सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितम्बर को अपने फैसले में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था जिसके बाद अयप्पा के लाखों भक्त 2 अक्टूबर को इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आये। ये विरोध अभी तक जारी है। सभी की मांग थी कि केंद्र या राज्य सरकार इस पुरानी परंपरा को फिर से स्थापित करने के लिए कोई नया कानून लेकर आये या कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करें लेकिन केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने इंकार कर दिया। राज्य व केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर अब अयप्पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।
Supreme Court verdict over women's entry in Kerala's #SabarimalaTemple: National Ayyappa Devotee association files a review petition in the Supreme Court challenging the earlier verdict of the Court.
— ANI (@ANI) October 8, 2018
Tamil Nadu: Lord Ayyappa devotees take out a protest march in Chennai from Kodambakkam High Road to Mahalingapuram Sree Ayyappa Temple against Supreme Court verdict over women's entry in Kerala's #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/Emap8Oy18F
— ANI (@ANI) October 7, 2018
बता दें कि इससे पहले रविवार को सबरीमाला मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली और तमिलनाडु के चेन्नई में भगवान अयप्पा के भक्तों ने प्रदर्शन करते हुए विरोध मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारी ने कहा, “अदालत का फैसला अस्वीकार्य है क्योंकि प्रत्येक धार्मिक स्थान की अपनी परंपरा है। इसे अदालत के कानून द्वारा नहीं कुचला जा सकता क्योंकि यह श्रद्धालुओं की भावना को आहत करता है।“ यही नहीं कोर्ट के फैसले से मंदिर के पुजारी और अन्य श्रद्धालु भी खुश नहीं हैं। बता दें कि इस मंदिर में पीरियड्स की वजह से नहीं बल्कि भगवान अयप्पा के ब्रह्मचारी होने की वजह से अब तक औरतों के जाने की मनाही थी लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद अब इस मंदिर 10-50 उम्र की महिलाएं भी प्रवेश कर सकेंगी। सभी का मानना है परंपरा और संस्कृति को जारी रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाये जाने चाहिए और हमारी धार्मिक परंपरा को बलपूर्वक तोड़ने की कोशिश बंद कर दी जानी चाहिए।
The government will implement the Supreme Court verdict on the entry of women in Sabarimala temple. Filing a review petition is against the stand: Kerala CM Pinarayi Vijayan pic.twitter.com/DcMJnSL2Qp
— ANI (@ANI) October 8, 2018
Kerala government will not file review petition on Sabarimala verdict. Will ensure facilities and protection to women devotees visiting Sabarimala: Kerala CM Pinarayi Vijayan (file pic) pic.twitter.com/lEn0ZcuGYD
— ANI (@ANI) October 3, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केरल में सैकड़ों अयप्पा श्रद्धालु विरोध कर रहे हैं और वो मांग कर रहे हैं कि राज्य और केंद्र सरकार से पुराने प्रतिबंध को बनाए रखने के लिए उपयुक्त कानून लेकर आये। इस भारी विरोध के बावजूद केरल राज्य के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा है कि केरल सरकार सबरीमाला के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी। उन्होंने अपने बयान में कहा, “इस मामले के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। ऐसे में लोगों को ये फैसला मानना होगा। सरकार का काम कोर्ट के आदेश को लागू करना है।” पिनाराई विजयन यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “ये राज्य सरकार का फर्ज है कि वह बिना किसी चूक के कोर्ट के आदेश का पालन करे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महिला श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सभी जरूरी व्यवस्था की जाए।” स्पष्ट रूप से पिनाराई विजयन ने एकजुट हुए हिंदुओं की मांग को ख़ारिज कर दिया है। ये समझ से बाहर है कि आखिर क्यों वो सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने से मना कर रहे हैं।
वास्तव में सबरीमाला मंदिर मामले में कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार सभी हिंदु जातिवाद के बंधन को तोड़कर एकजुट हुए हैं ऐसे में सीएम पिनाराई विजयन का ये रुख उनके लिए अगले विधानसभा चुनाव में महंगा साबित हो सकता है। इसका खमियाजा उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है।