गांधी/शास्त्री जयंती के अवसर पर अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका का टीजर रिलीज़ हो गया। टीजर की शुरुआत महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज से होती है। इस फिल्म का निर्देशन राधा कृष्ण जागरलामुडी ने किया है और ये फिल्म 25 जनवरी 2019 को रिलीज़ होगी। इस फिल्म के टीजर को यू ट्यूब पर 24 घंटे के अंदर ही 1 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है और करीब 300000+ लाइक्स भी मिल चुके हैं।
हालांकि, कुछ लोग इस फिल्म के टीजर से खुश नहीं है ये वो लोग हैं जो पहले ही ‘उरी टीजर’ को मिली प्रतिक्रिया से खुश नहीं है और अब वो मणिकर्णिका के टीजर की आलोचना कर रहे हैं। यूट्यूब पर इस फिल्म के टीजर पर किये गये कमेंट्स में फिल्म से ज्यादा कंगना रनौत की आलोचना देखने को मिली।
इसी तरह का एक आर्टिकल InUth में भी प्रकाशित किया गया है जिसमें इस न्यूज़ वेबसाइट ने मणिकर्णिका फिल्म का उल्लेख किया है जो लेफ्ट-लिबरल्स के नफरत और आलोचना भरे रुख को दर्शाता है। सिद्धांत पांडेय द्वारा लिखे गये इस आर्टिकल में जिस विषय को लेकर मणिकर्णिका के टीजर की आलोचना की गयी है वो वास्तव में फिल्म से ज्यादा कंगना की आलोचना से जुड़ा है।
इस आर्टिकल की शुरुआत को देखने के बाद ऐसा लगता है कि आध्यात्मिक संत सदगुरू के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कंगना से लेफ्ट लिबरल नाराज हैं और कंगना को अपनी गलती सुधारने और अपनी छवि को और बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।
इस फिल्म के टीजर का मजाक उड़ाते हुए कहा गया है कि फिल्म का सेट पद्मावत से प्रेरित है लेकिन ये उतना आकर्षक नहीं है। एक सीन में कंगना अपनी महिला सेना को तैयार करते हुए नजर आ रही हैं और इस दौरान अभिनेत्री कंगना रनौत के भाव का लेखक ने मजाक उड़ाया है।
लेखक ने अपने आर्टिकल के आखिर में भी कंगना का मजाक उड़ाया है।
मणिकर्णिका में हो सकता है कि कुछ खामियां हो लेकिन वो इतनी बुरी भी नहीं कि इस तरह की शर्मनाक टिप्पणी की जाये जैसा की In Uth के लेखक ने किया है। उन्हें मणिकर्णिका के सेट की खमियां नजर आ रही है लेकिन ‘ठग्स ऑफ हिदुस्तान’ के सेट से वो काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं।
विडंबना ये है कि ये वही लिबरल्स हैं जो ‘वीरे दी वेडिंग’, मुल्क जैसी फिल्मों की सराहना कर रहे थे जबकि ‘परमाणु’, राजी और यहां तक कि गोल्ड जैसी फिल्मों की आलोचना कर रहे थे वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि ये फिल्में उनके अनुरूप नहीं हैं। जिस तह के आर्टिकल In Uth में प्रकाशित हो रहे हैं वो तो यही दर्शाते हैं वो राष्ट्रवादी फिल्मों को पसंद नहीं करते और शायद उनकी चले तो इस तरह की फिल्में बॉलीवुड में बने ही न और बने भी तो वही फिल्में जो उनके विचारों का समर्थन करती हों।
जिस तरह से ये पूरा लेफ्ट-लिबरल गैंग उरी के टीजर से बौखलाया हुआ था और अब वो मणिकर्णिका को लेकर अपने विचार आम जनता पर थोपना चाहते हैं ताकि इस फिल्म को दर्शकों का प्यार न मिल सके। हालांकि, उनकी ये कोशिश नकाम रही है और इसका जवाब यूट्यूब पर मणिकर्णिका के टीजर को मिले व्यूज और लाइक्स ने दे दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि मणिकर्णिका बॉक्स ऑफिस पर सफल फिल्म बने जो देश की वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के संघर्ष और वीरता की गाथा को एक बार फिर से आम जनता के बीच लेकर आ रहा है।