युपीए सरकार में हुए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में मोदी सरकार को बड़ी सफलता हासिल हुई है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के नेतृत्व में सीबीआई ने घोटाले के कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण में बड़ी सफलता पाई है। मिशेल को दुबई से लाने के इस अभियान को लीड समन्वय सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने किया था। इस अभियान में एनएसए अजीत डोभाल और अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव की जितनी भी तारीफ की जाए, कम होगी। उनके मजबूत प्रयासों से ही ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को मंगलवार रात यूएई से भारत लाया गया। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई के इस ऑपरेशन को ‘यूनिकॉर्न’ का नाम दिया गया था। सीबीआई ने बताया कि, एजेंसी के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम दुबई में प्रत्यर्पण के लिए गई थी। मिशेल के भारत लाए जाने से इस घोटाले की और परतें भी खुलने की संभावना हैं, जिससे कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ सकती है।
कौन है यह क्रिश्चियन मिशेल
सीबीआई के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स सौदे का ‘ऐतिहासिक परामर्शदाता’ है। उसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी व संचालनात्मक जानकारी थी। एजेंसी ने बताया कि वह कथित तौर पर बार-बार भारत आता रहता था। वह भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय में सेवानिवृत्त तथा मौजूदा अधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों पर सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए रक्षा खरीद के लिए बिचौलिये के तौर पर काम कर रहा था। सीबीआई के मुताबिक, हेलीकॉप्टर सौदे में अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत देने के लिए बिचौलिये के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई। आरोप है कि, मिशेल ने अपने साथियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा। इस घोटाले के सह आरोपियों में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। षड्यंत्र में संलिप्त अधिकारियों द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया गया।
भारत सरकार ने आठ फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लि़. को लगभग 55.62 करोड़ यूरो का ठेका दिया था। यह कथित घोटाला यूपीए सरकार में हुआ था। ऐसे में मिशेल का प्रत्यर्पण मोदी सरकार के लिए बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है। मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद सरकार को आशा है कि, उससे पूछताछ में कई खुलासे हो सकते हैं। कूटनीतिक स्तर पर यह भारत की बड़ी कामयाबी है। वहीं बीजेपी ने कहा, “मिशेल की गिरफ्तारी ने गांधी परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।” पार्टी का कहना है, “मिशेल की गिरफ्तारी दिखाती है कि, प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार को खत्म करने को लेकर बेहद गंभीर हैं।“
बता दें कि, यह कथित घोटाला जिस समय हुआ था, उस समय कांग्रेस सत्ता में थी। अब मिशेल के प्रत्यर्पण में सफलता मिलने के बाद सरकार को आशा है कि, मिशेल से पूछताछ में कई अहम जानकारियां और खुलासे हो सकते हैं। इस मामले में केवल कांग्रेसी नेता ही नहीं, बल्कि कुछ बड़े पत्रकार भी सुप्रीम कोर्ट की रडार में आए थे। इन पत्रकारों पर भी सौदा करवाने की एवज में रिश्वत खाने का आरोप लगा है। खबरों की मानें, तो इस सौदे में कांग्रेस के कई पूर्वमंत्रियों, दिग्गज नेताओं और कांग्रेस से नजदीकी रखने वाले कई बड़े अधिकारियों के भी नाम आने की संभावना है। ऐसे में कांग्रेस के लिए जल्द ही बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों और नजदीक आ रहे आम चुनावों के इस समय में यूपीए सरकार के इस घोटाले के एक बार फिर सुर्खियों में आने से कांग्रेस सकते में है। कांग्रेस पार्टी को चुनावों में इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।