शिवराज सिंह के बेटे पर झूठे आरोप लगाने के बाद राहुल गांधी ने दी सफाई

राहुल गांधी मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान

PC:Dainik Bhaskar

ऐसा लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झूठ बोलने और अनर्गल आरोप लगाने का जिम्मा उठा लिया है और आये दिन वो यही करते हैं। वो झूठ भी बड़े आत्मविश्वास के साथ बोलते हैं जिससे आम जनता को भी लगे कि नहीं राहुल जी ठीक कह रहे हैं और कभी-कभी तो वो खुद के लिए ही मुश्किल खड़ी कर लेते हैं। इन दिनों वो मध्य प्रदेश में दो दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को झाबुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में नाम निकलता है। पाकिस्तान में पीएम नवाव शरीफ का नाम निकलता है तो पाकिस्तान जैसे देश में उसको जेल में डाल देते हैं लेकिन यहां मुख्यमंत्री के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में निकलता है तो कोई कार्रवाई नहीं होती है।” राहुल गांधी के इस बयान से मध्य प्रदेश के सीएम ने नराजगी जताई है और साफ़ कर दिया है कि वो राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं। यही नहीं उन्होंने राहुल गांधी को चेतावनी भी दी कि वो इस तरह के आरोप लगाने से पहले विचार कर लें।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल के आरोपों पर कहा, “पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल गांधी जी ने मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स में आया है कहकर, सारी हदें पार कर दी! कल (मंगलवार) ही हम उन पर मानहानि का दावा कर रहे हैं।“

इससे पहले शिवराज सिंह के बेटे ने भी राहुल गांधी एक आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “आज राहुल जी ने मुझे ‘पनामा पपेर्स’ में संलिप्त होने का झूठा बयान दिया है।मैं व्यथित हूं कि बचपने की आड़ में सार्वजनिक मंच से मेरी व मेरे परिवार की प्रतिष्ठा खंडित की गई है। यदि 48 घंटे में उन्होंने माफी नहीं मांगी तो मैं उनपर कठोरतम कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य हो जाऊंगा।” कार्तिकेय चौहान ने राहुल गांधी को 48 घंटे का वक्त दिया है और अगर इन 48 घंटों में राहुल गांधी ने अपने अनर्गल आरोपों के लिए माफ़ी नहीं मांगी तो उनपर मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के लिए कार्तिकेय बाध्य हो जायेंगे। राहुल गांधी को पता है कि उन्होंने  गलत भाषण दिया झूठे आरोप लगाये लेकिन सच सामने आने के बाद भी माफ़ी मांगने की जगह सफाई दे रहे हैं। राहुल गांधी ने अपने ही दिए भाषण पर सफाई देते हुए कहा कि वो कल भाषण देते हुए ‘कंफ्यूज’ हो गये थे।

राहुल गांधी ने कहा कि, “बीजेपी में इतना भ्रष्टाचार है कि कल मैं कन्फ्यूज हो गया था। मध्य प्रदेश के सीएम ने पनामा नहीं किया, उन्होंने तो ई टेंडरिंग और व्यापम घोटाला किया है।“ उन्होंने मानहानि के मुकदमे से डरे हुए राहुल किस तरह से बचकानी बातें करते हैं वो इसी से स्पष्ट हो गया है। वो एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं और इस तरह के बयान देना उन्हें शोभा नहीं देता। कम से कम कुछ भी बोलने से पहले एक बार तो उन्हें जांच परख करनी चाहिए।

ऐसा लगता है कि राहुल गांधी जी बस लिखे हुए भाषण बोलते हैं और बस रैली समाप्त करते हैं। वो जांच भी नहीं करते और न ही समझते हैं कि उन्हें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। राहुल गांधी बिना कागज के नहीं बोलते। जो उन्हें लिखकर दिया जाता है वो वही बोलते हैं और गलत भी लिखा हो तो वो भी बड़े आत्मविश्वास के साथ बोलते हैं। इससे स्पष्ट है कि उन्हें राजनीति का ‘क ख, ग’ भी नहीं आता है और अगर आता तो एक बार जरुर वो कुछ भी बोलने से पहले सोचते। इससे पहले साल 2014 में राहुल गांधी ने एक रैली में आरएसएस पर महात्मा गांधी की “हत्या” करने का आरोप लगाया था जिसके बाद संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने राहुल के ख़िलाफ मानहानि का मामला दाख़िल किया था। अक्सर ही पीएम मोदी पर टिप्पणी करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पर भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने मानहानि का केस दायर किया था।

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