छोड़कर जाने में मदद की हो। साल 2011 में जब ये मामला आया था तब कांग्रेस ने इसपर कोई सख्ती नहीं दिखाई और केंद्र में मोदी सरकार के आते ही स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के मालिकों की धोखाधड़ी को लेकर मौजूदा सरकार पर हमले करने लगी। अब कांग्रेस इस प्रयास में है कि कैसे मोदी सरकार को इस मामले में घेरा जाए लेकिन वो कहते है न सच ज्यादा दिनों तक नहीं छुपता है और कांग्रेस का झूठ भी एक एक करके सामने आ रहा है। अब इस मामले में कांग्रेस के हाई कमान की चुप्पी का भी जवाब नहीं।