अगस्ता वेस्टलैंड मामला- ईडी ने अदालत में कहा कि मिशेल ने लिया सोनिया गांधी और राहुल का नाम

अगस्ता वेस्टलैंड क्रिश्चियन मिशेल सोनिया गांधी

PC : Firstpost.com

अगस्ता वेस्टलैंड में कांग्रेस को जिस बात का डर सता रहा था, अब वही होने जा रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने अपने बयान में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि, क्रिश्चियन मिशेल ने श्रीमती गांधी का नाम लिया है। ईडी ने कोर्ट में बताया है कि, इस डील में कोड वर्ड में बात हुई थी। निदेशालय ने बताया कि, क्रिश्चियन मिशेल ने पूछताछ में इटैलियन महिला का नाम लिया था। ईडी ने बताया कि, साथ ही मिशेल बार-बार इटैलियन महिला के बेटे की भी बात कर रहा था। गौरतलब है कि, क्रिश्चियन मिशेल की रिमांड 28 दिसंबर को समाप्त हो गई थी। इसके बाद निदेशालय ने कोर्ट से मिशेल की रिमांड 8 दिन बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने ईडी को मिशेल की सात दिन की रिमांड और दे दी है।

दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इटली की एक अदालत ने फैसला सुनाया था। अदालत ने अपने फैसले में एक ऐसे नाम का जिक्र किया था, जिसका संबंध सोनिया गांधी परिवार से दिख रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस के डर का सबसे बड़ा कारण यह है कि, इस फैसले में अदालत के फैसले के पेज नंबर 193 और 204 पर 4 बार ‘सिन्योरा गांधी’ का नाम आया है। जांचकर्ताओं को बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल का एक पत्र भी मिला है। पत्र से पता चलता है कि इस डील के पीछे ‘सिन्योरा गांधी’ यानी ‘श्रीमती गांधी’ ही मुख्य शक्ति रही हैं। इटालियन में सिन्योरा का मतलब श्रीमती होता है। मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद ईडी उससे पूछताछ कर रही थी।

हालांकि ईडी ने बताया है कि, अभी यह साफ नहीं है कि, मिशेल ने सोनिया गांधी का नाम किस संदर्भ में लिया है। पटियाला हाउस कोर्ट में ईडी ने कहा है कि, क्रिश्चियन मिशेल ने इस बात की पुष्टि की है कि, कैसे एचएएल को डील से हटा दिया गया था और उसके बाद टाटा को सौदा दे दिया गया था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने मिशेल के वकील के प्रवेश को भी बैन करने की मांग की है। निदेशालय का कहना है कि, वकील के माध्यम से मिशेल को बाहर से सीखाया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल के वकीलों को उनसे मिलने के दौरान दूरी बनाए रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने वकीलों को हर रोज सुबह और शाम 15 मिनट के लिए मिशेल से मिलने की समय सीमा तय कर दी है।

 

उधर क्रिश्चियन मिशेल के वकील अल्जो के जोसेफ ने कोर्ट में ईडी के इस दावे पर कि मिशेल को बाहर से सिखाया जा रह है पर अपनी सफाई दी है। जोसेफ ने कहा कि, ‘हम इससे इंकार नहीं कर रहे हैं कि, मिशेल ने हमें कागजात सौंपे थे लेकिन इसमें ईडी का दोष है कि, उन्होंने ऐसा होने दिया।’

प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में बताया कि, उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि, वह बड़ा आदमी कौन है जिसे क्रिश्चियन मिशेल और अन्य के बीच हुई बातचीत में “आर” के रूप में संदर्भित किया गया है। इडी ने कहा कि, इसके लिए उन्हें मिशेल और अन्य दूसरे लोगों को साथ बैठाकर पूछताछ करनी होगी ताकी यह समझा जा सके कि, वह “बड़ा आदमी” या “आर” कौन है?

बता दें कि, क्रिश्चियन मिशेल का 28 अगस्त, 2009 को लिखा एक पत्र सामने आया था जिससे कई राज पता चलते हैं। यह पत्र फिनमैकेनिका कंपनी के सीईओ जुगेपी ओरसी को लिखा गया था। इस पत्र में मिशेल ने बताया है कि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव बनाया था। साथ ही यह पत्र बताता हैं कि मिशेल को इस सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां पीएमओ और रक्षा मंत्रालय सहित सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिल रही थीं।

अब जब कोर्ट ने मिशेल की सात दिन की रिमांड और बड़ा दी है तो संभावना है कि, मिशेल से पूछताछ में और भी बहुत कुछ राज खुल सकते हैं। इनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े भी कई राज सामने आने की संभावना हैं जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका भी लग सकता है।

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