विपक्ष का बीजेपी को मुस्लिम विरोधी पार्टी कहना क्या सिर्फ एक जुमला है?

मुस्लिम बीजेपी बोहरा

PC: PTI

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी पर बहुत बार मुस्लिम विरोधी पार्टी होने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ही नहीं बल्कि पूरा विपक्ष भारतीय जनता पार्टी को मुसलमानों का विरोधी बताता है, किंतु हकीकत इससे अलग है। दरअसल बीजेपी ने मुसलमानों के हित में कई सरकारी रोजनाएं प्रारंभ की है। भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग बीजेपी को पसंद भी करते हैं। यही नहीं नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के बजट में 700 करोड़ रुपयों का इजाफा किया है। इसके बावजूद विपक्ष ने इस पार्टी को मुस्लिम विरोधी होने का दर्जा दे रखा है। हालांकि, इस बीच मुस्लिम बोहरा समुदाय की महिलाओं ने भी बीजेपी में भरोसा दिखाया है और कांग्रेस को ठेंगा।

सितंबर माह में पीएम मोदी इंदौर में मुस्लिम बोहरा समाज की मस्जिद में एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना मुपद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात भी की थी और दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। उस समय वहां उपस्थित समाज की महिलाओं ने अब न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में कहा है कि, बीजेपी ने मुसलमानों के हित में काम किया है। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर भी भरोसा जताया है और उनके कार्यकाल की प्रशंसा की है।

अल्पसंख्यकों के लिए बीजेपी लाती रही है कई योजनाएं

विपक्ष जिस बीजेपी को मुस्लिम विरोधी पार्टी का दर्जा देती है उस पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई मुस्लिम हितैषी योजनाएं प्रारंभ की है। मोदी सरकार मुस्लिमों के लिए प्रोग्रेस पंचायत कार्यक्रम लेकर आई जिसकी शुरुआत मुख्तार अब्बास नकवी ने मेवात से की थी। ये मुस्लिम प्रोग्रेस पंचायत देशभर में आयोजित हो रही हैं जिसमें मुसलमानों को सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी दी जा रही है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि, शुरू से बीजेपी सरकार का लक्ष्य गरीब और दबे कुचले लोगों तक विकास पहुंचाना रहा है। बीजेपी द्वारा जहां वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए गए तो वहीं पार्टी ने हमारी धरोहर योजना, उस्ताद और नई रोशनी जैसी मुसलमानों के हित मे कई सारी योजनाएं भी चलाई।

बीजेपी द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई गई कुछ खास योजनाएं निम्न हैं-

नई मंजिल योजना-

इस योजना में बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले और मदरसों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा रोजगार के लिए भी नई दिशा में प्रेरित करना था। योजना में ब्रिज पाठ्यक्रमों द्वारा शैक्षिक भागीदारी उपलब्ध कराकर, डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए 10वीं और 12वीं करवाई जाती थी। योजना में चार पाठ्यक्रमों में ट्रेड के आधार पर कौशल प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता था। ये ट्रेड विनिर्माण, इंजीनियरिंग और सरल कौशल सहित कई सारे हैं। 17 से 35 साल के आयुवर्ग के लोगों के अलावा मदरसों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इसका लाभ ले सकते थे। इस योजना के लिए 650 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई थी, जिसका लाभ करीब एक लाख अल्पसंख्यक युवाओं को पहुंचा। 

एनएमडीएफसी के प्रयास-

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम अल्पसंख्यकों को अपना रोजगार शुरू करने हेतु बहुत ही कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराता है। बता दें कि, अपने आपको मुस्लिम हितैषी कहने वाली कांग्रेस सरकार ने 2012-13 से ही एनएमडीएफसी को दी जाने वाली इक्विटी को रोक रखा था। वहीं मोदी सरकार ने एनएमडीएससी की अधिकृत शेयर पूंजी को 1500 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया है।

नई रोशनी योजना-

मोदी सरकार की इस योजना ने मुस्लिम महिलाओं के आत्मविश्वास को खूब बढ़ाया है। इस योजना में 2014-15 और 2015-16 के दौरान अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय ने 28.98 करोड़ रुपए खर्च करके 24 राज्‍यों की 1.30 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।।

तीन तलाक से राहत-

बीजेपी सरकार के प्रयासों से ही मुस्लिम महिलाओं तीन तलाक पर जीत हासिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक को अवैध करार दे दिया है। बीजेपी ने लगातार तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं की पीड़ा पर चिंता जाहिर की थी।

इसी तरह की ओर भी कई योजनाएं हैं जो मुस्लिम समाज के हित में बीजेपी द्वारा चलाई गई है लेकिन फिर भी विपक्ष इस पार्टी को मुस्लिम हितैषी नहीं विरोधी का दर्जा देती है। इन सभी योजनाओं को देखें तो वास्तव में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम विरोधी है ही नहीं।

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