क्या लालू प्रसाद यादव को जेल से भगाने की साजिश रची जा रही है?

लालू प्रसाद यादव जदयू

सामाजिक न्याय की खोज करने वाले और चारा घोटाले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव क्या जेल से भागने वाले हैं ? ये खबर सूत्रों के हवाले से नहीं है बल्कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दाल यूनाइटेड के प्रवक्ता और विधान पार्षद कुमार ने अपने बयान में ऐसा कहा है। दरअसल, जदयू ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की एक कुख्यात अपराधी के साथ सेल्फी पर प्रश्न उठाते हुए झारखंड के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर आशंका व्यक्त की है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जेल से भगाने की साजिश रची जा सकती है।

pc: www.jagran.com

इससे पहले जब तेजस्वी यादव ने बिहार में ‘संविधान बचाओ न्याय यात्रा’ की शुरुआत की तो जदयू ने एक खुला पत्र जारी कर उन्हें अपने अपनी पार्टी और परिवार को बचाने की नसीहत दे डाली है। ऐसा लगता है इस बयान को तेजस्वी यादव ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है और अब परिवार और पार्टी को बचाने के लिए अपने पिता को जेल से भगाने की योजना बना रहे हैं।

बता दें कि ये अफवाह ऐसे ही नहीं उड़ रही बल्कि इसलिए क्योंकि तेजस्वी यादव इन दिनों अपराधियों से भी मुलाकात कर रहे हैं। इसके बाद ही जदयू प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव इन दिनों लगातार अपराधियों से मिल रहे हैं। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि कहीं वो अपराधियों का एक दल बनाकर अपने पिता को जेल से फरार करवाने की साजिश तो नहीं रच रहे? नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि सीवान में तेजस्वी यादव अपनी रैली से पहले सजायाफ्ता पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के घर गए थे।

शहाबुद्दीन और लालू का रिश्ता बिहार में राजनीति और अपराध के गठजोड़ के परिपेक्ष्य में ऐतिहासिक रहा है। शहाबुद्दीन लालू को अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे हैं जबकि लालू शहाबुद्दीन को अपने परिवार का सदस्य बताते रहे हैं। सामाजिक न्याय को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लालू यादव से शहाबुद्दीन जैसे आपराधिक नेताओं का भरपूर सहयोग लिया था। अब ऐसा लगता है कि अपनी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तेजस्वी यादव भी पिता के नक्शेकदम पर ही चलने का फैसला किया है ।

जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि अपनी यात्रा के क्रम में गोपालगंज पहुंचे तेजस्वी ने दुर्दांत और कई संगीन मामलों के आरोपी सुरेश चौधरी के साथ सेल्फी ली, जो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी। कुख्यात सुरेश चौधरी के ऊपर हत्या, अपहरण, डकैती के दो दर्जन से अधिक मामले लंबित हैं। नीरज कुमार के आरोपों में दम इसलिए भी है क्योंकि सुरेश चौधरी कई बार जेल की हवा खा चुका है और अभी जमानत पर बाहर है।

पिछले कुछ समय से बिहार के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार में सत्ता के मोह को लेकर कोहराम मचा हुआ है। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के आगे पारिवारिक रिश्ते धुआं हो गए हैं। बीते दिन पटना से सटे मनेर में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती का अपने भाइयों के बीच चल रहे मतभेद का दर्द भी छलक उठा। कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “जिस तरह से हाथ की पांचों अंगुलियां बराबर नहीं होती वैसे ही ऊंच-नीच की बातें आती रहती हैं। थोड़ी बहुत खटपट तो चलती ही रहती है। हमारे परिवार में ही भाई-भाई में नहीं पटती।” मीसा भारती के इस कबूलनामे ने यादव परिवार के राजनीतिक उठापटक को जनता के बीच सार्वजनिक कर दिया है। राजद की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव को अपने पिता का पूर्ण समर्थन प्राप्त रहा है जिसके कारण दोनों भाइयों के बीच की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा अब खुलकर सामने आने लगी है।

तेजस्वी बाहुबलियों से मिलकर क्या अपने भाई को एक संदेश देना चाहते हैं कि राजद की राजनीति और पिता की विरासत उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमेगी। तेज प्रताप के पक्ष में पार्टी का एक बड़ा धड़ा है जो खुलकर सामने नहीं आता। यादव परिवार में अभी जो कुछ भी चल रहा है वो पार्टी पर एकाधिकार जमाने का एक प्रबल प्रयास है और इसमें कोई शक नहीं है कि तेजस्वी यादव इस लड़ाई में अपने बड़े भाई से बहुत आगे निकल चुके हैं। हालांकि, दोनों ही भाई इस मतभेद को मीडिया में अक्सर ख़ारिज करते रहे हैं लेकिन सच छुपाने से कहां छुपता है आज नहीं तो कल सामने आ ही जाता है और ऐसा ही कुछ लालू के परिवार के साथ भी हो रहा है।

Exit mobile version