आयुष्मान भारत: स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी योजना

आयुष्मान भारत मोदी

कांग्रेस पार्टी ने दशकों तक देश पर शासन किया लेकिन देश के गरीबों के स्वास्थ्य सुधार के लिए कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जिससे हर साल अपने स्वास्थ्य पर किये गये खर्चों के चलते गरीबी का सामना करना पड़ता है। नेशनल हेल्थ पॉलिसी के मसौदे के अनुसार, “देश में 63 मिलियन लोगों को हर साल अपने स्वास्थ्य पर किए गए खर्च की वजह से गरीबी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके इलाज लिए कोई वित्तीय सुरक्षा नहीं है।” गरीब और जरूरतमंदों को बेहतर इलाज के लिए अपनी संपत्तियां तक बेचनी पड़ती है या उन्हें अपनी जमीन गिरवी रखकर साहूकार से भारी ब्याज पर उधार लेना पड़ता है। कुल घरेलू मासिक प्रति व्यक्ति व्यय के अनुपात के रूप में स्वास्थ्य देखभाल पर गैर-नियमित व्यय का हिस्सा ग्रामीण इलाकों में 6.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 5.5 प्रतिशत है। ऐसे में एक मजबूत सरकारी बीमा योजना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी तंत्र साबित होगा और इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने आम जनता की परेशानियों को समझते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की थी। पीएम मोदी इस योजना को झारखंड से 23 सितंबर को लॉन्च करेंगे।

इस योजना के लॉन्च को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “झारखंड हमारी प्राथमिकता में है। ये राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, प्रजनन दर सभी क्षेत्र में सुधार हो रहा है। पीएम मोदी 23 सिंतबर को पूरे देश के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना झारखंड से ही शुरू करेंगे और इस योजना की शुरुआत के लिए झारखंड ने ख़ास तैयारी की है।”

बता दें कि, आयुष्मान भारत योजना में इलाज का खर्च केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना से 15-20 फीसदी कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी बताया कि आयुष्मान भारत योजना में 1354 पैकेज शामिल किया गया है जिसमें कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना और स्टंट डालने जैसे इलाज शामिल हैं। इस योजना के जरिये देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा। योजना से देश के करीब 50 करोड़ गरीब लोगों को लाभ मिलेगा। इस योजना की पूरी जानकारी देने के लिए 14555 हेल्पलाइन नंबर और और वेबसाइट (mera.pmjay.gov.in) सरकार द्वारा लॉन्च कर दी गयी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) को दुनिया में सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के स्वास्थ्य कवर के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) को इस योजना के अंतर्गत लाया जायेगा और सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 डेटा के जरिये योजना के लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। बीमा कवर के अलावा, सरकार देश भर में 1, 50,000 कल्याण केंद्र बनाएगी। कल्याण केंद्र जिसमें उप-केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं जो देश के नागरिकों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य का जरिया है।

आयुष्मान भारत योजना की सुविधा में पूरी तरह से कैशलेस और पेपरलेस इलाज होगा और ये इलाज निजी और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में करवाया जा सकता है। इस योजना में लाभार्थियों को सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 के आधार पर चुना गया है साथ ही उन परिवारों को भी शामिल किया गया है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं। इस योजना के लाभ के लिए कोई भी उम्र की सीमा नहीं है साथ ही परिवार बड़ा हो या छोटा सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा। आयुष्मान भारत योजना देश में सस्ते और बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर देश के आखिरी व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में जरुर सक्षम होगी।

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