अमृतसर रेल हादसे में रेलवे को मिली क्लीनचिट के बाद क्या अभिसार शर्मा और द वायर मांगेंगे माफ़ी?

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अमृतसर में दशहरे के दिन हुए रेल हादसे की चींख आज भी हमारा मन को सिहर जाता है और ये हादसा कई सवाल भी खड़े करता है कि आखिर चूक कहां हुई और किससे हुई जिस वजह से दर्जन भर लोग हमेशा के लिए मौत की नींद सो गये। उस हादसे ने पल में भर उत्सव और उल्लास भरे मौके को मातम में बदल दिय था। जब देश में इस हादसे से शोक की लहर थी तब उस हादसे के तुरंत बाद ही द वायर’ और इनके नए नवेले एजेंडा पत्रकार अभिसार शर्मा अपनी कुंठित विचारधारा का विष फैला रहे थे। एबीपी न्यूज़ से निकाले जाने के बाद ‘द वायर’ का दामन थामने वाले अभिसार शर्मा की मंशा स्पष्ट हो चुकी थी और अब उनके आरोपों के पीछे का एजेंडा भी साफ़ हो गया है। दरअसल, इस हादसे पर अभिसार शर्मा ने एक वीडियो जारी किया था और इस हादसे का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन को बताया था। हालांकि, रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) ने अपनी जांच में रेलवे प्रशासन को क्लीन चिट दी है और हादसे की बड़ी वजह लोगों की लापरवाही को बताया है।

बता दें कि अमृतसर में ये बड़ा रेल हादसा 19 अक्टूबर को जोडा रेलवे फाटक के समीप हुआ था जिसमें 61 लोगों की जान गयी थी और 143 लोग घायल हुए थे। ये हादसा तब हुआ जब भारी संख्या में लोग रेल पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे तभी तेज रफ्तार ट्रेन उन्हें रौंदती हुई निकल गयी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “मुख्य कार्यक्रम में जगह कम होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक की ओर चले गये थे। उन्हें भीड़ और पटाखों की आवाज में रेलवे ट्रैक का ध्यान नहीं रहा। इस बीच अचानक से डीएमयू ट्रेन नंबर:74943 आई और रावण दहन देख रहे लोगों को रौंदते हुए चली गयी।“ इस कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस के नेताओं द्वारा किया गया था जिसमें पंजाब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने बयान में बताया था कि, “बिना रेलवे प्रशासन के अनुमति के कांग्रेस ने दशहरे के अवसर पर यहां कार्यक्रम का आयोजन किया था। पंजाब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट थीं और हादसे के बाद भी वो लगातार भाषण देती रहीं।” जब हर जगह चीख पुकार मच गयी तो सिद्धू की पत्नी हादसे की जगह का निरिक्षण करने की बजाय वहां से चली गयीं जिसके बाद सिद्धू और उनकी पत्नी सभी आलोचना करने लगे। वहीं, इस हादसे के तुरंत बाद लेफ्ट-लिबरल गैंग ने रेलवे प्रशासन को ही जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया।

द वायर ने एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें एक वीडियो था। इस वीडियो में अभिसार शर्मा ने ये दावा किया कि अमृतसर में लोगों को दुर्घटना का शिकार बनाने वाली ट्रेन डीएमयू पर लगी टॉप लाइट उस दिन काम नहीं कर रही थी जिसके कारण ट्रेन के ड्राइवर को ट्रैक पर लोगों का भारी जमावड़ा नहीं दिखा। जबकि हकीकत ये है कि अमृतसर में जिस ट्रेन हादसे में लोगों की मौत हुई वो पुराने मॉडल का लोकोमोटिव इंजन था जिसमें टॉप लाइट की कोई व्यवस्था नहीं थी। जब अभिसार शर्मा को अपनी इस गलती का अंदाजा हुआ तो उन्होंने शर्मनाक तरीके अपने प्रोपेगंडा वीडियो का बचाव किया था और रेलवे के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाये थे। अभिसार ने कहा था कि, यदि नए मॉडल में टॉप लाइट नहीं है तो ये रेलवे के लिए शुभ संकेत नहीं है। बिना टॉप लाइट के लोगों को कैसे पता चलेगा कि कोई ट्रेन आ रही है? उनका ये तर्क बेतुका लगता था क्योंकि ट्रेन की टॉप लाइट का मकसद ट्रेन के ड्राइवर को साफ दृष्टि उपलब्ध करवाना होता है न कि ट्रैक पर बैठे लोगों को। दूसरी बात ये है कि कोई भी ट्रेन जब दूर से आती है तो उसके हॉर्न और साइरन की आवाज इतनी तेज होती है कि वो दूर के लोगों को सचेत करने के लिए काफी होती है। यही नहीं किसी भी हाई स्पीड ट्रेन का वाइब्रेशन इसके आगमन की जानकारी के लिए काफी होता है। हालांकि, rightlog।in ने अपनी एक पोस्ट में वायर और अभिसार शर्मा के इस झूठ का पर्दाफाश किया था। अंततः जब द वायर का बेशर्म झूठ पकड़ा गया और उन्होंने अभिसार शर्मा के इस वीडियो को डिलीट कर दिया लेकिन फिर भी अपनी इस गलती के लिए द वायर ने कोई माफ़ी नहीं मांगी है और ना ही अभिसार शर्मा ने इसके लिए कोई खेद जताया है।

अब तो इस हादसे पर रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में रेलवे प्रशासन को क्लीन चीट दे दी है। मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त एस के पाठक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “तथ्यों और सबूतों पर सावधानी पूर्वक गौर करने के बाद मैं इस अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि 19 अक्टूबर को शाम छह बजकर 55 मिनट पर फिरोजपुर मंडल के अमृतसर के निकट जौड़ा फाटक पर हुआ ट्रेन हादसा उन लोगों की लापरवाही का नतीजा है जो दशहरा का मेला देखने के लिए पटरी पर खड़े थे।” इस रिपोर्ट में सीसीआरएस ने सिफारिश की है कि इस तरह के आयोजन से पहले जिला प्रशासन व आयोजकों द्वारा मेला, रैली के बारे में पूर्व सूचना रेलवे प्रशासन को देनी चाहिए। ताकि रेलवे उचित सावधानी बरत सके और भविष्य में इस तरह के हादसे न हो।

इस रिपोर्ट से अभिसार शर्मा के एजेंडे का खुलासा हुआ है जो तथ्यों की गहराई में जाए और बिना किसी जांच के ही सीधा आरोप मढ़ना शुरू कर देते हैं. खासकर तब जब मोदी सरकार या उससे जुड़े मंत्रालय को दोषी ठहराना का मौका हो। वो एक पत्रकार हैं और उन्हें निष्पक्ष होकर किसी भी नतीजे पर अपनी राय देनी चाहिए और तो और खुलासा होने पर अपनी गलती को भी नहीं स्वीकारते जोकि शर्मनाक है।

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