अवैध रोहिंग्याओं का नया ठिकाना बन रहा है कम्युनिस्ट शासित केरल राज्य, रेलवे ने जारी किया अलर्ट

रोहिंग्या केरल

केंद्र सरकार ने पहले स्पष्ट कर दिया था कि रोहिंग्या देश के लिए खतरा है और वो गैरक़ानूनी प्रवासी हैं उन्हें भारत में फलने-फूलने का मौका नहीं दिया जायेगा। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को आदेश भी दिए हैं कि भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के पास भारतीय कागजात न हो इसकी पूरी जांच करे। उत्तर-पूर्वी राज्यों समेत जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में भारी संख्या में अवैध अप्रवासियों का बसेरा है। इन राज्यों में रोहिंग्या के खिलाफ उठाये जा रहे कदम के बाद अब ये सभी केरल की ओर अपना रुख कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार एक तरफ जहां भारत सरकार रोहिंग्याओं के साथ सख्ती से पेश आ रही है और उन्हें देश से बाहर निकालने के प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ ये बड़ी संख्या में ट्रेनों के जरिये केरल पहुंच रहे हैं।

इस संबंध में रेलवे ने केरल के सुरक्षा अधिकारियों को एक गोपनीय पत्र भेजा है जिसके बाद से केरल पुलिस अलर्ट हो गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पत्र को गोपनीय रखा गया था। इस पत्र में कहा गया है कि रोहिंग्या मुस्लिम बड़ी संख्या में अपने परिवार सहित ट्रेनों से केरल पहुंच रहे हैं। इस पत्र का खुलासा तिरुवनंतपुरम, मदुरई और पलक्कड़ के रेल विभाग ने किया है। यही नहीं इस पत्र में उन ट्रेनों के नाम और नंबर भी शामिल है जिनमें रोहिंग्या सफर कर रहे हैं। इस पत्र में हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा चेन्नई मेल, शालीमार-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस और सिलचर-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का नाम शामिल है। ये ट्रेनें असम ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार से होते हुए केरल और दक्षिण भारत के अन्य राज्य तक जाती हैं।

रोहिंग्या की समस्या भारत में काफी गंभीर है। म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ चलाये गये अभियान के बाद से वहां से भाग कर भारत आये रोहिंग्या की संख्या काफी ज्यादा इजाफा देखा गया है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा है और यही वजह है कि भारत इन रोहिंग्या को वापस उनके देश भेजने के लिए तेजी से प्रयास कर रहा है। वहीं देश की सुरक्षा एजेंसियों ने  कई बार अपनी रिपोर्ट में रोहिंग्या के लिंक आतंकी संगठनों से होने का खुलासा किया है।

हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने भी आई थीं जो सुरक्षा एजेंसियों के दावों को सही साबित करती हैं। इसी साल जुलाई माह में भारत-म्यांमार सीमा के पास अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने असम राइफल्स की एक टुकड़ी पर हमला किया था। ये हमला सेना की टुकड़ी को पीछे हटाने के लिए किया गया था जिससे वो भारत की सीमा में आतंकवादी शिविर स्थापित कर सकें। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया था।

खुफिया ब्यूरो के मुताबिक पाकिस्तान में आईएसआई की मदद से साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) भी भारत में अपनी कई शाखा बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अगर भारत में रोहिंग्या को रहने की अनुमति दी गयी तो भविष्य में आतंक की जड़ों को और बढ़ावा मिलेगा और ये भारत में आतंकी हमलों को अंजाम दे सकते हैं। इन सभी बिंदुओं पर गौर करते हुए भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर देश की सुरक्षा को टाक पर नहीं रखेंगे। असम में एनआरसी के जरिये अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में इन रोहिंग्या शरणार्थियों का केरल राज्य में जाकर बसना अच्छे संकेत नहीं है। हालांकि, देश की सुरक्षा व्यवस्था इस मामले में काफी सक्रिय है और अलर्ट है।

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