भारत 2011 से लगातार इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज में हारता आ रहा है और इस बार कप्तान विराट कोहली से देश को काफी उम्मीदें थीं लेकिन वो भी जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इंग्लैंड के खिलाफ साउथैम्प्टन में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में 60 रनों से मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने सीरीज गंवा दिया है और इसके साथ ही भारतीय टीम ने इंग्लैंड की टीम को उसी की धरती पर सीरीज में हराने का ऐतिहासिक मौका भी गंवा दिया है। इस सीरीज में हार के साथ ही विराट कोहली की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगे हैं।
कोच रवि शास्त्री के मागदर्शन में कमी और अपने आक्रामक रवैये के लिए मशहूर विराट कोहली अपने प्रदर्शन से ज्यादा ऐसा लगता है कि अपने लुक पर ज्यादा काम कर रहे हैं और उनकी इस व्यस्तता का असर टीम के प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है और इंग्लैंड में मिली शर्मनाक हार इसका उदाहरण है।
एक समय था जब मैदान पर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाज आते थे तब गेंदबाजों के छक्के छुट जाते थे। आज मोईन मुनीर अली जैसे गेंदबाजों के सामने भी देश के मशहूर बल्लेबाज नहीं टिक पा रहे हैं।
अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो भारत को विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा हार का मुंह देखना पड़ा है और इंग्लैंड में मिली हार भारत की एक और हार में जुड़ गया है। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने कुल मिलाकर 260 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से सिर्फ 50 मैच में ही टीम जीत दर्ज कर पायी है जबकि 110 से ज्यादा मैच में हार मिली है और बाकी मैच ड्रा रहे हैं।
भारत के कप्तानों की सूची में अपने गुस्से के लिए सौरव गांगुली भी जाने जाते थे। जब सौरव गांगुली टीम का हिस्सा थे तो वो भी कुछ आज के कप्तान विराट कोहली की तरह ही अपने गुस्से के कारण मैदान पर मशहूर थे। विराट के विपरीत सौरव गांगुली की आक्रामकता लक्ष्य उन्मुख थी और उनके कार्यकाल के दौरान भारत को इस तरह की शर्मनाक स्थिति का सामना शायद ही करना पड़ा हो।
यहां तक कि सौरव ने वर्ष 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल के दौरान ऐतिहासिक जीत में इंग्लैंड को हराया था। भारतीय टीम का तब का प्रदर्शन आज की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतरीन था।
विराट कोहली के गिरते प्रदर्शन और टीम का बढ़िया नेतृत्व न कर पाने की वजह से अब पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने विराट को सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि एक कप्तान तभी सफल हो सकता है जब उसकी टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। सुनील गावस्कर को वर्तमान युग में क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है। सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10 हजारी बनने वाले भारत के पहले खिलाड़ी थे।1987 में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आखिरी सीरीज में उन्होंने ये मुकाम हासिल किया था। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत की शर्मनाक के बाद सुनील गावस्कर ने विराट और पूरी टीम को कई नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा, “जब आप पांच बल्लेबाजों के साथ मैदान पर उतरते हो तो उस स्थिति में सिर्फ एक ही खिलाड़ी पर निर्भर नहीं होना चाहिए। आगर आप सोचते हैं कि विराट कोहली शतक लगा देंगे तो ये मुमकिन नहीं है। वो हमेशा ऐसा नहीं कर सकते हैं, वो भी एक इंसान हैं। विराट और रहाणे की साझेदारी टूटने के बाद भी हम जीत की स्थिति में थे लेकिन क्या हमारे पास ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं है जिस पर हम विश्वास कर सके कि वह 60-70 रन बना पायेगा।“
गावस्कर ने आगे कहा, “ऐसा लगता है कि भारत की उम्मीदें बहुत ऊंची रहती हैं। बल्लेबाज के रूप में विराट कोहली ने उम्मीद से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन एक कप्तान तभी सफल हो सकता है जब उसकी टीम प्रदर्शन करेगी।“ इस बयान के जरिये गावस्कर ने कोहली को संदेश दिया कि वो अपने प्रदर्शन के साथ साथ पूरी टीम को भी साथ लेकर चलें।
विराट कोहली अपनी गलतियों से अभी भी कुछ सीख ले सकते हैं और टीम के प्रदर्शन को सुधार करने के लिए सही मार्गदर्शन कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सुनील गावस्कर ने जो कहा उससे कुछ सीख लेते हुए विराट ऑस्ट्रेलिया में अगले चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे क्योंकि इंग्लैंड के बाद अब उनकी कप्तानी की परीक्षा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे में होनी है।