गुजरात सीआईडी ने गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें 1998 के ड्रग प्लांटिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Dismissed IPS officer Sanjiv Bhatt has been detained by CID (Crime) of Gujarat in connection with Palanpur drug planting case of 1998. Probe underway after HC orders. Interrogation of Sanjiv Bhatt & seven others underway. 2 more former police officers also involved.
— ANI (@ANI) September 5, 2018
1998 में पालनपुर में ड्रग प्लांटिंग मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी ने राजस्थान के पाली के एक वकील शमशेर सिंह राजपुरोहित को झूठे तरीके से फंसाकर हिरासत में लिया था। उस दौरान जांच में 1.5 किलोग्राम ओपियम बरामद किया गया था जिसके बाद वकील को झूठे आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में वकील को पुलिस ने रिहा भी कर दिया था। तब संजीव भट्ट उत्तर गुजरात के बनासकांठा में पुलिस अधीक्षक थे।
राजपुरोहित ने बाद में राजस्थान में एक मामला भी दर्ज किया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्दी की आड़ में गुजरात हाई कोर्ट के जज आरआर जैन के कहने पर उन्हें फंसाया गया था। दरअसल, ये पूरा मामला राजस्थान के पाली में जज आरआर जैन के नजदीक के रिश्तेदार फुटरमल की एक जमीन का था। इस जमीन को लेकर जज का पाली के वकील राज पुरोहित के साथ विवाद चल रहा था।
राजस्थान कोर्ट ने वकील की तर्कपूर्ण दावों पत गौर करते हुए बनासकांठा में पुलिस अधीक्षक को दोषी पाया। राजस्थान पुलिस ने जांच में पाया कि राज पुरोहित को उनके घर से अपहरण कर गुजरात ले जाया गया और वहां उन्हें झूठे ड्रग प्लांटिंग के मामले में फंसाया गया था।
इसी साल जून में गुजरात हाई कोर्ट के जे.बी पारडीवाला ने इस मामले में एसआईटी को जांच करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में जांच को तीन महीनों में ही पूरा करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था, ‘ये चौंकाने वाला था कि अगर वकील पाली में जमीन को खाली कर देता तो पालनपुर पुलिस उन्हें जेल से रिहा कर देती।” वास्तव में शमशेर सिंह राजपुरोहित तीन दिनों तक पुलिस की हिरासत में थे, उनके भाई द्वारा संपत्ति खाली कर दी गयी थी और खाली पड़ी संपत्ति को लेकर पुलिस ने धारा 169 सीआरपीसी के तहत एक रिपोर्ट दायर की थी जबकि लाजवंती सिटी होटल में जिस व्यक्ति को 1.5 किलोग्राम ड्रग ओपियम के साथ पकड़ा गया था वो राजपुरोहित नहीं थे और इसकी पुष्टि खुद होटल के मैनेजर ने की थी जिसके बाद वकील को छोड़ा गया था।
अपहरण से लेकर एक वकील को झूठे मामले में फंसाने के पूरे प्रकरण में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने अहम भूमिका निभाई थी। गुजरात सरकार ने साल 2015 में ही संजीव भट्ट को बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले उन्हें वर्ष 2011 में ड्यूटी पर बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने के लिए निलंबित किया गया था।
संजीव भट्ट ट्विटर पर भारत विरोधी प्रोपेगंडा को बढ़ावा देने के लिए चर्चा में रहते हैं। ये ट्वीट दिखाते हैं कि संजीव भट्ट की मानसिकता कैसी है।
When such a young kid aims his slingshot at a policeman, we must realize that we have comprehensively failed Kashmir pic.twitter.com/U10fHcjBbs
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) July 31, 2016
हालांकि, उनके दावें सच्चाई से कहीं दूर हैं। एनआई एडिटर ने संजीव भट्ट से जब उनसे उनके दावों को लेकर तथ्यों के बारे में ओउछा गया तब उनके पास कोई जवाब नहीं था।
what a shame that you once wore a uniform. Did you check about the photo from former colleagues? The cops were playing with kid
— Smita Prakash (@smitaprakash) August 1, 2016
correct your tweet if you have least bit of respect for facts. This is from Indian Express dated 31/7 pic.twitter.com/06n8oxdDl2
— Smita Prakash (@smitaprakash) August 1, 2016
वो अक्सर ही अपने ट्वीट में अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और कई बार उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना भी साधा है। वो पीएम मोदी के बड़े आलोचक हैं।
कभी गंगा बुला रही है, कभी गोमती बुला रही है. . .
नालायक, अहमदाबाद लौट जा, तेरी बीवी बुला रही है!
😜😜😝😝— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) July 1, 2018
Is this what the jokers meant by "Har Har Modi, Ghar Ghar Modi" ? :) pic.twitter.com/reI1xIozJE
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) September 4, 2017
This is blasphemy in the name of freedom of expression. The least every Indian citizen can do is to respect our PM on social media; despite ideological differences. I request @TwitterIndia to block @sanjivbhatt handle for his derogatory tweets.
Friends pls RT & spread the msg pic.twitter.com/bEmGTiFPjx— Manjinder Singh Sirsa (मोदी का परिवार) (@mssirsa) February 11, 2018
Why do most people use ‘ji’ with Modi? Do we ever say Pig ji or Donkey ji ?🤔
Disclaimer: No offence, intentional or unintentional, meant to pigs or donkeys.😎
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) September 4, 2018
सिर्फ पीएम मोदी ही नहीं बल्कि उन्होंने स्मृति ईरानी के खिलाफ भी अभद्र शब्दों का उपयोग किया है।
https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1013831411730612227
कुल मिलाकर संजीव भट्ट एक विवादित व्यक्ति हैं और अक्सर ही विवादों की वजह से वो खबरों में रहते हैं लेकिन इसके बावजूद उदारवादी-वामपंथी गैंग और लुटियंस मीडिया उन्हें बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का टैग देकर सही ठहराते हैं।