पांच राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में मतगणना शुरू हो चुकी है। शुरूआती नतीजों से कुछ स्पष्ट कह पाना बहुत कठिन है। मुकाबला बेहद कड़ा है। किसी भी चुनावी पंडित के लिए किसी भी नतीजे पर कुछ स्पष्ट कह पाना मुश्किल नजर आ रहा है। सबके मुंह पर बस एक ही बात है कि जब तक अंतिम परिणाम न आ जाएं, तब तक कुठ कह पाना कठिन है।
अभी तक आए नतीजों के आधार पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बिल्कुल कांटे की टक्कर है। जबकि तेलंगाना में टीआरएस जीत रही है तो मिजोरम में कांग्रेस हार रही है। तेलंगाना और मिजोरम की बात करें तो तेलंगाना में कुल 119 सीटें हैं। इन 119 सीटों में अभी तक 60 सीटों पर जबकि कांग्रेस को मात्र 33 सीटों पर बढ़त पर है। जबकि वहीं अगर हम मिजोरम की बात करें तो मिजोरम में कुल 40 सीटें हैं। इन 40 सीटों में अभी तक एमएमएफ को 15 सीटों पर जबकि कांग्रेस का मात्र 12 सीटों पर बढ़त मिल रही है।
वहीं अगर राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो इन राज्यों में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालांकि छ्त्तीसगढ़ में बीजेपी थोड़ा सा पिछड़ती दिख रही है लेकिन जब तक आखिरी परिणाम न आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश और राजस्थान में तो चुनावी रुझानों की बात करें तो मानों लुका-छिपी का खेल कल रहा हो। एकदम कांटे की टक्करें चल रही हैं। यही दशा रही तो लगता है कि सरकार बनाने में निर्दलीय प्रत्याशी अहम रोल निभा सकते हैं।
इसलिए पांचों राज्यों का चुनावी नतीजा जानने के लिए अभी थोड़ा इंतेजार करना होगा। हालांकि तेलंगाना और मिजोरम में कांग्रेस हार चुकी है। बता दें कि पूर्वोत्तर में मिजोरम इकलौता ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस की सरकार थी लेकिन अब पूर्वोत्तर ने कांग्रेस को एकदम से उखाड़ फेंका है। कांग्रेस को मिजोरम में भी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। ये यह दर्शाता है कि अब कांग्रेस को पूर्वोत्तर के नागरिक भी पसंद नहीं कर रहे हैं।