विवेक अग्निहोत्री ने स्वरा भास्कर को दिखाया आइना, किया अभिव्यक्ति की आजादी के ढोंग का खुलासा

स्वरा भास्कर विवेक अग्निहोत्री

वामपंथी उदारवादी गैंग की नयी चहेती स्वरा भास्कर का ‘भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का ढोंग सामने आ गया है। जब डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने केरल नन शोषण मामले में स्वरा की चुपी की आलोचना की तो स्वरा भास्कर ने आक्रोशित हो गयीं और महिला कार्ड खेलना शुरू कर दिया।

इसकी शुरुआत  केरल नन शोषण मामले में फिल्मकार के एक ट्वीट से हुई:-

अपने ट्वीट में उन्होंने बॉलीवुड के ‘प्लाकार्ड गैंग’ की चुपी पर निशाना साधा और पीड़िता के लिए स्वरा के ढोंग को अपने दूसरे ट्वीट से सामने रखा!

हालांकि, स्वरा भास्कर ने इस ट्वीट की गहरायी में बिना जाये ही इसे अपना अपमान समझ लिया और विवेक अग्निहोत्री को ‘मी टू प्रॉस्टिट्यूटनन’ कहने का विरोध किया। हालांकि, इससे स्पष्ट है कि विवेक अग्निहोत्री का मतलब वो नहीं था जो स्वरा भास्कर समझ रही थीं। इसके बावजूद फिल्मकार को अपना ट्वीट डिलीट करने के लिए मजबूर किया गया और वामपंथी मीडिया और बुद्धिजीवियों ने बिना देरी किये विवेक को खलनायक बना दिया:-

अपनी तथाकथित जीत से खुश स्वरा भास्कर ने एक ट्वीट पोस्ट किया, खुद को भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी के अभिभावक के रूप में लेबल कर जीत का उल्लेख किया:-

इसके बाद ‘चॉकलेट’ और ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ जैसी फिल्मों के डायरेक्टर ने अपने ट्वीट से स्वरा के भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी के ढोंग को सामने रख दिया:-

जो नहीं जानते हैं उन्हें बतादें कि स्वरा भास्कर की मां इरा भास्कर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सिनेमा स्टडीज़ की प्रोफेसर हैं। वो न सिर्फ एक जानी मानी मार्क्सवादी हैं बल्कि उन कुछ लोगों में से एक हैं जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ को दिखाए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।

दिलचस्प बात ये है कि विवेक अग्निहोत्री भी उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जिन्होंने बढ़ते शहरी नक्सलवाद के खिलाफ ट्विटर और फेसबुक पर आवाज उठाई थी जिससे इरा भास्कर और स्वरा भास्कर दोनों ही असहज हो गयी थीं।

ये पहली बार नहीं है जब स्वरा भास्कर का भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ढोंग सामने आया है। जब फिल्म पद्मावत रिलीज़ हुई थी तब स्वरा ने फिल्म को लेकर तीखा बयान दिया था। फिल्म को देखने के बाद स्वरा ने एक बयान में कहा, “फिल्म देखने के बाद मैं खुद को योनि मात्र महसूस कर रही हूं।”  स्वरा ने जौहर को लेकर जो टिप्पणी की वो और भी ज्यादा शर्मनाक था। स्वरा ने जौहर दृश्य को लेकर लिखा था, “रेप के बाद भी जिंदगी होती है।” स्वरा ने अपनी इन पंक्तियों से न सिर्फ एक सती का मजाक उड़ाया था बल्कि दुनिया में रेप पीड़ितों का भी मजाक बनाया।

हर तरफ से आलोचना झेलने के बाद इस मामले में विवेक अग्निहोत्री ने स्वरा के ढोंग को सबके सामने रख दिया और जो रेप पीड़िता का शिकार हैं उनसे मिलने का सुझाव दिया खासकर नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में जाकर देखने को कहा। उन्होंने लिखा:-

हालांकि, स्वरा भास्कर इस पर गुस्सा हो गयीं और विवेक अग्निहोत्री पर आरोप लगाया कि वो अपने ट्वीट में उन्हें ‘रेप’ का सुझाव दे रहे हैं:-

स्वरा भास्कर अक्सर ही चर्चा में रहने के लिए आये दिन कोई न कोई बयान देती रहती हैं। बिना दोनों पक्षों का सच जानें वो अपनी अदालत में ही किसी को दोषी मान लेती हैं और यही नहीं वो किसी भी अपराधी के धर्म या जाति को जोड़कर एक विशेष समुदाय पर हमला करने में नहीं हिचकती हैं। कठुआ मामले में जब लोगों ने एक व्यक्ति पर लगे आरोप मानने से इंकार किया था तो स्वरा ने उस तथाकथित अपराधी के धर्म पर हमला कर पूरे समूह को ही दोषी करार दे दिया था। जब लेखिका शेफाली वैद्या ने स्वरा के कृत्य को देखने के बाद फिल्म को न देखने की अपील की तो स्वरा ने शेफाली को रेप अपोलॉज‍िस्ट और नैतिक रूप से बैंकरप्ट कहा था। स्वरा ने शेफाली पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया लेकिन स्वरा जिन्होंने एक तथाकथित रेप आरोपी के लिए पूरे हिंदू समुदाय को ही दोषी ठहराया था, वो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?

स्वरा भास्कर ने विवेक अग्निहोत्री पर आपत्तिजनक ट्वीट करने का आरोप लगाया और बखूबी यहां महिला कार्ड खेला। हाल ही में यूएस ओपन के दौरान हार महसूस होने पर सेरेना विलियम्स ने महिला कार्ड खेला और खुद को पीड़ित दिखाया था ऐसा ऐसा ही कुछ स्वरा ने भी किया। स्वरा जो कहती हैं वो ‘भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी है और अगर कोई उन्हें आइना दिखाए तो महिला कार्ड खेलो। स्वरा के ढोंग का भी जवाब नहीं है।

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