उरी टीज़र ने लेफ्ट लिबरल गैंग की उड़ाई नींद

उरी टीजर

इस साल 28 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे हो गये इस मौके पर आदित्य धर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘उरी’ का टीजर  रिलीज़ किया गया। इस फिल्म में यामी गौतम और परेश रावल मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का टीजर दमदार है और देश भक्ति की भावना से परिपूर्ण है। इस फिल्म के टीजर में एक जगह जब सेना सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे रही होती है, तब बैकग्राउंड में एक डायलॉग गूंजता है- “हिन्दुस्तान अब चुप नहीं बैठेगा…जो नया हिन्दुस्तान है, ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी।” ये फिल्म 11 जनवरी 2019 को रिलीज़ होगी।

हालांकि, फिल्म का टीजर  कुछ लोगों को पसंद नहीं आया तभी तो वो इसकी आलोचना कर रहे हैं। वैसे इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं है। जब देश के जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके होश उड़ाए थे तब भी लेफ्ट लिबरल गैंग इसपर सियासत कर रहे थे। इन आलोचकों में से एक हैं सैयद फिरदोस जिन्होंने उरी टीजर  पर एक पूरा आर्टिकल लिखा है। उनके आर्टिकल के मुताबिक उरी फिल्म बीजेपी के राजनीति का हिस्सा है जो इसका फायदा 2019 के आम चुनाव में लेना चाहती है।

तथाकथित ‘अमन की शांति’ के कार्यकर्ता ने अपने आर्टिकल के शुरुआत में कुछ ऐसी पंक्तियां लिखी हैं जो एक प्रोपेगंडा की तरह नजर आता है। तंज कसते हुए पत्रकार सैयद फिरदोस ने लिखा :

“सरहद पर तनाव है क्या?

कुछ पता करो चुनाव है क्या?”

राहत इंदोरी की शायरी सही है: “ये युद्ध का मौसम है, शायद चुनाव आसपास हैं।”

चूंकि इस आगामी फिल्म को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करने का अवसर था तो फिरदोस ने परेश रावल के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा। फिल्म में परेश रावल मुख्य भूमिका में हैं और टीजर  के सीन में उनकी आवाज में बैकग्राउंड में एक डायलॉग गूंजता है। परेश रावल बीजेपी सांसद भी हैं ऐसे में पत्रकार ने इसे एक फिल्म न बताकर बीजेपी के प्रोपेगंडा का हिस्सा बताया। ये पत्रकार यही नहीं रुका देश के जवानों द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाते हुए फिरदोस ने कहा कि “बॉलीवुड में देश भक्ति की फिल्म चल रही है क्या, कुछ पता करो चुनाव है क्या” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और परेश रावल पर भी निशाना साधते हैं। हालांकि, सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत के तत्कालीन डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि “भारतीय सेना के लाइन ऑफ कंट्रोल पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादी ठिकाने नष्ट किया था।“ इसके बावजूद लेफ्ट लिबरल गैंग लगातार सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते रहे हैं।

उरी टीजर  देश के सुरक्षा बलों के त्याग और मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल कर लेफ्ट लिबरल गैंग ने देश के दुश्मनों के खिलाफ उनके प्रयासों और बलिदान का मजाक उड़ाया। सवाल ये है कि क्या बीजेपी की सरकार से पहले देश के दुश्मनों के खिलाफ कोई जंग नहीं लड़ी गयी है? टीजर  में दिखाया गया है कि ये पाकिस्तान है जो देश की सीमा पर आतंकी हमले करवाता है ऐसे में क्या देश की सेना चुप बैठे? और सरकार को कहे की आप शांति वार्ता करें। 18 सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी बेस कैंप में हुए हमले में देश के 19 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के 10 दिनों बाद ही आतंकियों को करारा जवाब देने के लिए भारत ने 29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक की थी। और इसी घटना को आम जनता तक पहुंचाने का जिम्मा आदित्य धर ने उठाया है। वास्तव में अन्य देशभक्ति फिल्मों की तरह ही उरी भी एक सच्ची घटना पर आधारित देशभक्ति की फिल्म है साथ ही ये टीजर  दमदार है और देश भक्ति की भावना से परिपूर्ण है। ये शर्मनाक है कि सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश की सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के त्याग और बलिदान को महत्व देने की बजाय सबूत मांगे जा रहे हैं।

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