मंगलवार को गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी फॉरमैट से संन्यास ले लिया। उन्होंने एक वीडियो के जरिये इसकी जानकारी दी। उन्होंने ये भी बताया दिल्ली की रणजी टेस्ट के लिए वो अपना आखिरी मैच खेलेंगे। उनके इस फैसले से लाखों फैंस में उदासी छा गयी। भारतीय क्रिकेट टीम में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है यही नहीं दो आईसीसी वर्ल्डकप जिताने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। वो जितने आक्रामक मैदान में रहे हैं वो राष्ट्रीय मुद्दों पर भी उतने ही आक्रामक रहे हैं।
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से सन्यास छोड़ने को लेकर उन्होंने अपने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने कहा, “काफी हिम्मत जुटाने के बाद आज मैं मेरी जिंदगी का सबसे कठिन फैसला लेने जा रहा हूं। शायद अब समय आ गया है इसलिए आज मैं आपके सामने हूं। लगभग 15 साल तक अपने देश के लिए खेलने के बाद आज मैं क्रिकेट के इस खूबसूरत गेम को अलविदा कह रहा हूं।“
उन्होंने आगे कहा, “आंध्र प्रदेश के साथ अगला रणजी मैच मेरे क्रिकेटिंग करियर का आखिरी मुकाबला होगा। वहीं पर अंत होगा जहां से सबकुछ शुरू हुआ था, फिरोजशाह कोटला क्रिकेट स्टेडियम।”
गौतम गंभीर द्वारा क्रिकेट को अलविदा कहने से कोई खुश तो नहीं लेकिन बहर्तीय क्रिकेट टीम में रहकर जो कामयाबी और बेहतरीन प्रदर्शन किये हैं उनपर एक नजर जरुर डाल कर हम एक बार फिर से उनकी भूमिका को याद कर सकते हैं।
साल 2003 में उन्होंने अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था जिसमें भारत का मुकाबला बांग्लादेश से था और आखिरी वन-डे उन्होंने साल 2013 यानी पांच साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेला था। गौतम गंभीर और सहवाग की विस्फोटक जोड़ी जब मैदान में उतरती थी बेहतरीन गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे। गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी अब भी देश की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी मानी जाती है।
जब अहमदाबाद में लगाया था अपना पहला शतक
साल 2005 में गौतम गंभीर ने श्री लंका के खिलाफ खेले गये मैच में पहला शतक लगाया था। जब भारत और श्री लंका का मैच चल रहा था तब भारत के समाने 285 रनों का लक्ष्य था और गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाज कमजोर नजर आ रहे थे लेकिन तब उस स्थिति में गौतम गंभीर ने 103 रन मारे थे और अपना पहला शतक लगाया था। हालांकि, भारत उस मैच को हार गया था लेकिन गौतम गंभीर सारा श्रेय ले गये थे।
ईडन गार्डन में श्री लंका के खिलाफ गंभीर की शानदार पारी
24 दिसंबर 2009 ईडन गार्डन में एकदिवसीय मैच में श्री लंका के खिलाफ भारत मैदान में उतरा था तब गौतम गंभीर ने 150 रन बनाये थे। सचिन और सहवाग मैदान से आउट होकर जा चुके थे और भारत के सामने 315 रनों का बड़ा लक्ष्य था। उस स्थिति से भारत को उबारने में जिस बल्लेबाज ने अहम भूमिका निभाई थी वो गौतम गंभीर और विराट कोहली थे। गौतम गंभीर की शानदार पारी की बदौलत भारत की जीत हुई थी।
पाकिस्तान के खिलाफ उनकी ताबड़तोड़ बैटिंग
साल 2007 वो समय जब भारत पहली बार वर्ल्ड टी-20 का चैंपियन बना था और इस मैच के हीरो गंभीर थे जिन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाये थे। पाकिस्तान और भारत का मैच हमेशा ही रोमांचक होता है और तब गंभीर की शानदार पारी की बदौलत भारत को जीत मिली थी। तब धोनी की कप्तानी में भारत ने चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के सामने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए थे। इस मैच में अकेले गंभीर ने 54 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्के की मदद से 75 रन बनाए थे।
मुंबई में श्री लंका के खिलाफ शानदार पारी
बात साल 2011 की है, मुंबई में श्रीलंका के खिलाफ विश्वकप के फाइनल मुकाबले में भारत के सामने 275 रनों का लक्ष्य रखा था। तब गंभीर ने अकेले ही भारतीय टीम के लिए 97 रन की पारी खेली थी।
हमेशा ही अलग अलग हालात में गौतम गंभीर ने भारतीय टीम के लिए शानदार पारी खेली है और कभी अपने फैंस को निराश नहीं किया है। उनकी कमी हमेशा दर्शकों को महसूस होगी।