आतंक का पर्याय बन चुके पाकिस्तान को एक बार फिर से अमेरिका से झटका मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 अरब डॉलर की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी अब उन्होंने अपने इस कदम के पीछे की वजह को भी साफ़ कर दिया है। ट्रंप का कहना है कि, हम एक ऐसे देश को सैन्य मदद देने की बेवकूफी कर रहे थे जिसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने वाले आतंकी लादेन को अपने घर में पनाह दी थी। ट्रंप ने पाक पर आरोप लगाया कि, इतने वर्षों तक हमारी सैन्य मदद के बावजूद पाक आतंकियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें संरक्षण दे रहा था।
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में लादेन और पाकिस्तान के एबटाबाद में उसके पूर्व ठिकाने का जिक्र करते हुए कहा, “जरा सोचिए…आप जानते हैं कि पाकिस्तान में रहना, पाक में अच्छे से रहना.. मुझे लगता है कि उन्होंने इसे अच्छा भवन समझा होगा।“ उन्होंने आगे कहा, “लेकिन पाकिस्तान में सैन्य अकादमी के ठीक बगल में रहना.. पाकिस्तान में हर कोई जानता था कि, वह वहां पर है और हम पाकिस्तान को एक साल में 1.3 बिलियन डॉलर दे रहे थे…. लादेन पाकिस्तान में रह रहा था, हम पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे। हम उन्हें एक वर्ष में 1.3 बिलियन डॉलर दे रहे थे…जो हम उन्हें अब नहीं दे रहे हैं। मैंने इसे समाप्त कर दिया क्योंकि वो हमारे लिए कुछ नहीं करते।”
दरअसल अमेरिका हर वर्ष पाक को 1.3 अरब डॉलर यानी लगभग 93 अरब रुपये की सैन्य सहायता मात्र इसलिए देता था ताकि पाकिस्तान अपने यहां छिपे आतंकी समूहों पर रोक लगाए और उन पर कड़ी कार्रवाई कर सके। इतनी भारी मात्रा में आर्थिक मदद पाने के बावजूद पाक ने आतंकियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें पनाह दी और अमेरिका से मिल रही राशि आतंकियों के वित्त पोषण में लगाता था।
यही कारण है कि अमेरिका साल दर साल पाक को दी जाने वाली सैन्य मदद में कटौती करता जा रहा है। इसी साल सितंबर में अमेरिका ने उसे दी जाने वाली सैन्य मदद में से 1.3 बिलियन डॉलर की कटौती की थी। ऐसे में अब आर्थिक तंगी व कर्ज से जूझ रहे पाक के पास आखिरी विकल्प आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) से बेल आउट पैकेज की मांग करना है। पाक का कहना है कि ये हमारे लिए आखिरी बेल आउट पैकेज होगा। इसके बाद हम अपनी आर्थिक स्थिति सुधारकर आत्मनिर्भर हो जाएंगे।
हालांकि, पाकिस्तान इससे पहले भी आखिरी पैकेज कहकर 2-4 बार नहीं बल्कि कुल 14 बार बेल आउट पैकेज की मांग कर चुका है लेकिन, इस बार अमेरिका आईएमएफ पर भी पहरा डाले बैठा है। उसका कहना है कि हम पाकिस्तान को आईएमएफ से भी बेल आउट पैकेज की सहायता नहीं मिलने देंगे। आतंक को पोषित करने वाले पाक को अमेरिका पहले भी कई बार खुले मंच से लताड़ जा चुका है। हालांकि, आतंक को पालने का नतीजा पाकिस्तान को भी भुगतना पड़ रहा है लेकिन इसके बावजूद उसकी आंख नहीं खुल रही है।
बता दें, अमेरिका ने पाकिस्तान पर एक ऐसे समय में आर्थिक सहायता पर चारों तरफ से रोक लगाई है, जब वो आर्थिक आपात स्थिति से जूझ रहा है। यहां तक कि खुद को पाक का मित्र बताने वाला चीन भी बुरे वक्त में पाकिस्तान को मदद देने से हाथ खींच चुका है। यही नहीं चीन तो पाक की इस हालत का फायदा उठाने की फिराक में बैठा है जैसा उसने श्री लंका और जापान के साथ किया था।
आलम ये है कि इस समय पाक कर्ज के बोझ, जीडीपी में कमी, निर्यात में कमी, आयात में अधितकता, विदेशी मुद्रा कोष में कमी, अपनी मुद्रा पर बढ़ते बोझ के कारण कराह रहा है। इन तमाम स्थितियों में पाक के नीति नियंताओं को सोचना चाहिए कि, आखिर आज वो इस गड्ढे में क्यों और कैसे गिरे हैं। वैसे अब अमेरिका से पाक को मदद मिलने के दिन लद गए हैं।