मनमर्जिया में सीन हटाए जाने पर भड़की तापसी पन्नू के सिख विरोधी सुर

तापसी पन्नू मनमर्जिया

बॉलीवुड के नए लिबरल पोस्टर बॉय डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपनी नयी फिल्म मनमर्जिया लेकर आये हैं जिसमें अभिषेक बच्चन,  तापसी पन्नू और विक्की कौशल मुख्य भूमिका में है। कहा जा रहा है कि अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर पहली बार अनुराग कश्यप ने कोई रोमांटिक फिल्म बनाई है। शायद वो अब कारण जौहर को भविष्य में कड़ी टक्कर देने की सोच रहे हैं।

रोमांस के अलावा इस फिल्म में फेमिनिज्म विषय पर भी जोर दिया गया है लेकिन किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है और ऐसा ही कुछ मनमर्जिया के साथ हो रहा है जिसमें फेमिनिज्म को लेकर जो कांसेप्ट सामने गया रखा है वो बहुत ही बनावटी लगता है यही वजह है कि जनता से इस फिल्म को बेहतर प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। इस फिल्म का कुल बजट 30 करोड़ है लेकिन ये फिल्म पहले हफ्ते में मुश्किल से 20 करोड़ ही कमा पायी है।

हालांकि, फिल्म को लेकर उठे विवाद के पीछे का कारण ये नहीं है। दरअसल, सेंसर बोर्ड ने फिल्म को देखने के बाद इसे रिलीज़ के लिए हरी झंडी दे दी और फिल्म निर्माताओं ने उन सीन्स को काटने के लिए भी हामी भर दी जिसे हटाने के लिए कहा गया था। फिर भी लिबरल्स के चहेते अनुराग कश्यप सेंसर बोर्ड के इस फैसले से भड़क गए और फिल्म के कुछ सीन हटाये जाने पर अपने ट्वीट में फिल्म निर्माताओं पर भड़ास निकाली।

हालांकि, अगर आप हटाये गये फिल्म के सीन को देखें तो वो इतने जरुरी भी नहीं लगते। विवाद होने पर फिल्म के जिस सीन को हटाया गया है उस सीन में मुख्य किरदारों का स्मोकिंग सीन, तापसी और अभिषेक के गुरुद्वारे में एंटर होने वाला करीब एक मिनट का सीन है। इस सीन को हटाने के बाद भी फिल्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां तक कि फिल्म के निर्माता आनंद एल राय ने भी फिल्म से हटाये गये कुछ सीन को लेकर स्पष्टीकरण दिया। आनंद ने कहा, “फिल्म के विवादित सीन हटाने का फैसला कलर येलो प्रोडक्शन का था। मैंने सोचा यदि वो दृश्य किसी की भावनाओं को आहत कर रहे हैं तो मैं उन्हें हटा सकता हूँ क्योंकि मेरी फिल्म का उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है। मैं समझता हूं कि अनुराग कश्यप कुछ सीन के हटाए से नाराज हैं  लेकिन मुझे व्यावहारिक निर्णय लेना पड़ा क्योंकि पंजाब और जम्मू में फिल्म को रिलीज़ करने के लिए वहां के फिल्म प्रदर्शक तैयार नहीं थे।”

हालांकि, इसके बावजूद अनुराग कश्यप को शायद ये बात समझ नहीं आई जो इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बोलने की आजादी पर हमले के रूप एम् देख रहे थे। अनुराग कश्यप का समर्थन करते हुए तापसी पन्नू ने ट्वीट का कहा,

ये ट्वीट न सिर्फ बेतुका है बल्कि मनमर्जिया गैंग का इस तरह से सामने आना और किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत कर उसपर इस तरह से खुद को सही बताने के लिए स्पष्टीकरण देना कितना जायज है? जब फिल्म निर्माता ने स्पष्ट कर दिया कि हटाए गये सीन से कोई फर्क पड़ा है फिल्म पर तो इस तरह का गुस्सा क्यों?

इन ट्वीटस को देखने के बाद लव जिहाद पर स्वरा भास्कर ने जो बवाल किया था वो भी इसके सामने छोटा नजर आ रहा है। तापसी पन्नू ने सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं से जुड़े विवादित सीन पर जो प्रतिक्रिया दी है वो शर्मनाक है। उनकी ये प्रतिक्रिया एलीट बॉलीवुड के ढोंग को दर्शाता है जिसके लिए बॉलीवुड जाना जाता है। सानिया मिर्जा के बाद तापसी पन्नू ने यहां विक्टिम कार्ड खेलकर अपना बचाव करने की कोशिश की है।

तापसी पन्नू अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए जिस तरह से किसी भी स्तर पर जाने से नहीं हिचकती वो शर्मनाक है। ये कोई नयी बात नहीं है इससे पहले तापसी ने फिल्म ‘मुल्क’ के माध्यम से हिंदुओं का मज़ाक उड़ाया था और हिंदूफोबिया को बढ़ावा दिया था। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए तापसी पन्नू ने इस्लामोफोबिया से जुड़े तथ्यों को दिखाने के लिए ‘बहुसंख्यक समुदाय पर हमले करने का कोई मौका नहीं छोड़ा था। अब उन्होंने मनमर्जिया के जरिये सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है और ऐसा करने में उन्हें कोई परेशानी भी नहीं है।

फिल्म के प्रमोशन के लिए डायरेक्टर और एक्टर का इस तरह से किसी प्रोपेगंडा को बढ़ावा देना शर्मनाक है। हालांकि इस बार वो ऐसा करने में नाकामयाब हुए हैं। उम्मीद है कि वो इस तरह से किसी की भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से भविष्य में ऐसी कोई फिल्म न बनाये क्योंकि फिल्म के प्रमोशन या उसे हिट करने के लिए किसी समुदाय या किसी ख़ास वर्ग के लोगों की भावनाओं को आहत करना सही नहीं है। बॉलीवुड के सितारों को ऐसी फिल्में बनानी चाहिए जो समाज में सुधार लाये और उनका मनोरंजन करे न कि किसी तरह का विवाद पैदा करे।

 

Exit mobile version