राजस्थान में हर मोर्चे पर बिखर रही कांग्रेस, मुस्लिम और दलित नेता दे रहे इस्तीफा

कांग्रेस नाक राजस्थान

PC: Jagran.com

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी द्वारा रविवार को प्रत्याशियों की तीसरी और अंतिम सूची जारी होने के बाद से पार्टी में बगावत के सुर और तेज होते दिखाई दे रहे हैं। हालत ये हैं कि अपने आपको अल्पसंख्यक हितैषी कहने वाली कांग्रेस पार्टी से नाराज होकर अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष निजाम कुरैशी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद कुरैशी के समर्थन में विभाग के 35 जिलाध्यक्षों ने भी अपने पद से इस्तीफे दे दिए। कुरैशी ने आरोप लगाया है कि पार्टी द्वारा टिकट वितरण में मुस्लिमों की अनदेखी की गई है। निजाम कुरैशी ने कहा कि, “पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने टिकट बंटवारे को लेकर मुस्लिम समुदाय और उनके नेताओं से कोई बातचीत नहीं की।“ निजाम कुरैशी ने कहा कि, टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में भ्रष्टाचार हुआ है और पैसे लेकर टिकट बांटे गए हैं। अब निजाम कुरैशी ने इशारों-इशारों में बीजेपी में आने के संकेत भी दिए हैं। 

मुस्लिमों को बीजेपी से परहेज नहीं- कुरैशी

प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के 35 जिलाध्यक्षों के साथ कांग्रेस छोड़ चुके निजाम कुरैशी ने इशारों-इशारों में बीजेपी में आने के संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि, “मुस्लिमों को बीजेपी से भी परहेज नहीं है।“ कुरैशी के इस बयान से स्पष्ट है कि उन्हें बीजेपी से कोई दिक्कत नहीं है और वो बीजेपी में शामिल होने से नहीं हिचकिचाएंगे। राजनीतिक गलियारों में भी ये चर्चा है कि, कुरैशी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस पार्टी के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान होगा। प्रदेश में मुस्लिम वोटबैंक परंपरागत रूप से कांग्रेस का माना जाता है। अगर कुरैशी बीजेपी में आते हैं, तो इस वोट बैंक का काफी हद तक कांग्रेस पार्टी के हाथ से फिसलने की संभावना होगी।    

दलित नेता बाबूलाल नागर ने भी छोड़ी कांग्रेस

अल्पसंख्यक नेताओं के साथ ही दलित नेता भी कांग्रेस पार्टी से नाराजगी दिख रहे हैं। पूर्व मंत्री और दलित नेता बाबूलाल नागर ने प्रदेश में दूदू विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर काग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। नागर ने कहा कि, “कांग्रेस मेरी मां है लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते मुझे मेरी मां से दूर कर दिया है।“ नागर ने इस्तीफे के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

उधर कांग्रेस से टिकट मांग रही ममता शर्मा हुई भाजपा में शामिल

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा बूंदी से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी, लेकिन उनकी जगह हरिमोहन शर्मा को टिकट दे दिया गया। इससे नाराज होकर रविवार को ममता भाजपा में शामिल हो गई। ममता का कोटा संभाग के ब्राह्मणों में अच्छा प्रभाव है। वो अब भाजपा की ओर से पीपल्दा सीट से चुवाल लड़ेंगी।    

विपक्ष के नेता डूडी भी हुए नाराज 
राजस्थान कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी अंतिम सूचीं में बीकानेर पश्चिम सीट से पहले से तय प्रत्याशी कन्हैया लाल झंवर का टिकट नहीं मिलने से विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी भी पार्टी से नाराज हो गए हैं। उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि, अगर झंवर को फिर से टिकट नहीं दिया गया तो वे भी चुनाव ही नहीं लड़ेंगे।

राजस्थान के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के खेमे में अपने ही नेताओं के बागी तेवर खतरे की घंटी है। स्पष्ट ही कि बीजेपी के लिए अवरोध पैदा करने की जदोजहद में जुटी कांग्रेस पार्टी अपनी ही पार्टी को बिखरने से नहीं बचा पा रही है। ऐसे में चुनावी तैयारी पर ध्यान पूरी तरह से न दे पाए। चुनाव से पहले अगर पार्टी ने जल्द ही कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो हो सकता है ये उसकी हार की वजह बन जाए और चुनाव के बाद कांग्रेस का एक बार फिर से पत्ता साफ़ हो जाये। 

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