टीएमसी सांसद ने इद्रीस अली ने की मांग, “ममता बनर्जी को मिले भारत रत्न”

टीएमसी सांसद ममता

PC: zeenews

ममता बनर्जी जो तुष्टिकरण की राजनीति के लिए जानी जाती है अपने विवादित बोल के लिए अक्सर चर्चा में रहती हैं अगर वो एकता की प्रतीक हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि टीएमसी सांसद इद्रीस अली कह रहे हैं। अपनी पार्टी और उसकी मुखिया के प्रति वफादारी की उन्होंने आज अलग ही मिसाल पेश की है जिसपर हंसा जाए या मज़बूरी कहा जाए समझ नहीं आ रहा। टीएमसी सांसद ने कहा कि, “ममता बनर्जी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक हैं, वो समाज में समरसता की प्रतीक हैं। वो विकास की भी प्रतीक हैं, वो ऐसी शख्सियत हैं जिनके सामने कोई नहीं है। ममता बनर्जी की किसी और शख्सियत से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।”

अपनी इस टिप्पणी के लिए टीएमसी सांसद खूब ट्रोल भी हो रहे हैं।

https://twitter.com/takkar_pehelwan/status/1060869172022927361

टीएमसी संसद के ये बोल काफी बड़े हैं लेकिन समझने वाली बात ये है कि वो किस एकता और समरसता की बात कर रहे हैं? देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन करना? जो मासूम छात्रों पर हमले करवाती हैं? अवैध अप्रवासी बांग्लादेशियों को देश में रहने का समर्थन करती हैं जो आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं और देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं? या दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन रोककर मुहर्रम मनाने का आदेश देती हैं? ममता बनर्जी का या ट्रैक रिकॉर्ड तो कहीं से भी उन्हें एकता या समरसता के लिए नहीं लगता है। ये वही ममता बनर्जी हैं जो धर्म की राजनीति करती हैं और बंगाल में दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों की हत्या करवा देती हैं। हां एक बात टीएमसी सांसद ने सही कही ममता बनर्जी की किसी शख्सियत से तुलना नहीं की जा सकती। वास्तव में वो अपने आप में काफी अलग हैं वो जिस तरह से हिन्दू-विरोधी एजेंडा और बांग्लादेशियों का समर्थन करती हैं वो कोई और उनसे बेहतर कर भी नहीं सकता।

जिस टीएमसी के सांसद ने ये बातें कहीं वो भी कोई दूध के धुले नहीं हैं। ये वही नेता हैं जिन्होंने पठानकोट हमले में पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी कर राजनीति कर रहे थे तब इनकी पार्टी ने ही उनके इस बयान से ही किनारा कर लिया था।  पश्चिम बंगाल में चार महिलाओं को भीड़ द्वारा पीटे जाने और दो को निर्वस्त्र किए जाने की घटना को लेकर जब भारतीय जनता पार्टी की सदस्य सोमैया ने जब लोकसभा में ये मुद्दा उठाया था तब तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने जोर-जोर से सोमैया का विरोध  किया था। वैसे भी टीएमसी सांसद की ममता बनर्जी के प्रति वफादारी के भी क्या कहने ‘देश, राज्य और जनता बाद में पहले अपने फायदे का सौदा’ शायद यही वजह होगी की उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में कहा था कि “ममता के खिलाफ बोलने वालों की जुबान काट देनी चाहिए और उनके अंगों को चीर देना चाहिए।” जब शारदा चिटफंड मामले में ममता पर बनर्जी घेरे में आई थी तब टीएमसी सांसद ने कहा था, “अगर ममता बनर्जी को गिरफ्तार किया गया तो पूरा बंगाल जल उठेगा। ममता बनर्जी बंगाल ही नहीं देश की अग्निकन्या है और इस आग में कई लोग मारे जाएंगे।” उनका ये विवादित और हिंसक बयान साफ़ करता है कि सिर्फ टीएमसी अध्यक्ष ही नहीं बल्कि पार्टी से जुड़े नेता भी हिंसक बोल बोलते हैं और राजनीतिक फायदे के लिए हिंसा का सहारा लेने से भी नहीं चूकते। टीएमसी सांसद का ये कहना भी ठीक है कि उनके जैसा कोई हो भी नहीं सकता!

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