उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जबसे उत्तर प्रदेश के सीएम बने हैं तबसे वो राज्य के लिए कोई भी सही और सख्त कदम उठाने से पहले दो बार नहीं सोचते हैं। जबसे वो सत्ता में आये हैं उन्होंने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में कई बेहतरीन निर्णय लिए हैं जो प्रदेश में भ्रष्टाचार, कानून विरोधी और अपराधियों पर नकेल कसने में काफी हद तक सफल साबित हुए हैं। उनके कार्य और उनकी उपलब्धि और आम जनता के लिए भले के लिए उनके कार्य करने की दृढ़ता सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही है बल्कि पूरे भारत में वो काफी लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने जब भी जिस राज्य में बीजेपी के लिए प्रचार किया है बीजेपी को उस राज्य में फायदा जरुर हुआ है। ऐसे में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारक घोषित किया है। यूपी के सीएम बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ हिमाचल, गुजरात, त्रिपुरा और कर्नाटक में प्रचार कर चुके हैं। हिमाचल, गुजरात, त्रिपुरा में बीजेपी को जीत मिली थी जबकि कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी । तारीखों की घोषणा होने के साथ ही सबसे लंबे और अहम सियासी मौसम का आगाज हो गया। इन चुनावों के नतीजें आम चुनावों के लिए काफी अहम हैं क्योंकि इन चुनावों के साथ ही आम चुनाव की भी बिसात बिछ जाएगी तो जाहिर है कि इन राज्यों में जो पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी उसके लिए आम चुनाव की राह आसन होगी। इन पांच राज्यों में से तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार है जबकि मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है और तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है। ऐसे बीजेपी कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की भगवा छवि का भी बीजेपी को लाभ मिल सकता है जैसे कर्नाटक और गुजरात में मिला था। राजस्थान में नाथ संप्रदाय के कई आश्रम हैं जहां लाखों भक्त आते हैं। इनमें सीकर का श्री श्रद्धानाथ जी आश्रम की ही अकेले 50 शाखाएं झुंझुनू, जयपुर, सीकर और चूरू में फैली हुई हैं। ऐसे में नाथ संप्रदाय वाली योगी की छवि का लाभ भी बीजेपी को मिलेगा। यही नहीं राजस्थान के नाथ संप्रदाय के लोगों ने सीएम योगी से मुलाकात कर उन्हें राजस्थान आने का आमंत्रण भी दिया था जबकि मध्य प्रदेश की कुल आबादी देखें तो हिंदुओं की जनसंख्या अधिक है। निश्चित रूप से इन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को योगी के प्रचार से लाभ मिलेगा।
त्रिपुरा हो या गुजरात या कर्नाटक जहां भी योगी आदित्यनाथ ने रैली की है बीजेपी को उस राज्य में बढ़त मिली है। त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट की सरकार थी बीजेपी ने यहां भारी जीत दर्ज कर 60 में से 43 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। सीएम योगी तब भी यहां विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक थे। योगी ने त्रिपुरा में विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिनमें से 17 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। गुजरात में बीजेपी 22 साल बाद भी सत्ता बचाने में कामयाब रही थी और इसका श्रेय जिन नेताओं को जाता है उनमें से एक योगी आदित्यनाथ भी हैं जिन्होंने दूसरे चरण के प्रचार के तहत 16 रैलियां की थीं। इसमें 25 किलोमीटर का रोड शो भी शामिल रहा। योगी ने सिर्फ 48 घंटे में ये 16 रैलियां कीं साथ ही एक बड़ा रोड शो भी किया था। उनकी रैलियों का असर गुजरात चुनाव के नतीजों पर भी नजर आया था। इसके अलावा कर्नाटक विधासभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार किया था। यहां भी वो स्टार प्रचारकों में से एक थे। उन्होंने कर्नाटक में कुल 24 जगहों पर रैलियां थीं। वो नाथ मठ से जुड़े हैं और इसी वजह से योगी ने चुनाव प्रचार में अपनी छाप छोड़ी थी और इसका असर कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर दिखा भी था। जिन इलाकों में योगी की रैली हुई थी, वहां की काफी सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को बढ़त मिली थी। हिंदुत्व छवि वाले योगी की मांग चुनाव प्रचार के लिए हर राज्य में होने लगी। हिमाचल, गुजरात के बाद त्रिपुरा में भी योगी का जादू चला और कर्नाटक में भी योगी का जादू दिखा था। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इन पांच राज्यों में बीजेपी को अपने मतदाता आधार को और मजबूत करने में योगी अहम भूमिका निभाने वाले हैं।