अल्पेश ठाकोर- विवादित कांग्रेसी नेता जिसके संगठन ने यूपी और बिहार के प्रवासी के खिलाफ हिंसा को दिया बढ़ावा 

अल्पेश ठाकोर गुजरात

कांग्रेस सत्ता में आने के लिए इतनी हताश है कि अब कोई भी पैंतरा अपनाने से नहीं चूक रही है। अब वो देश की अमन-शांति को ताक पर रखने से भी नहीं हिचक रही है। अब कांग्रेस गुजरात की स्थिति को अस्थिर करने के भरपूर प्रयास कर रही है वो भी खुल्लेआम और इस राष्ट्रीय पार्टी की योजना को सफल बनाने का मोर्चा कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर बखूबी संभाल रहे है। उन्होंने गुजरात के लोगों को उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

अल्पेश ठाकोर का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो अपने साथियों के साथ मिलकर  प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। इस वीडियो में उन्हें देखा जा सकता है कि वो कैसे गुजरात के लोगों को उत्तर भारतियों के खिलाफ भड़का रहे हैं। इस वीडियो में वो “बाहर के जो तमाम लोग यहां आते हैं, अपराध करते हैं, उनकी वजह से अपराध बढ़ा है, गांव में टकराव बढ़ा है। वे गांवों के सामान्य लोगों को मारते हैं और अपराध करके वापस चले जाते हैं। उनके कारण, गुजरातियों को रोजगार नहीं मिल रहा है। क्या ऐसे लोगों के लिए हमारा गुजरात है?” अपने भाषण में अल्पेश ने आगे कहा, “इसके बाद अल्पेश ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा, “इन कंपनियों के ट्रक भी रोके जाएंगे और उनका दरवाजा भी टूटेगा। आप में से कितने लड़ने के मूड में हैं, अगर पुलिस बल लगाया जाए तो भी पीछे मत हटना। कंटेनर और ट्रकों को रोका जाएगा और जरूरत पड़ी तो ट्रकों के टायर भी काटे जाएंगे।“ अल्पेश के इस भड़काऊ बयान की वजह से गुजरात में हिंसा बढ़ी है और उत्तर भारतियों को गुजरात से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस विधायक अल्पेश का नाम विवादों से जुड़ा है। इससे पहले भी कई बार विवादों में फंस चुके हैं। कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी के काफी करीब हैं। अल्पेश साल 2017 में कांग्रेस से जुड़ा था और तबसे ही वो किसी न किसी गलत कारणों की वजह से चर्चा में रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में गुजरात में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी के करीबी अल्पेश ठाकोर ने देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी भी की थी। अल्पेश ने तब टिप्पणी करते हुए कहा था, “मैंने मोदी की 35 साल पुरानी फोटो देखी है। वो मेरे जैसे काले थे इतने गोरे कैसे हो गए, लाल टमाटर जैसे। समझ लो, जो प्राइम मिनिस्टर हर दिन 4 लाख के मशरूम खा जाते हैं इसलिए वो गरीबों का खाना नहीं खाते।”

यही नहीं इसी साल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो मंच से नोट उड़ाते नजर आ रहे थे। दरअसल, राधनपुर से विधायक अल्पेश ठाकोर अपने ही समुदाय के लोगों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होंने नोट उड़ाए थे जो चैरिटी के पैसे थे। जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के नोटों पर जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक नोटों का इस्तेमाल माला बनाने, सजावट के लिए और किसी कार्यक्रम में उड़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है। उनका ये वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद वो विवादों में फंस गये थे।

इन घटनाओं से साफ़ है कि वास्तव में अल्पेश सक्रिय राजनीति में सिर्फ विवाद उत्पन्न करते रहे हैं और अब कांग्रेस अल्पेश ठाकोर का उपयोग गुजरात में अपनी सियासत की रोटी सेंकने के लिए कर रही है। कांग्रेस पर एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठन को भड़काने और देश भर में हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप भी लग चुके हैं। ये शर्मनाक है कि अपने एजेंडा के लिए कांग्रेस इस तरह के प्रयास कर रही है।

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