भारत का इजरायल के साथ बड़े समझौते से आकाश में ही नेस्तनाबूद हो जाएगी दुश्मन की चुनौती

इजराइल मिसाइल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आये थे। इस दौरे पर अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत और रूस ने ऐतिहासिक पांच ‘S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ का करार किया था। एस-400 को दुनिया की सबसे बेहतरीन मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। इस डील से बौखलाया हमारा नापाक पड़ोसी देश पाकिस्तान ने यहां तक कह दिया कि भारत के इस डील से क्षेत्र में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है और हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है। पाकिस्तान को एक और झटका देते हुए मोदी सरकार ने अब इजरायल के साथ ‘बराक-8’ एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता किया है। भारत और इजरायल के बीच काफी लंबे समय से इस डील को लेकर बातचीत चल रही थी। 

आईएआई ने इस डील पर कहा कि, कंपनी का ये करार भारत सरकार के स्वामित्व वाली भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ हुआ है।आईएआई भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 5700 करोड़ की इस डील में साझेदार होगी। मिसाइल डिफेंस सिस्टम नेवी के 7 जहाजों पर तैनात किया जाएगा। इस सिस्टम का इस्तेमाल इजरायल की नौसेना के अलावा भारतीय नौसेना, वायु सेना और थल सेना करती हैं। आईएआई भारतीय नौसेना के 7 पोतों के लिए सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल (एलआर-एसएएम) और हवाई मिसाइल रक्षा प्रणाली (एएमडी), एएमडी प्रणाली बराक-8 के समुद्री संस्करण, की आपूर्ति करेगी.

इजरायल के कारोबारी दैनिक ग्लोब्स की खबर के अनुसार इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने कहा कि नई दिल्ली की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) परियोजना के लिए मुख्य विनिर्माता होगी। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की इस मिसाइल का विकास भारत ने इजरायल के साथ मिलकर किया है। बराक 8 मूल बराक 1 मिसाइल पर आधारित है। परंतु इसमें अधिक उन्नत खोजक की सुविधा और लंबी दूरी तक जाने की क्षमता है। बराक-8 मिसाइल की मारक क्षमता 70 से 90 किमी है। साढ़े चार मीटर लंबी मिसाइल का वजन करीब तीन टन है और यह 70 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है। 

आईएआई इजरायल की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है। ये मिसाइल भेदी, हवाई प्रणालियों और खुफिया तथा साइबर सुरक्षा प्रणालियों सहित रक्षा प्रणालियों का विकास, विनिर्माण और आपूर्ति करती है। इजरायली रक्षा प्रतिष्ठान के साथ भारत के करीबी संबंध हैं और इसने इजरायली रक्षा कंपनियों के साथ कई महत्वपूर्ण सौदे किए हैं।

रूस के बाद इजरायल भारत को सबसे हथियारों की आपूर्ति करता है। इजरायल ने भारत के कृषि क्षेत्र में अपनी शानदार तकनीकों के बलबूते क्रांति लाई है। नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच गहरी दोस्ती है। नरेंद्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने इजरायल का दौरा किया था। उनके इजरायल दौरे पर नेतन्याहू ने गंगा की सफाई में भारत को हरसंभव मदद का ऐलान किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने वाली तकनीक भी उपहार में दिया था जो कि भारत के गहराते जल संकट के लिए एक ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है। 

‘S-400’ के बाद बराक-8 के सौदे से भारत की रक्षा क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी। इजरायल इस डील को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत पूरा करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्री एविग्डोर लिबरमैन ने भी सौदे पर खुशी जाहिर की है और आइएआइ को बधाई दी है। इस सौदे के बाद से चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गयी है क्योंकि भारत ने रूस और इजरायल के साथ मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील के बाद अपनी ताकत में कई गुना इजाफा कर लिया है। 

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