बीजेपी के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की संयुक्त विपक्ष की रणनीति पर पानी फिर गया है। पिछले हफ्ते पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा ने तीन विधायकों सहित 22 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। बसपा पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। इसके साथ उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार बनती है तो बसपा और अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस के साथ होगी और राज्य के मुख्यमंत्री उम्मीदवार अजीत जोगी होंगे।
आगामी चुनाव से पहले ही इस गठबंधन की घोषणा ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है जो छत्तीसगढ़ में 15 साल से शासन कर रही बीजेपी पार्टी को हराने के लिए महागठबंधन की योजना बना रही थी। बसपा के इस घोषणा के पीछे की वजह भी सामने आ गयी है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी बसपा को पांच से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं थी। न्यू इंडिया न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार बसपा ने मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
वहीं, दूसरी तरफ सपा मध्य प्रदेश में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन करने की योजना बना रही है जबकि लेफ्ट ने भी अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विपरीत राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन से इंकार कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट किसी भी गठबंधन के खिलाफ खुल कर बोल रहे हैं जो पार्टी के लबालब आत्मविश्वास को दर्शाता है। ये स्पष्ट रूप से कांग्रेस की संयुक्त विपक्ष की खोखली राजनीति को भी दर्शाता है। ये कांग्रेस के स्वार्थ की राजनीति को दर्शाता है। वो सिर्फ वहीं विपक्षी पार्टियों का साथ चाहती है जहां उसे फायदा नजर आ रहा है। राजस्थान में सपा, लेफ्ट फ्रंट और जेडीएस सभी तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं।
#BREAKING — Congress' plan of a united oppn to challenge BJP in the 3 big states going to polls this year end has suffered a major setback, with SP, BSP & Left all electing to go solo. (1/2) pic.twitter.com/iPrSFV1UKN
— News18 (@CNNnews18) September 24, 2018
#UPDATE — Setback for Congress: In MP, BSP is all set to go solo. SP in talks with Gondwana party, Left front to contest separately. In Rajasthan, Congress & BSP is all set to go solo. Left front, SP and JDS to form a third front. (1/2) pic.twitter.com/TFKY0iNc8z
— News18 (@CNNnews18) September 24, 2018
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन ने साफ संकेत दिया है कि वो 75 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और अन्य सीटें सहयोगी पार्टी के लिए छोड़ेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन के लिए क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस को साथ लाने के मूड में नहीं हैं। क्षेत्रीय पार्टियां महागठबंधन में कांग्रेस के बिना ही चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। ऐसे में हो सकता है कि कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में बसपा-सपा गठबंधन ने बीजेपी प्रत्याशी को हराया था वहीं कांग्रेस पार्टी को बहुत कम वोट मिले थे। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं रही है। ऐसे में यूपी में महागठबंधन में अगर कांग्रेस न भी हो तो भी महागठबंधन पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
चुनाव जैसे जैसे पास आ रहे हैं वैसे वैसे जिस तरह के राजनीतिक समीकरण सामने आ रहे हैं वो 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन के विचार को उलझा कर रख दिया है। बदलते राजनीतिक समीकरण बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के कांग्रेस पार्टी के सपने को तोड़ सकता है। कांग्रेस पार्टी के हालात वैसे नहीं है जैसे पहले हुआ करते थे उसकी स्थिति काफी कमजोर है ऐसे में अगर वो विपक्षी पार्टियों के साथ सख्त रूप अपनाती है तो उसे इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।