कमलनाथ के यूपी-बिहार वाले बयान को नकार नहीं रहे राहुल गांधी

PC: Jansatta

कमलनाथ राहुल गांधी यूपी बिहार

किसी राज्य में युवा बेरोजगार हैं, तो यूपी और बिहार के लोग जिम्मेदार हैं। अगर अपराध बढ़ रहा है, तो यूपी और बिहार के लोग जिम्मेदार हैं। किसी राज्य में बीमारियां ज्यादा फैल जाएं, तो यूपी और बिहार के लोग जिम्मेदार हैं। दरअसल बात यह है कि यूपी और बिहार के लोग, राजनीतिक पार्टियों के लिए अपनी नाकामी छुपाने का एक अच्छा बहाना बन गए हैं। मध्यप्रदेश में कमलनाथ अभी कांग्रेस की ओर से नए-नए मुख्यमंत्री बने ही थे, और उन्होंने राज्य में बेरोजगारी का ठीकरा, यूपी-बिहार वालों के सिर फोड़ दिया। अपने कार्यकाल के पहले दिन ही, उन्होंने फैसला किया कि, मध्य प्रदेश में ऐसे उघोगों को छूट दी जाएगी, जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों के लिए हो। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी अब कमलनाथ के बयान को गलत नहीं बता रहे हैं। 

कमलनाथ के बयान पर जब मीडिया ने राहुल गांधी से सवाल किया, तो उनका कहना था कि उन्हें कमलनाथ के कोटा प्रॉमिस के बारे में जानकारी नहीं है और वे इस बारे में कमलनाथ से चर्चा करेंगे। अब सवाल यह उठता है कि, कमलनाथ के इस बयान पर, कांग्रेस द्वारा चर्चा क्या की जाएगी? राहुल के इस रवैये से स्पष्ट है, कि वे कमलनाथ के बयान से कुछ तो सहमती रखते हैं। वहीं जब कलमनाथ के यूपी बिहार वाले बयान से हाथों-हाथ पूरे देश में विवाद हो गया और सोशल मीडिया पर इस बयान की खूब भर्त्सना हो रही थी, ऐसे में राहुल गांधी को कमलनाथ के बयान के बारे में कैसे पता नहीं चला।

ऐसा लगता है कि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की पार्टी में चलती ही नहीं है। पार्टी के नेता क्या फैसले कर रहे हैं लगता है इसकी उन्हें कोई खबर ही नहीं होती। किसी भी राज्य में जब नई सरकार बनती है तो पहले दिन सबसे बड़े और जरूरी फैसले लिये जाते हैं। इन फैसलों पर अवश्य ही पार्टी आलाकमान की राय ली जाती होगी। कमलनाथ ने भी सराकार बनते ही उद्योगों को विशेष शर्त पर छूट देने का फैसला लिया है। ऐसे में राहुल गांधी का इस फैसले से अनजान होना चौंकाता है।

बता दें कि, कमलनाथ लंबे समय तक केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। अगर उन्होंने बिहार के लोगों के लिए पूरे प्रयास किये होते, तो आज बिहार के लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत ही क्यों पड़ती? बिहार को जानने वाले विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि, बिहार क्यों पिछड़ा है और वहां रोजगार क्यों नहीं हैं? ये सवाल, पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह से भी पूछा जाना चाहिए।

योगी ने कमलनाथ के बयान पर मंगलवार को ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से देश से माफी मांगने की मांग कर डाली है। अपने ट्वीट में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है एवं कांग्रेस के विभाजन और विघटनकारी मंसूबों को प्रदर्शित करता है। वहीं बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने इस संबंध में ट्वीट किया है कि, “राहुल गांधी यूपी बिहार के लोगों से माफी मांगिए नहीं तो आपको यूपी बिहार में घुसने नहीं देंगे। आपकी यही नीति रही है। महाराष्ट्र से लेकर असम तक में कांग्रेस ने पूरब के लोगों का वोट लेकर उन्हीं को मरवाया, अपनानित किया है। अब एमपी में भी यही घटिया खेल खेला जा रहा है।” वहीं कमलनाथ के बयान की अखिलेश यादव ने भी आलोचना की है।

दरअसल कांग्रेस को भी पता है कि, यूपी और बिहार के पक्ष में बोलो या विपक्ष में जनता उसे कभी वोट नहीं देगी। ऐसे में कांग्रेस मध्यप्रेदश में बेरोजगारी का ठीकरा, सीधे तौर पर यूपी बिहार वालों के सिर फोड़कर क्या इन राज्यों के लोगों के बीच हिंसा भड़काना चाहती है। सवाल यह है कि क्यों देश की सबसे पुरानी पार्टी, राज्यों के बीच फूट डालने का काम कर रही है। इससे पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अल्पेश ठाकोर ने गुजरात की जनता को यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ भड़काने का काम किया था।

आपको बता दें कि खुद कमलनाथ, उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं। और उनके सिद्दांत के अनुसार अगर देखा जाए, तो उन्होंने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की ही नौकरी खा ली है।

दरअसल, कमलनाथ नहीं जानते, कि यूपी-बिहार वाले कितना एडजस्ट करते हैं। वे जनरल डिब्बे के शौचालय में खड़े होकर यात्रा करने से लेकर, ओवरब्रिज के नीचे रात गुजारने तक, बहुत कुछ एडजस्ट करते हैं। लेकिन किसी ने कभी उन्हें, विद्रोह करते नहीं देखा होगा। राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में, कमलनाथ के इस बयान की खूब थू-थू हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, क्या कांग्रेस पार्टी, कमलनाथ के इस बयान से किनारा करती है, या उनके फैसले का ही समर्थन करती है।

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