हाफिज सईद पर मेहरबान पाक सुप्रीम कोर्ट, सामाजिक कार्यों को जारी रखने की दी अनुमति

हाफिज सईद पाकिस्तान

एक बार फिर से पाकिस्तान ने ये साबित कर दिया है कि वो आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है। आज भी पाकिस्तान का आतंकवाद को लेकर रवैया नहीं बदला है। पाक में आतंकवादी सिर्फ सुरक्षित ही नहीं हैं बल्कि उन्हें पाकिस्तानी सरकार और सेना और आईएसआई का भी समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता है साथ ही उनका पोषण भी करता है। पाक हाई कोर्ट ने मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (जेयूडी) का सरगना आतंकी हाफिज सईद को राहत देकर एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वो आतंक के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता और न ही कभी करेगा। पाक सुप्रीम कोर्ट ने  आतंकी हाफिज सईद को चैरिटी कार्य जारी रखने की भी अनुमति दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच जिसमें जस्टिस मंजूर अहमद और जस्टिस सरदार तारिक मसूद शामिल थे, उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (जेयूडी) हाफिज सईद को राहत देते हुए उसकी सहयोगी संस्था फलाही इंसानियत फाउंडेशन पर रोक के लिए केंद्र सरकार की तरफ से की गई अपील को ख़ारिज कर दिया है। लाहौर कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ पाकिस्तान सरकार की अपील को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘सामाजिक कार्यों’ में दखलअंदाजी देना बंद करें। कोर्ट ने आतंकवादी हाफिज सईद के संगठनों की कानूनी गतिविधियों को भी अनुमति दी। आतंकवादी हाफिज अपनी इस जीत का जश्न मना रहा है और इस फैसले को ‘न्याय और सच की जीत’ बता रहा है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सूची में अल क़ायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, JUD, FIF, लश्कर-ए-तैयबा और कई अन्य संगठनों के नाम शामिल होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने सईद के संगठनों की फंडिंग बंद कर दी थी।

हाफिज सईद को लेकर अमेरिका कई बार चिंता जता चुका है। यही नहीं हाफिज के सिर पर अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम की भी घोषणा कर चुका। इसके अलावा उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है और सईद के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर चुका है। अमेरिका के सख्त रुख को देखते हुए पाक सरकार ने हाफिज का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में भी शामिल किया था जिससे वो पाक को छोड़कर बाहर न जा सके। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद से अब हाफिज बिना किसी रोक-टोक के पाक में अपनी आतंकी गतिविधियों को जारी रख सकेगा  और अपनी बड़ी रैलियों में भारत के खिलाफ जहर उगलेगा। यहां तक कि हाफिज सईद ने अपनी नयी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग भी बनाई है।

पाकिस्तान सरकार और वहां के लोग हाफिज को अपना समर्थन देते हैं। वो पाक की जनता में काफी लोकप्रिय है। पाक आतंवाद का इस्तेमाल अपनी विदेशी नीति ‘भारत में आतंक को बढ़ावा देने’ के लिए करता है। पाक की इस विदेश नीति का हिस्सा हाफिज सईद भी है।

जमात-उद-दावा और सलाहियत फाउंडेशन दोनों में मिलाकर कुल लगभग 50 हजार स्वयंसेवी काम करते हैं और ये संगठन समाज कार्य की आड़ में मासूम बच्चों और कट्टरपंथियों की भर्ती करता है और भारत के खिलाफ उन्हें तैयार करता है। हाफिज सईद और अन्य आतंकी और उनकी सहायता प्रणाली कराची प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसका संचालन आईएसआई और पाकिस्तान सेना के पूर्व सैनिकों द्वारा किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को अस्थिर करना है।

पाकिस्तान JUD जैसे संगठनों के सदस्यों को कराची प्रोजेक्ट के जरिये रोजगार देता है और उन्हें भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए बढ़ावा देता है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रोपेगंडा और नफरत सोशल मीडिया के जरिये भी फैलाता है। पाकिस्तान हाफिज सईद जैसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों को पनाह देकर उन्हें पोषित करता है। हाफिज सईद खुलेआम पाक में भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है। भारत के प्रति उसकी नफरत उसके बयानों में साफ़ झलकती है। उसने एक बार अपने बयान में भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा था कि “दुनिया और एशिया की अमन शांति के लिए ‘इनको’ मारना जरूरी है। उन्हें मारो इतना मारों की वो आपके सामने घुटने टेक कर दया की भीख मांगे।” इसमें स्पष्ट रूप से हाफिज ने भारत को खत्म करने की बात कही थी।

कई बार अपने भाषणों में सईद ने भारत के खिलाफ जहर ही उगला है लेकिन पाक सरकार इस आतंकी के साथ नरमी से पेश आती है क्योंकि वो सईद के जरिये भारत में आतंक फैलाने की के अपने उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश करता है।

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