नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री ने लगाया आरोप, बिना साक्ष्य के लिबरल गैंग नाना के खिलाफ

तनुश्री दत्ता नाना पाटेकर बॉलीवुड

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बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके तुरंत बाद भी बॉलीवुड लिबरल्स वर्षों पुरानी हुई घटना को लेकर नाना पाटेकर के खिलाफ एकजुट हो गए लेकिन उनमें से किसी ने भी इस मामले की गहराई में जाने की कोशिश नहीं की। अभी तक तनुश्री दत्ता द्वारा लगाये गये आरोपों के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं ऐसे में बिना किसी तथ्य के सभी नाना पाटेकर के खिलाफ खड़े हो गये हैं। यही नहीं सोशल लेफ्ट लिबरल गैंग ने ‘मी टू मूवमेंट’ अभियान छेड़ दिया है। मीडिया भी इस मामले में अलग रुख के साथ सामने आई है। यही नहीं मिरर के एक पत्रकार ने तो नाना पाटेकर की तुलना बिल कोस्बी से कर दी एक ऐसा अपराधी जो महिलाओं को ड्रग देकर उनके साथ रेप करता था, लेकिन क्या बिना किसी साक्ष्य के इस तरह से तुलना करना सही है?

तनुश्री दत्ता ने 10 साल पहले अपने साथ हुए दुर्व्‍यवहार का एक इंटरव्‍यू में जिक्र किया है। ये मामला उनकी फ‍िल्‍म ‘हॉर्न ओके प्‍लीज ‘से से जुड़ा है जिसमें तनुश्री दत्ता का एक आइटम सॉन्‍ग था और इस फिल्म में नाना पाटेकर मुख्य भूमिका में थे। एक न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में तनुश्री दत्ता ने कहा, “मैं नाम भी लेना चाहती हूं, अभिनेता नाना पाटेकर, प्रोड्यूसर सामी सिद्दीकी, डायरेक्‍टर राकेश सारंग और कॉरियोग्राफर गणेश आचार्य। नाना पाटेकर ने जब मेरे साथ बद्तमीजी की तो मैंने इसकी शिकायत प्रोड्यूसर-डायरेक्‍टर से की कि इस बंदे (नाना पाटेकर) का तो सेट पर काम ही नहीं है तो ये यहां क्‍या कर रहा है। वो मुझे पकड़कर खींच रहा है, मुझे डांस सिखा रहा है। लेकिन बजाए मेरी शिकायत सुनने और उसे सही करने के, नाना पाटेकर ने एक और डिमांड रख दी कि वो अब इस गाने में मेरे साथ एक इंटीमेट डांस स्‍टैप करना चाहता है। मतलब लड़की नई एक्‍ट्रेस है तो जरूरत हो या न हो, उसके साथ इंटीमेट सीन कर लो।” तनुश्री के इस बयान ने बॉलीवुड लिबरल्स में हलचल मचा दी है। प्रियंका चोपड़ा से लेकर फरहान अख्तर तक तनुश्री दत्ता के समर्थन में सामने आये हैं लेकिन किसी ने भी इस मामले की गहरायी में जाना जरुरी नहीं समझा और न ही तनुश्री को सलाह दी कि वो इस मामले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। आरोपों के साबित होने के बाद कोर्ट इस मामले में तनुश्री के साथ न्याय करेगा।

यही नहीं लिबरल मीडिया ने भी कुछ ऐसा ही किया। मिरर के एक पत्रकार  ने नाना पाटेकर की तुलना अमेरिका के एक रेपिस्ट बिल कोस्बी से कर दी जो ड्रग देकर महिलाओं के साथ रेप करता था, इस रेपिस्ट के खिलाफ कई ऐसे साक्ष्य मिले थे जो उसके आरोपों को साबित करते हैं ऐसे में मीडिया तनुश्री दत्ता के बयान को दिखा सकती थी लेकिन इस तरह से आरोप के साबित होने से पहले ही नाना पाटेकर की तुलना एक रेपिस्ट से करना कितना सही है? क्या मीडिया को बस मसाला चाहिए? क्या जरूरत नहीं है दोनों पक्षों को सुनने और इस मामले के तह तक जाने की?

 

बॉलीवुड भी इस मामले में दो वर्गों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। जहां इस मामले में ट्विंकल खन्ना तनुश्री के समर्थन में आई हैं वहीं उनके पति अक्षय कुमार अभी भी नाना पाटेकर के साथ हाउसफुल4 की शूटिंग में व्यस्त हैं। वहीँ, अमिताभ बच्चन और सलमान खान ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि सवाल बदल दिया।

हो सकता है तनुश्री जो आरोप लगा रही हैं उसमें सच्चाई हो लेकिन ये कैसे साबित होगा? ये तभी साबित होगा जब वो कानून का सहारा लेंगी और दोषी को सजा मिलेगी। माना उस समय उनकी किसी ने नहीं सुनी थी लेकिन आज तो सब उनके साथ नजर आ रहे हैं ऐसे में वो आगे की कार्रवाई के लिए कानून का सहारा क्यों नहीं ले रही हैं और क्यों कोई उन्हें इस मामले में कानूनी मदद लेने के लिए नहीं कह रहा?

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